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जशपुर : कलेक्टर ने गोठानों में रोका-छेका आयोजन करने के संबंध में अधिकारियों की बैठक ली

 द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा 

 
20 जून को ग्राम पंचायतों में सरपंच-सचिवों की बैठक लेकर जानकारी देने के निर्देश दिए है

गोठानों में पशु चिकित्सा एवं स्वास्थ्य शिविर का भी आयोजन किया जाएगा

स्व-सहायता समूह की महिलाएं अपने हाथों से बनाए गए सामग्री का भी प्रदर्शनी लगाएंगी

जशपुर : कलेक्टर श्री महादेव कावरे ने गोठानों में रोका-छेका कार्यक्रम के आयोजन के संबंध में आज सभी एसडीएम, जनपद सीईओ, कृषि विभाग के अधिकारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, पशु पालन अधिकारी और सरपंच, सचिवों की वर्चुअल बैठक ली। उन्होंने गांवों में कोटवारों के माध्यम से मुनादी करवाने के लिए भी कहा हैं साथ ही समस्त जनपद पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा है कि 20 जून 2021 को रोका-छेका आयोजन के संबंध में ग्राम पंचायत स्तर पर सरपंच सचिवों को बैठक लें।  

उन्होंने कहा कि रोका-छेका कार्यक्रम में पशुओं के लिए गोठानों में पशुपालन विभाग द्वारा पशु चिकित्सा एवं स्वास्थ्य शिविर भी लगाया जाएगा और पशुओं का ईलाज कराया जाएगा। ग्राम पंचायत के सभी गोठानों में रोका-छेका का आयोजन करने के लिए कहा गया है। कोटवारों के माध्यम से ग्राम पंचायतों में मुनादी कराने के लिए भी कहा गया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में आगामी फसल बुआई कार्य के पूर्व खुले में चराई कर रहे पशुओं के नियंत्रण हेतु रोका-छोका प्रथा प्रचलित है। जिसमें फसल बुआई को बढ़ावा देने तथा पशु के चरने से फसल को को होने वाली हानि से बचाने के लिये पशुपालक तथा ग्रामवासियों द्वारा पशुओं को बाधकर रखने अथवा पहटिया (चरवाहा) की व्यवस्था इत्यादि कार्य किया जाता है।

कलेक्टर ने कहा कि इस प्रयास से न सिर्फ कृषक शीघ्र बुआई कार्य संपादित कर पाते है अपितु द्वितीय फसल लेने हेतु प्रेरित होते है। विगत वर्ष के भांति इस वर्ष भी उक्त प्रथा अनुसार व्यवस्था की सुनिश्चितता हेतु 20 जून 2021 तक ग्राम स्तर पर बैठक आयोजित कर ग्राम सरपंच, पंच, जनप्रतिनिधि तथा ग्रामीणजन निर्णय लेवें । 20 जून 2021 तक ग्राम स्तर पर बैठक आयोजित करवाये, जिसमें रोका-छेका प्रथा अनुरूप पशुओं को बांधकर रखने, पशुओं के नियंत्रण से फसल बचाव का निर्णय ग्राम सरपंच, पंच, जनप्रतिनिधियों तथा ग्रामीणों के द्वारा ली जाये। रोका-छेका प्रथा अंतर्गत गौठानों में पशुओं के प्रबंधन व रख-रखाव की उचित व्यवस्था हेतु गौठान प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित की जाये। ऐसे गौठान जो सकिय परिलक्षित नहीं हो रहे है यहाँ आवश्यकतानुसार माननीय प्रभारी मंत्री जी के अनुमोदन से समिति में संशोधन कर सदस्यों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाये। पहटिया, चरवाहे की व्यवस्था से पशुओं का गौठानों में व्यवस्थापन सुनिश्चित करायें।

उन्होंने कहा कि गौठानों में पशु चिकित्सा तथा स्वास्थ्य शिविर का आयोजन करावे। वर्षा के मौसम में गौठानों में पशुओं के सुरक्षा हेतु व्यापक प्रबंध किया जाये। वर्षा से जल भराव की समस्या दूर करने के लिये गौठानों में जल निकास की समुचित व्यवस्था की जावे तथा गौठान परिसर में पशुओं के बैठने हेतु कीचड़ आदि से मुक्त स्थान की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये। वर्षा, बाढ़ से गौधन न्याय योजना अंतर्गत कय गोबर, उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट को सुरक्षित रखने के प्रबंध किये जाये। जैविक खेती हेतु वर्मी कम्पोस्ट एवं सूपर कम्पोस्ट की महत्ता का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये। गौधन न्याय योजना अंतर्गत उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट एवं सूपर कम्पोस्ट के खेती में उपयोग हेतु कृषकों को प्रेरित किया जावे। गौठान में पर्याप्त चारा (पैरा आदि) की व्यवस्था की जाये। गौठानों से संबद्ध स्वसहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री का प्रदर्शन करावे। इस कार्य हेतु स्थानीय प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाकर, ग्रामीणजनों की सहभागिता निश्चित करें।

उपरोक्तानुसार कार्य को प्रत्येक गौठान में अतिप्राथमिकता से किये जाने हेतु निर्देशित है। बैठक आयोजन में कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाये। कार्यक्रम आयोजन की प्रगति मय फोटोग्राफ्स  [email protected], [email protected]  पर प्रेषित करें। साथ ही प्रगति को सोशल मीडिया (फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम इत्यादि) पर पोस्ट करें।
 

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