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बलरामपुर : जिला स्तरीय शिक्षक-शिक्षिका उन्मुखीकरण वर्चुअल प्रशिक्षण सम्पन्न

 द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा 


मां केवल संतान को जन्म नहीं देती बल्कि उन्हें शिक्षा भी देती है-जिला शिक्षा अधिकारी

बलरामपुर : राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार 05 वर्ष से 8 वर्ष तक के बच्चों के शैक्षिक गुणवत्ता के संवर्धन के लिए “अंगना म शिक्षा कार्यक्रम” के तहत् दक्षताओं को प्राप्त करने के लिए जिला स्तरीय शिक्षक-शिक्षिका उन्मुखीकरण वर्चुअल प्रशिक्षण 22 से 26 जुलाई तक 3 चरणों में आयोजित किया गया।
 
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प्रथम चरण में राजपुर, बलरामपुर, द्वितीय चरण में वाड्रफनगर कुसमी तथा तीसरे चरण में रामचन्द्रपुर विकासखण्ड सम्मिलित रहा। जिसमें जिला स्तर के मास्टर ट्रेनर के द्वारा विकासखण्ड स्तर पर चयनित मास्टर ट्रेनर एवं संकुल समन्वयकों को प्रशिक्षण दिया गया।
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प्रशिक्षण कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से जुड़े जिला शिक्षा अधिकारी श्री बी.एक्का ने अपने संबोधन में कहा कि “मां केवल संतान को जन्म नहीं देती बल्कि उन्हें शिक्षा भी देती है, इसलिए माताओं को प्रथम गुरू भी माना जाता है।”

कोरोना संक्रमण काल के कारण विगत 15 माह से स्कूलों में ताला बंदी की स्थिति बनी हुई है, इस परिस्थिति में माताएं ही अपने बच्चों को मूलभूत शिक्षा एवं गणितीय कौशल का विकास घर पर ही करा सकती हैं, इस हेतु हमें माताओं का उन्मुखीकरण कराना आवश्यक है। ताकि इस कोरोना महामारी के दौरान भी बच्चे पढ़ाई से जुड़े रहें।

जिला मिशन समन्वयक श्री रामप्रकाश जायसवाल ने प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कहा कि छोटे बच्चों के शिक्षा गुणवत्ता संवर्धन पर काम करना बहुत ही कठिन होता है, इस कार्यक्रम द्वारा माताओं के सहयोग से बच्चों को इस कार्य में जोड़े रखना बहुत महत्वपूर्ण होगा। जिससे प्राथमिक स्तर के बच्चों में शैक्षिक गुणवत्ता संवर्धन जो कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में उल्लेखित लक्ष्य है, उसे भी हम आसानी से प्राप्त कर लेंगे।

सहायक परियोजना अधिकारी श्री आनंद प्रकाश गुप्ता ने कहा कि “अंगना म शिक्षा कार्यक्रम निपूर्ण भारत के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अच्छा एवं सशक्त माध्यम है जो माताओं एवं पालकों के सहयोग से प्राप्त किया जा सकता है।”

जिला स्तरीय रिसोर्स पर्सन श्रीमती मंजीता पटेल ने कार्यक्रम की आवश्यकता, उद्देश्य एवं  रूपरेखा का नियोजन कर विस्तार से प्रकाश डाला। प्रशिक्षण में चित्र पर बातचीत, कहानी, कविता सुनाना, आओ लिखना सीखे, चलों खेल खेलें, आओ शब्द बनाएं, आओ नाचे-गाएं, आओ कुछ अलग करें, क्रम सजाना, गिनती सीखना, जोड़ना, घटाना तथा अंककूद और शिक्षकों एवं माताओं की भूमिका व दायित्व पर विस्तार से चर्चा श्रीमती कुन्ती नाग द्वारा किया गया। इस वर्चुअल प्रशिक्षण में विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक वर्चुअल माध्यम से सम्मिलित हुए।

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