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- उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोतवाली काकोरी में हरदोई रोड पर रोडवेज बसों की आमने-सामने की भीषण टक्कर हुई है। हादसे में छह यात्रियों की मौत हो गई है, जबकि कई लोग घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिनमें से कई की हालत गंभीर बनी हुई है।
जानकारी के मुताबिक ट्रक को ओवर टेक कर आगे निकली रोड वेज बस हरदोई की तरफ से आ रही रोड वेज बस से आमने सामने जा भिड़ी। सुबह करीब 6 बजे हरदोई रोड पर अमेठीया मोड़ के पास हादसा हुआ। लखनऊ से रोडवेज बस हरदोई की तरफ जा रही थी तभी रास्ते मे हरदोई रोड पर अमेठीया मोड़ पड़ाका फैक्ट्री के पास ट्रक को ओवर टेक कर आगे निकली यह बस हरदोई की तरफ से सामने से आ रही रोडवेज बस टकरा गई। वहीं पीछे से आ रहा ट्रक भी बसों में भिड़ गया। आमने सामने टक्कर से बसों के परखच्चे उड़ गए।
हादसा इतना भीषण था कि बसों के परखच्चे करीब 500 मीटर के दायरे में फैल गए । हादसे में रोड किनारे होटल पर बैठे लोग भी चपेट आ गए। टक्कर के बाद बसे व ट्रक आपस मे फंस गए। राहगीरो ने हादसे की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने जेसीबी व क्रेन बुलाकर फंसी बसों व ट्रक को अलग कर घायलों व मृतको को बाहर निकाला। करीब 3 घण्टे बचाव कार्य चला। पुलिस ने घायलों को इलाज़ के लिए ट्रामा सेंटर भेजा ।
मौके पर जेसीपी नवीन अरोरा व डीसीपी साउथ राइस अख्तर ,सुरेश चन्र्द रावत ,पहुँचे। डीसीपी साउथ के मुताबिक हादसे में छह लोग की मौत की सूचना की पुष्टि है। हादसे में करीब डेढ़ दर्जन लोगों के घायल होने की भी पुष्टि की वहीं मौके पर कैसर बाग बस डिपो के एआरएम गौरव वर्मा भी पहुँचे। गौरव वर्मा ने बताया कि मृतको में बसों के दोनो चालक भी शामिल है। वही ट्रक चालक हादसे में सुरक्षित बच गया।
एसीपी एसएम कासिम आबिदी ने इसकी पुष्टि की है। मृतकों में नितेश भारती, लकी सक्सेना, राजेंद्र सक्सेना, सरवाघार, हरीराम व एक महिला शामिल है। - एजेंसीनई दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी की वजह से वैश्विक पर्यटन उद्योग पूरी तरह 'ध्वस्त हो गया है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने मंगलवार को कहा कि इस महामारी की वजह से पर्यटन उद्योग को इस साल के पहले पांच महीनों में 320 अरब डॉलर के निर्यात का नुकसान हुआ है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पर्यटन उद्योग में 12 करोड़ नौकरियां खतरे में हैं।
गुतारेस ने वीडियो संबोधन में कहा कि पर्यटन वैश्विक अर्थव्यवस्था का ईंधन और रसायन के बाद तीसरा सबसे बड़ा निर्यात क्षेत्र है। 2019 में वैश्विक व्यापार में इसका हिस्सा सात प्रतिशत रहा था। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि पृथ्वी पर प्रत्येक 10 में से एक व्यक्ति को इस क्षेत्र में रोजगार मिला हुआ है।
उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र सिर्फ अर्थव्यवस्थाओं को आगे बढ़ने में ही मदद नहीं करता, बल्कि इसके जरिये लोगों को दुनिया की संस्कृति को जानने तथा प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद उठाने का अवसर भी मिलता है। इसके जरिये लोगों को एक-दूसरे को जानने का मौका मिलता है। गुतारेस ने कहा कि 2020 के पहले पांच महीनों में महामारी की वजह से अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की आवाजाही 50 प्रतिशत से भी अधिक घट गई है। क्षेत्र की आय बुरी तरह प्रभावित हुई है।
गुतारेस ने कहा कि यह अमीर विकसित देशों के लिए एक 'बड़ा झटका है, लेकिन विकासशील देशों लिए तो 'आपात स्थिति है। इनमें कई छोटे द्वीपीय विकासशील देश और अफ्रीकी देश शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में पर्यटन क्षेत्र का हिस्सा 20 प्रतिशत से अधिक है। - बेंगलुरु : कर्नाटक मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के दौरे के विरोध में किसानों ने बेलगावी हवाई अड्डे पर सड़क जाम कर दिया। किसान बाढ़ के दौरान अपनी क्षतिग्रस्त फसलों के लिए राज्य सरकार द्वारा पिछले साल घोषित मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
बता दें कि मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री किसान योजना से राज्य के 52.5 लाख किसानों को लाभ मिलने की जानकारी साझा की थी। इस दौरान उन्होंने बताया था कि 1,049 करोड़ रुपये का पहला किश्त उनके खाते में किसानों के खाते में आया है। गौरतलब कि पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश के किसानों के लिए एक लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की घोषणा की थी।
इस योजना के बाद बाद येदियुरप्पा ने ट्वीट कर कर कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार मानती है कि भारत का भविष्य उसके किसानों के कल्याण में निहित है। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री किसान योजना के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय का शुक्रिया अदा किया, जिससे कर्नाटक में 52.5 लाख किसानों को लाभ मिला है। - नई दिल्ली : वरिष्ठ अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगने से इनकार कर दिया है। भूषण ने शीर्ष अदालत में अपना बयान दाखिल कर कहा है कि उनका बयान सद्भावनापूर्ण था और मांफी मांगने पर उनकी अंतरात्मा की अवमानना होगी।
प्रशांत भूषण ने कहा, मेरा मानना है कि सुप्रीम कोर्ट मौलिक अधिकारों के संरक्षण के लिए आशा का अंतिम गढ़ है। उन्होंने कहा, मेरा बयान सद्भावनापूर्थ था और अगर मैं इस अदालत से माफी मांगता हूं तो ये मेरी अंतरात्मा और उस संस्थान की अवमानना होगी जिसमें मैं सर्वोच्च विश्वास रखता हूं।गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील को अदालत की अवमानना का दोषी माना है। ऐसे में उन्हें बिना शर्त माफी मांगने का मौका दिया गया था, जिसकी समयसीमा का आखिरी दिन आज था।
पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने अवमानना मामले में सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था। शीर्ष अदालत ने भूषण को अपने बयान पर विचार करने के लिए कहा था। अदालत का कहना था कि भूषण चाहें तो 24 अगस्त तक बिना शर्त माफीमाना दाखिल कर सकते हैं। यदि ऐसा नहीं होता है तो 25 अगस्त को अदालत उनके खिलाफ सजा पर फैसला सुनाएगी।
मैं नहीं करता दया की अपील: प्रशांत भूषणअदालत के फैसले पर प्रशांत भूषण ने कहा कि मुझे पीड़ा है कि मुझे अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया गया है। जिसकी महिमा मैंने दरबारी के रूप में नहीं बल्कि 30 सालों से एक संरक्षक के रूप में बनाए रखने की कोशिश की है। मैं सदमे में हूं और इस बात से निराश हूं कि अदालत इस मामले में मेरे इरादों का सबूत दिए बिना ही निष्कर्ष पर पहुंची है। उन्होंने महात्मा गांधी के एक बयान का जिक्र करते हुए कहा कि मैं दया की अपील नहीं करता हूं। अदालत से जो भी सजा मिलेगी वो मुझे मंजूर है।
क्या है पूरा मामला22 जून को वरिष्ठ वकील ने अदालत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एसए बोबडे और चार पूर्व मुख्य न्यायाधीशों को लेकर टिप्पणी की थी। इसके बाद 27 जून के ट्वीट में प्रशांत भूषण ने सर्वोच्च न्यायालय के छह साल के कामकाज को लेकर टिप्पणी की थी। इन ट्वीट्स पर स्वत: संज्ञान लेते हुए अदालत ने उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की थी।
अदालत ने उन्हें नोटिस भेजा था। इसके जवाब में भूषण ने कहा था कि सीजेआई की आलोचना करना उच्चतम न्यायालय की गरिमा को कम नहीं करता है। उन्होंने कहा था कि पूर्व सीजेआई को लेकर किए गए ट्वीट के पीछे मेरी एक सोच है, जो बेशक अप्रिय लगे लेकिन अवमानना नहीं है।
- एजेंसीहैदराबाद : हैदराबाद में 25 साल की एक महिला ने आरोप लगाया है कि बीते कई साल में 139 से ज्यादा लोगों ने उसका यौन उत्पीड़न किया है. महिला की शिकायत के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है.
पीड़ित महिला की साल 2010 में शादी हुई थी लेकिन साल भर के अंदर उसका तलाक हो गया. शिकायत में महिला ने यह आरोप भी लगाया है कि उसके पूर्व पति के घरवालों में भी कुछ ने उसका यौन उत्पीड़न किया. महिला की शिकायत पर आईपीसी की धारा और एससी/एसटी एक्ट के तहत गुरुवार को एफआईआर दर्ज कर ली गई. पुलिस ने 42 पन्नों में एफआईआर दर्ज की है. महिला का मेडिकल परीक्षण करा लिया गया है.
पुलिस ने क्या बताया
हैदराबाद के पुंजूगुट्टा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है. इस थाने के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि महिला की शिकायत के आधार पर एक मुकदमा दर्ज किया गया है और आगे की जांच शुरू कर दी गई है. महिला के मुताबिक उसे धमकियां दी जाती रहीं और बीते कई साल में 139 से ज्यादा लोगों ने उसका यौन उत्पीड़न किया. ये वारदात अलग-अलग जगहों पर किए जाने का आरोप लगाया गया है.
इस मामले में सवाल ये भी उठा कि इतने वर्षों बाद केस क्यों दर्ज कराया गया, जबकि मामला गंभीर था. इस पर महिला का कहना है कि उसे आरोपियों से डर था क्योंकि समय-समय पर उसे धमकाया जाता था. डर की वजह से वह पुलिस में नहीं गई और मुकदमा दर्ज होने में देर होती रही. हालांकि, अब केस दर्ज कर जांच की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. पुलिस के मुताबिक आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है.
नामचीन लोगों पर आरोप
जिन लोगों पर आरोप लगाए गए हैं उनमें फिल्म इंडस्ट्री के लोग, छात्र नेता, राजनेताओं के पीए, वकील, मीडियाकर्मी और बिजनेसमैन शामिल हैं. महिला ने कहा कि शादी के बाद उसके ससुराल वाले शारीरिक और यौन उत्पीड़न करने लगे और इस वजह से उसने तलाक ले लिया. बाद में उसने अपने होमटाउन में एक कॉलेज में दाखिला लिया जहां उसे यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा. उस वक्त उसने बात नहीं उठाई क्योंकि आरोपियों ने उसकी पिक्चर ले ली थी और वीडियो भी बना लिए थे. उसे जान से मारने की धमकी दी गई थी.
महिला ने आरोप लगाया है कि कई बार उसे सिगरेट से जलाया गया. एक एनजीओ से मदद मिलने के बाद उसने पुलिस में केस दर्ज कराया. आईपीसी की धारा 376(2), 509, 354 (a) 354 (b) 354 (c) में मकदमा दर्ज हुआ है. - एजेंसीनई दिल्ली : दुनिया में कोरोना की रफ्तार जारी है. कोरोना महामारी के मामले अब बढ़कर 2.29 करोड़ के पार पहुंच गए हैं. वहीं कोविड-19 संक्रमण से मरने वालों की संख्या अब 7.97 लाख से ज्यादा हो गई है. अमेरिका, ब्राजील, भारत और रूस में इसका सबसे ज्यादा असर है. भारत में कोरोना से संक्रमितों की संख्या 30 लाख के करीब पहुंच गई है. वहीं, 22 लाख से ज्यादा लोग इस महामारी से ठीक होकर घर पहुंच गए हैं. हालांकि, भारत में 55,794 हजार कोरोना मरीज अपनी जान गंवा चुके हैं.दिल्ली में 13 मरीजों की मौतदिल्ली में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 1,250 नए मामले सामने आने के बाद शहर में कुल मामलों की संख्या बढ़कर 1,58,604 हो गई. दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के ताजा बुलेटिन के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में इस घातक वायरस के कारण 13 मरीजों की मौत होने के साथ ही यहां अब तक संक्रमण से 4,270 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं, गुरुवार को कोविड-19 के 1,215 नए मामले सामने आए थे, जबकि 22 मरीजों की मौत हुई थी. दिल्ली में 23 जून को एक ही दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के सर्वाधिक 3,947 मामले सामने आए थे.
महाराष्ट्र में कोरोना के 14,161 नए केसमहाराष्ट्र में शुक्रवार को कोरोना वायरस के 14,161 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही राज्य में इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 6,57,450 हो गई. राज्य के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 339 मरीजों की मौत हो जाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 21,698 हो गई. इस बीच 11,749 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई. इसके साथ ही स्वस्थ हुए मरीजों की संख्या 4,70,873 हो गई. राज्य में मरीजों के स्वस्थ होने की दर 71.62 है जबकि मृत्यु दर 3.30 प्रतिशत है. राज्य में अभी 1,64,562 लोग इस वायरस से संक्रमित हैं. - एजेंसीनई दिल्ली : देश में कोरोना संक्रमण के मामले हर रोज नया रिकॉर्ड कायम कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से हर रोज 50 हजार से अधिक कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। इस बीच देश की अग्रणी प्राइवेट लैब ने दावा किया कि देश में हर चार लोगों में एक व्यक्ति कोरोना से संक्रमित हो सकता है। लैब का दावा है कि कोरोना के आधिकारिक आंकड़ों से असल आंकड़े कहीं ज्यादा हो सकते हैं। थायरोकेयर पैथोलॉजी के डॉक्टर ए. वेलुमणि ने कहा कि 270000 एंटिबॉडी टेस्ट का विश्लेषण किया गया, जिसके नतीजों में यह बात सामने आई है कि 26 फीसदी लोगों में पहले से ही कोरोना की एंटीबॉडी मौजूद हैं। इससे यह संकेत मिलता है कि ये लोग पहले ही कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और खुद ही ठीक भी हो गए हैं।
उम्मीद से कहीं ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित डॉक्टर वेलुमणि ने कहा कि यह आंकड़ा अपेक्षा से कहीं ज्यादा है। एंटीबॉडी की मौजूदगी सभी उम्र के लोगों में एक समान है, यहां तक कि बच्चों में भी यह एक समान है। थायरोकेयर के यह नतीजे मुंबई शहर के सरकारी सर्वेक्षणों के आधार पर ही किए गए हैं, जिससे यह पता चला है कि भीड़-भाड़ वाली बस्तियों में 57 फीसदी आबादी कोरोना वायरस से संक्रमित थी। बता दें कि थायरोकेयर का सर्वे उन मरीजों के टेस्ट पर आधारित है जिन्होंने पैसे देकर अपना कोरोना टेस्ट कराया है। देश के 600 शहरों में पिछले सात हफ्तों में लोगों ने थायरोकेयर में कोरोना टेस्ट कराया है।
40 फीसदी आबादी हो सकती है संक्रमित डॉक्टर वेलुमणि ने कहा कि अगर मौजूदा ट्रेंड जारी रहता है तो देश की 40 फीसदी आबादी के अंदर दिसंबर माह तक कोरोना का एंटिबॉडी डेपलप हो सकता है। बता दें कि देश में मौजूदा समय में कोविड-19 पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 29,05,824 हो गई है, जिसमें 6,92,028 सक्रिय मामले, 21,58,947 ठीक/डिस्चार्ज/ विस्थापित मामले और 54,849 मौतें शामिल हैं।
टेस्टिंग में इजाफा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार, 20 अगस्त तक कोरोना वायरस के लिए कुल 3,34,67,237 सैंपल टेस्ट किए गए, जिनमें से 8,05,985 सैंपल गुरुवार को टेस्ट किए गए। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण का कहना है कि देश में पिछले 24 घंटों में 9,18,470 कोविड-19 टेस्ट किए गए हैं। टेस्ट प्रति मिलियन की संख्या अब 23,668 हो गई है। भारत में अब तक लगभग 21 लाख लोग रिकवर हो चुके हैं। इसी के साथ भारत की रिकवरी दर 74% हुई है। - बिहार : राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के समधी और विधायक चंद्रिका राय ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है. चंद्रिका राय ने दो आरजेडी विधायकों के साथ नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) में शामिल हो गए हैं. चंद्रिका राय, तेज प्रताप यादव के ससुर हैं.
चंद्रिका राय के साथ आरजेडी के दो और विधायक जेडीयू में शामिल हुए हैं. ये फराज फातमी और जयवर्धन यादव हैं. चंद्रिका राय छपरा के परसा विधानसभा सीट से विधायक हैं. बीते दिनों तेज प्रताप यादव और उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय के बीच रिश्ते बेहद खराब हो गए थे, जिसके बाद चंद्रिका राय ने आरजेडी छोड़ दी.
चंद्रिका राय के अलावा जेडीयू में शामिल होने वाले जयवर्धन यादव पटना के पालीगंज विधानसभा सीट से विधायक हैं. उनके अलावा दरभंगा के केवटी से आरजेडी विधायक फराज फातमी भी जेडीयू में शामिल हो गए. दो दिन ही फराज फातमी को आरजेडी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था.
पूर्व सांसद और एक वक्त लालू के करीबी रहे अशरफ अली फातमी के बेटे फराज फातमी के साथ प्रेमा चौधरी और महेश्वर यादव को भी आरजेडी ने बाहर का रास्ता दिखाया था. महेश्वर यादव और प्रेमा चौधरी अगले ही दिन जेडीयू ज्वॉइन कर लिया था. - नई दिल्ली : केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को कई महत्वपूर्ण फैसलों का एलान किया। बताया गया कि देश के तीन और हवाईअड्डों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए लीज पर दिया गया है। साथ ही राष्ट्रीय भर्ती संस्था (एनआरए) को अधीनस्थ पदों के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट आयोजित करने का अधिकार दे दिया गया है। इसके अलावा, गन्ने का उचित एवं लाभकारी (एफआरपी) दाम 10 रुपये बढ़ाकर 285 रुपये कुंतल करने को मंजूरी दी गई है।केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को बताया कि गन्ने का उचित एवं लाभकारी (एफआरपी) दाम 10 रुपये बढ़ाकर 285 रुपये कुंतल करने को मंजूरी दी गई है। यह दाम गन्ने के अक्तूबर 2020 से शुरू होने वाले नए विपणन सत्र के लिए तय किया गया है।जावड़ेकर ने कहा कि मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। बैठक में गन्ने का 2020- 21 (अक्तूबर- सितंबर) विपणन वर्ष के लिए एफआरपी दाम 10 रुपये कुंतल बढ़ाने को मंजूरी दी गई।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, नौकरी के लिए युवाओं को बहुत से टेस्ट देने होते हैं। इसे समाप्त करने के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। राष्ट्रीय भर्ती संस्था (एनआरए) कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट लेगी जिसका करोड़ों युवाओं को फायदा मिलेगा।
उन्होंने कहा, 1 करोड़ गन्ना किसानों के लिए लाभकारी मूल्य बढ़ाकर 285 रुपये प्रति कुंतल निश्चित हुआ है। ये 10 फीसदी रिकवरी के आधार पर है। अगर रिकवरी 9.5 फीसदी या उससे भी कम रहती है तो भी गन्ना किसानों को संरक्षण देते हुए 270 रुपये दाम मिलेगा।
जावड़ेकर ने कहा, इथेनॉल भी सरकार अच्छे दाम पर लेती है। सरकार ने पिछले साल 60 रुपये प्रति लीटर के दाम पर 190 करोड़ लीटर इथेनॉल खरीदा था।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उज्जवल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना के तहत पिछले साल के राजस्व के कार्यशील पूंजी की 25 फीसदी की सीमा से ऊपर डिस्कॉम को ऋण देने के लिए पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन और रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन को एकमुश्त छूट देने की मंजूरी दी।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि केंद्रीय कैबिनेट ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) के जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डों को लीज पर देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
सरकार के लिए सचिव सी चंद्रमौली ने कहा कि केंद्रीय सरकार में लगभग 20 से अधिक भर्ती एजेंसियां हैं। यद्यपि हम अभी तक केवल तीन एजेंसियों की परीक्षा कर रहे हैं, समय के साथ हम सभी भर्ती एजेंसियों के लिए सामान्य पात्रता परीक्षा कर पाएंगे।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सरकारी नौकरियों के कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट करवाने के निर्णय को लेकर कहा, यह स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे ऐतिहासिक सुधारों में से एक है। यह भर्ती, चयन, नौकरी में आसानी और विशेष रूप से समाज के कुछ वर्गों के लिए जीवन यापन में आसानी लाएगा।
उन्होंने कहा, कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट की मेरिट लिस्ट 3 साल तक मान्य रहेगी, जिस दौरान उम्मीदवार अपनी योग्यता और पसंद के आधार पर विभिन्न क्षेत्रों में नौकरियों के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- नई दिल्ली : सुशांत सिंह राजपूत केस में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court on Sushant Singh Rajput Case) ने महाराष्ट्र सरकार को झटका देते हुए मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी CBI (CBI Probe) को दे दी है. महाराष्ट्र सरकार लगातार इस मामले में सीबीआई जांच का विरोध कर रही थी और उसका कहना था कि मामला मुंबई पुलिस के पास ही रहने दिया जाए. बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत के सिलसिले में पटना में दर्ज केस मुंबई ट्रांसफर करने के लिए एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाया है. फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि मामले की जांच CBI करेगी. कोर्ट ने पटना में दर्ज FIR को सही ठहराया है.
दो राज्यों के बीच उलझे इस मामले पर जस्टिस हृषिकेश रॉय की बेंच ने फैसला सुनाया. जस्टिस रॉय ने 11 अगस्त को इस याचिका पर सुनवाई पूरी की थी. बताते चलें कि सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को मुंबई के अपने घर में मृत अवस्था में पाए गए थे.
पटना में FIR दर्ज करना और बिहार सरकार का CBI जांच की सहमति देना सही: SC
शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में पटना में एफआईआर और सीबीआई जांच के लिए बिहार सरकार की अनुशंसा को सही ठहराते हुए मुंबई पुलिस को निर्देश दिया है कि वो अब तक जुटाए गए सभी सबूत और दस्तावेज CBI को सौंपे. कोर्ट ने कहा है कि 'महाराष्ट्र सरकार कोर्ट के आदेश का पालन करे और सहायता करे'. अदालत का फैसला आने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने जांच सीबीआई को ट्रांसफर करने के फैसले को चुनौती देने के लिए स्वतंत्रता मांगी, जिससे सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया है. यानी कि महाराष्ट्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को चुनौती भी नहीं दे पाएगी.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, 'यह सुनिश्चित किया जाए कि राजपूत की आत्महत्या के पीछे के रहस्य की जांच का CBI को एकमात्र अधिकार होने के बारे में कोई भ्रम ना हो और कोई भी अन्य राज्य पुलिस इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती. CBI न केवल पटना एफआईआर बल्कि राजपूत की मौत के मामले से जुड़ी किसी अन्य एफआईआर की जांच करने में सक्षम होगी.'
SC ने कहा कि 'चूंकि मुंबई पुलिस ने राजपूत की मौत के लिए केवल एक्सीडेंटल मौत की रिपोर्ट दर्ज की थी, इसलिए इसमें सीमित जांच शक्तियां थीं. चूंकि बिहार पुलिस ने एक पूरी एफआईआर दर्ज की है, जिसे पहले से ही सीबीआई को भेज दिया गया है. केंद्रीय एजेंसी को मामले की जांच करनी चाहिए.' - नई दिल्ली: बीजेपी के दिग्गज नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. सांस लेने में परेशानी के चलते शाह को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) भर्ती कराया गया.
बताया जा रहा है कोरोना से ठीक होने के बाद उन्हें अपने शरीर में कई तरह के प्रभाव दिख रहे थे, कुछ दिनों से उनके बदन में दर्द था. इसके बाद उन्हें कल रात एम्स में भर्ती कराया गया. गृह मंत्री की हालत स्थिर है.
इसी महीने कोरोना संक्रमित हुए थे शाह
इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री इसी महीने 2 तारीख को कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे. उन्होंने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी. उन्होंने कहा था, ''कोरोना के शुरूआती लक्षण दिखने पर मैंने टेस्ट करवाया और रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. मेरी तबीयत ठीक है परन्तु डॉक्टर्स की सलाह पर अस्पताल में भर्ती हो रहा हूं. मेरा अनुरोध है कि आप में से जो भी लोग गत कुछ दिनों में मेरे संपर्क में आयें हैं, कृपया स्वयं को आइसोलेट कर अपनी जांच करवाएं.''
इसके बाद 14 अगस्त को अमित शाह की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ गई. तब उन्होंने इलाज कर रहे मेदांता अस्पताल के सभी डॉक्टर्स व पैरामेडिकल स्टाफ का आभार व्यक्त किया था.
- जम्मू-कश्मीर : कश्मीर में आतंकियों ने सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की नापाक हरकत की है। बारामुला के क्रेरी क्षेत्र में सीआरपीएफ और पुलिस की नाका पार्टी पर आतंकियों ने फायरिंग की। आतंकियों की ओर से की गई फायरिंग में जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक एसपीओ और सीआरपीएफ के दो जवान शहीद हो गए हैं। घटना के बाद इलाके की घेराबंदी कर आतंकियों की तलाश में अभियान चलाया जा रहा है।
आईजी कश्मीर जोन ने बताया कि आतंकियों ने क्रेरी क्षेत्र में पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त नाका पार्टी पर फायरिंग की। इस हमले में जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक एसपीओ और सीआरपीएफ के दो जवान शहीद हो गए हैं। इलाके की घेराबंदी कर आतंकियों की तलाश में ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है।इससे पहले रविवार देर रात दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षाबलों ने आतंकियों के हमले की साजिश को नाकाम करते हुए आईईडी बरामद की थी। आशंका जताई जा रही है कि सुरक्षाबलों के काफिले की गाड़ियों को उड़ाने की साजिश के तहत तूजान गांव के पास एक पुल के नीचे इसे प्लांट किया गया था।सूत्रों ने बताया कि सूचना पर पुलिस और सुरक्षाबलों के जवानों ने मौके पर पहुंचकर छानबीन की तो पुल के नीचे संदिग्ध वस्तु दिखी। बारीकी से छानबीन करने पर पता चला कि उक्त स्थान पर आईईडी प्लांट की गई है। तत्काल मौके पर बम निरोधक दस्ते को बुलाया गया, जिसने इसे अपने कब्जे में ले लिया है।
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आजादी के बाद सबसे बड़े वैश्विक संकट में संविधान से मिली शक्ति ने दिखाया रास्ता
राम वन गमन पथ के विकास में होगी जनता की सहभागिता
मुख्यमंत्री ने राजधानी रायपुर के पुलिस परेड ग्राऊण्ड में आयोजित मुख्य समारोह में किया ध्वजारोहण: प्रदेशवासियों को दी स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं
डाॅ. राधाबाई डायग्नोस्टिक सेंटर योजना और ’पढ़ई तुंहर पारा’ योजना शुरू करने की घोषणा
घर पहुंच नागरिक सेवाओं के लिए शुरू होगी ’मुख्यमंत्री मितान योजना’
मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस की 73वीं वर्षगांठ पर प्रदेशवासियों को दी अनेक सौगात: की कई महत्वपूर्ण घोषणाएं
विद्युत के पारेषण-वितरण तंत्र की मजबूती के लिए ‘‘मुख्यमंत्री विद्युत अधोसंरचना विकास योजना होगी प्रारंभ
‘पढ़ई तुंहर दुआर‘ में समुदाय की सहभागिता से ‘पढ़ई तुंहर पारा‘ योजना होगी शुरू ब्ल्यू टूथ आधारित व्यवस्था ‘बूल्टू के बोल‘ का होगा उपयोगवार्ड कार्यालयों के बाद अब घर पहुंच सेवाओं के लिए नगरीय क्षेत्रों में शुरू होगी मुख्यमंत्री मितान योजना
‘महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, 4 नए उद्यानिकी काॅलेज तथा एक खाद्य तकनीकी एवं प्रसंस्करण काॅलेज खुलेंगे
दुग्ध उत्पादन और मछली पालन को बढ़ावा देने 3 विशिष्ट पाॅलीटेक्निक काॅलेज भी खोले जाएंगे
राम वन गमन पर्यटन परिपथ के निर्माण के पावन कार्य में प्रदेश की जनता की सहभागिता के लिए ‘राम वन गमन पर्यटन परिपथ विकास कोष का होगा गठनगौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में महंत बिसाहू दास जी के नाम से उद्यानिकी महाविद्यालय खोला जाएगा
प्रशासन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने राज्य में होने वाली नई नियुक्तियों तथा पदोन्नति के लिए गठित की जाने वाली समितियों में महिला प्रतिनिधि की उपस्थिति अनिवार्य
किसानों, आदिवासियों और वनवासियों की जेब में डाले 70 हजार करोड़ रूपए
पांच वर्षों में सिंचाई क्षमता दोगुना करने का लक्ष्य
राजीव गांधी किसान न्याय योजना की दूसरी किश्त 20 अगस्त को
वनाधिकार पट्टों से शुरू हुआ वनवासियों के स्वावलंबन का नया दौर
सबकी भागीदारी से पूरा होगा नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने का सपना
मानवता सेवा की गांधीवादी सोच से कोरोना संकटकाल में अर्थव्यवस्था को बचाने में मिली सफलता
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने स्वतंत्रता दिवस की 73वीं वर्षगाठ पर आज राजधानी रायपुर के पुलिस परेड ग्राऊण्ड में आयोजित मुख्य समारोह में ध्वजारोहण किया। उन्होंने प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी। कोरोना संक्रमण की रोकथाम और बचाव की गाईडलाईन का पालन करते हुए स्वतंत्रता दिवस का संक्षिप्त और गरिमामय समारोह आयोजित किया गया।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अपने स्वतंत्रता दिवस संदेश में कहा है कि हमने आजादी की लड़ाई से न्याय की जो यात्रा शुरू की थी, उसे अब जन-जन तक पहुंचा रहे हैं। किसानों के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना और ग्रामीण स्वावलंबन की सबसे बड़ी गोधन न्याय योजना शुरू की गई। यही ‘नवा छत्तीसगढ़’ गढ़ने के हमारे सपनों और इरादों का आधार है। आप सबके प्यार, सहयोग, समर्थन और सीधी भीगीदारी से ही यह संभव होगा। उन्होंने कहा कि सबसे बड़े वैश्विक संकट में संविधान से मिली शक्ति और समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य के रूप में मिली पहचान ने हमें रास्ता दिखाया। राज्य सरकार के रूप में हम तय कर सके कि यह समय समाज के सबसे कमजोर तबकों के आंसू पोछने और उन्हें सशक्त बनाने का होना चाहिए। मानवता की सेवा की गांधीवादी सोच और नेहरूवादी संस्थाओं एवं अधोसंरचनाओं ने ही हमें कोरोना से मुकाबला करने के योग्य बनाया। इसी रास्ते पर चलते हुए हमें आर्थिक मंदी और कोरोना संकटकाल में अर्थव्यवस्था को बचाए रखने में सफलता मिली। इंदिरा गांधी, राजीव गांधी ने देश की एकता और अखण्डता के लिए कुर्बानी दी। उनकी कुर्बानियों के फलस्वरूप हम जाति, धर्म, सम्प्रदाय की सीमाओं से उठकर विकास की नई ऊंचाईयों पर पहुंचे।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर प्रदेशवासियों को कई सौगात दी। उन्होंने डाॅ. राधाबाई डायग्नोस्टिक सेंटर योजना और ’पढ़ई तुंहर पारा’ योजना भी शुरू करने की घोषणा की। डाॅ. राधाबाई डायग्नोस्टिक सेंटर योजना में रियायती दरों पर पैथोलाॅजी तथा अन्य जांच सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएगी। इसी प्रकार समुदाय की सहायता से बच्चों को पढ़ाने के लिए ’पढ़ई तुंहर पारा’ योजना शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि नगर निगमों में स्थापित 101 ’मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालयों’ से नागरिकों को मिली सुविधाएं उत्साहवर्धक हैं। अब हम घर पहंुच सेवाओं के लिए नगरीय क्षेत्रों में ’मुख्यमंत्री मितान योजना’ शुरू कर रहे हैं, जिसमें काॅल सेंटर में फोन करके आवेदन, दस्तावेज आदि भेजे जा सकते हैं। आॅनलाइन तथा एसएमएस एलर्ट के माध्यम से न्यूनतम खर्च पर घर बैठे कई तरह की सेवाएं दी जाएंगी। विद्युत के पारेषण-वितरण तंत्र की मजबूती के लिए ‘‘मुख्यमंत्री विद्युत अधोसंरचना विकास योजना प्रारंभ होगी। प्रदेश में ‘महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, 4 नए उद्यानिकी काॅलेज तथा एक खाद्य तकनीकी एवं प्रसंस्करण काॅलेज खुलेंगे। दुग्ध उत्पादन और मछली पालन को बढ़ावा देने 3 विशिष्ट पाॅलीटेक्निक काॅलेज भी खोले जाएंगे। राम वन गमन पर्यटन परिपथ के निर्माण के पावन कार्य में प्रदेश की जनता की सहभागिता के लिए ‘राम वन गमन पर्यटन परिपथ विकास कोष का गठन किया जाएगा। नवगठित जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में महंत बिसाहू दास जी के नाम से उद्यानिकी महाविद्यालय खुलेगा। प्रशासन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने राज्य में होने वाली नई नियुक्तियों तथा पदोन्नति के लिए गठित की जाने वाली समितियों में महिला प्रतिनिधि की उपस्थिति अनिवार्य की गई है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को संबोधित करते हुए अपने संदेश में कहा कि -
सुराजी तिहार के पावन बेरा म छत्तीसगढ़ के जम्मो सियान, दाई-दीदी, संगी-जहुंरिया, नोनी-बाबू मन ला गाड़ा-गाड़ा बधाई।
भारत की आजादी की 73वीं सालगिरह के अवसर पर मैं अमर शहीदों गैंदसिंह, वीर नारायण सिंह, मंगल पाण्डे, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, रानी दुर्गावती, रानी लक्ष्मी बाई, वीरांगना अवंति बाई लोधी और उन लाखों बलिदानियों को नमन करता हूं, जिन्होंने आजादी की अलख जगाई थी।
आजादी की लम्बी लड़ाई में देश को एकजुट करने और बुलंद भारत की बुनियाद रखने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पं. जवाहर लाल नेहरू, डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद, डाॅ. भीमराव अम्बेडकर, लाल बहादुर शास्त्री, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुुल कलाम आजाद जैसे अनेक महान नेताओं के हम हमेशा ऋणी रहंेगे। राष्ट्रीय आंदोलन की चेतना से छत्तीसगढ़ को जोड़ने और आदर्श विकास की नींव रखने वाले वीर गुण्डाधूर, पं. रविशंकर शुक्ल, ठाकुर प्यारेलाल सिंह, डाॅ. खूबचंद बघेल, पं. सुंदरलाल शर्मा, बैरिस्टर छेदीलाल, यतियतन लाल, मिनीमाता, डाॅ. राधाबाई, पं. वामनराव लाखे,
महंत लक्ष्मीनारायण दास, अनंतराम बर्छिहा, मौलाना अब्दुल रऊफ खान, हनुमान सिंह, रोहिणी बाई परगनिहा, केकती बाई बघेल, श्रीमती बेला बाई जैसे अनेक क्रांतिवीरों और मनीषियों के योगदान के कारण हम सब शान से सिर उठाकर जी रहे हैं। मैं स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इन सभी पुरखों को सादर नमन करता हूं।
आज का दिन शहादत की उस विरासत को भी याद करने का है, जिसमें गणेश शंकर विद्यार्थी, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी जैसे हमारे पुरखों का बलिदान भी दर्ज है, जिन्होंने देश की एकता और अखण्डता को बचाये रखने के लिए कुर्बानी दी ताकि देश, अपने मूल्यों और सिद्धांतों पर अडिग रहे, और जाति, धर्म, सम्प्रदाय की सीमाओं से ऊपर उठकर विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचे। यह साल असहयोग आंदोलन का शताब्दी वर्ष भी है, 1 अगस्त 1920 को महात्मा गांधी का यह आह्वान निर्णायक साबित हुआ था कि हम असहयोग करेंगे लेकिन किसी भी हालत में हिंसा नहीं होनी चाहिए।
महात्मा गांधी ने कहा था- मैं ऐसा भारत चाहता हूं, जिसमें गरीब से गरीब लोग भी यह महसूस करेंगे कि यह उनका देश है, जिसके निर्माण में उनकी आवाज का महत्व है, जिसमें विविध सम्प्रदायों के बीच पूरा मेल-जोल होगा।........ मैं ऐसा भारत चाहता हूं, जिसका शेष सारी दुनिया से शांति का संबंध हो। मेरे लिए हिन्द स्वराज्य का अर्थ है सब लोगों का राज्य-न्याय का राज्य। ..... हमारा स्वराज्य निर्भर करेगा, हमारी आंतरिक शक्ति पर, बड़ी से बड़ी कठिनाइयों से जूझने की ताकत पर।
याद कीजिए आजाद भारत के पहले उद्घोष को। भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने कहा था- ‘हमने नियति को मिलने का वचन दिया था और अब समय आ गया है कि हम अपने वचन को निभाएं।’ ....... अपने इस ऐतिहासिक भाषण में पंडित नेहरू ने कहा था कि ‘जब तक लोगों की आंखों में आंसू हैं और वे पीड़ित हैं, तब तक हमारा काम खत्म नहीं होगा।’
भाइयांे और बहनांे, अपने देश के संघर्षों और इतिहास को भुलाकर, मूल्यविहीन और अवसरवादी समझौते करना भारत की तासीर नहीं है। देश को विभेदकारी शार्टकट नीतियों और योजनाओं की चमक से बहलाया तो जा सकता है, लेकिन इससे दीर्घजीवी समाधान सम्भव नहीं होते। देश अब एक बार फिर उस दोराहे पर खड़ा है, जहां एक ओर विभेद और युद्ध-उन्माद की चमक है, तो दूसरी ओर त्याग, बलिदान, मूल्य, समन्वय और अहिंसा की सनातन परंपरा और गांधीवादी विचारधारा है। निश्चित रूप से हमने गांधीवादी रास्ता चुना है।
आज हम आजादी के बाद सबसे बड़े वैश्विक संकट के बीच खड़े हैं। कोरोना और कोविड-19 के हमले ने पूरी दुनिया में इंसानियत को ही कसौटी पर रख दिया है और उन चेहरों को बेनकाब कर दिया है, जो विकास के अपने तौर-तरीकों को मानवीय बताते थे। ऐसे समय में हमें अपने संविधान से मिली शक्ति और समाजवादी, पंथ निरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य के रूप में मिली पहचान ने ही संरक्षण और रास्ता दिया। इसी शक्ति के संरक्षण में हम राज्य सरकार के रूप में अपनी प्राथमिकता तय कर सकें कि यह समय समाज के सबसे कमजोर तबकों के आंसू पोंछने का, उसे सशक्त बनाने का ही होना चाहिए। मानवता की सेवा की गांधीवादी सोच और नेहरूवादी संस्थाओं व अधोसंरचनाओं ने ही हमें कोरोना से मुकाबला करने के योग्य बनाया।
हम में से कोई भी, वह मंजर शायद ही कभी भूल पाए कि किस तरह विभिन्न राज्यों से अपना रोजगार, जमा पूंजी, घर-गृहस्थी खोकर प्रदेश के लाखों लोग चारों दिशाओं से पैदल आ रहे थे। हजारों लोग अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए थे। लाॅकडाउन के कारण उन्हें रहवास, भोजन, बच्चों के लिए दूध, दवा जैसी बहुत जरूरी सुविधाएं भी दूभर हो रही थीं, ऐसे समय में राज्य सरकार के कंधे से कंधा मिलाकर प्रदेश की जनता तथा संस्थाओं ने अद्भुत कार्य किए। साढ़े 5 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी हुई। उन्हें सुरक्षित और स्वस्थ घर पहुंचाने के लिए हर गांव में अर्थात् लगभग 22 हजार क्वारंटाइन सेंटर स्थापित किए गए।
इन श्रमवीरों को न सिर्फ मनरेगा के तहत रोजगार दिलाया गया बल्कि क्वारंटाइन सेंटर में ही इनके ‘स्किल मैपिंग’ की व्यवस्था की गई ताकि इन्हें प्रदेश में सम्मानजनक रोजगार दिलाया जा सके। इस दौर में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को भी चाक-चैबंद बनाया गया जिसके कारण संक्रमित लोगों की रिकवरी दर अन्य प्रदेशों से बेहतर रही तथा मृत्युदर भी काफी कम रही। 21 राज्यों तथा 3 केन्द्र शासित प्रदेशों में फंसे हमारे लगभग 3 लाख मजदूर साथियों को खाद्यान्न व अन्य राहत पहुंचायी गई। वहीं लाॅकडाउन की अवधि में लगभग 74 हजार मजदूरों को वेतन की बकाया राशि 171 करोड़ रू. का भी भुगतान कराया गया। 107 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से न सिर्फ हमारे प्रदेश के मजदूर वापस लाए गए बल्कि अन्य प्रदेशों के मजदूरों को उनके राज्यों में भेजने की भी व्यवस्था की गई।
कोरोना महामारी के दौरान हमारी ‘सार्वभौम पीडीएस योजना’ भी कसौटी पर खरी उतरी। 57 लाख अंत्योदय, प्राथमिकता, निराश्रित, निःशक्तजन राशनकार्डधारियों को निःशुल्क चावल वितरण किया जा रहा है। आंगनवाड़ी तथा मध्याह्न भोजन योजना के हितग्राहियों को मिलने वाली पोषण सामग्री में कोई बाधा न आए, इसके लिए घर पहुंच सेवा दी जा रही है। इस तरह ‘मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान’ भली-भांति जारी रहा, जिससे कुपोषण में 13 प्रतिशत कमी आयी है।
भाइयों और बहनों, हम गांधी-नेहरू-पटेल-बोस-भगत सिंह-आजाद-लाल-बाल-पाल जैसे त्यागियों को अपना आदर्श मानने वाले लोग हैं, जिन्होंने आपदा को सिर्फ सेवा का अवसर माना था। विश्व इतिहास की सबसे दुखदायी और भयंकर त्रासदी के इस समय में हमारी सरकार ने सेवा के इसी सिद्धांत को अपनाया क्योंकि यही हमारी विरासत है। सेवा ही हमारा सनातन धर्म है। इसी रास्ते पर चलते हुए हमें आर्थिक मंदी और कोरोना संकट काल में अर्थव्यवस्था को बचाये रखने में सफलता मिली है।
छत्तीसगढ़ में हमने अपनी संस्कृति, अपने खेतों, गांवों, जंगलों, वनोपजों, प्राकृतिक संसाधनों, लोककलाओं, परंपराओं और इन सबके बीच समन्वय से अपना रास्ता बना लिया। हमें गर्व है कि अर्थव्यवस्था का हमारा छत्तीसगढ़ी माॅडल संकट मोचक साबित हुआ।
कोरोना संकट पूरी दुनिया के लिए एक सबक बनकर भी आया है कि महाशक्तियों का दम भरने वाले देश किस तरह एक वायरस के आगे बौने साबित हुए और अपनी भावी नीतियों को लेकर चिंतन करने पर विवश हुए हैं। तथाकथित विकास की जडं़े कितनी सतही थीं, जो ऐसा एक झटका भी नहीं सह पायीं। दुनिया यह जानना चाहती है कि छत्तीसगढ़ में विगत डेढ़ वर्ष में ऐसी कौन-सी शक्ति आ गई, जिसने गिरती अर्थव्यवस्था को थाम लिया।
मैं बताना चाहता हूं कि हमने किसानों, ग्रामीण आदिवासियों वन आश्रितों और आम जनता को मजबूती दी। 25 सौ रू. क्विंटल में धान खरीदी, कर्ज माफी, सिंचाई कर माफी, 4 हजार रू. मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण मजदूरी, 31 वनोपजों की समर्थन मूल्यों पर खरीदी, खादी और ग्रामोद्योग को बढ़ावा, घरेलू बिजली बिल हाफ, सामान्य तथा औद्योगिक भूमि की गाइड लाइन में 30 प्रतिशत की कमी, आवासीय फ्लैट की पंजीयन दर में कमी, औद्योगिक भूमि के हस्तांतरण तथा लीज रेन्ट में कमी, राजस्व तथा श्रम संबंधी सुधार सहित बहुत सारे फैसले ऐसे हैं, जिससे गांवों से लेकर शहरों तक एक नया विश्वास जागा। किसानों, आदिवासियों और वन निवासियों की जेब में हमने 70 हजार करोड़ रू. की राशि डाली। निम्न तथा मध्यम आय वर्ग के लोगों को हजारों करोड़ रू. की रियायत और राहत दी गई। इससे छत्तीसगढ़ की आम जनता की क्रय शक्ति जागी जिसने उद्योग और व्यापार जगत को सहारा दिया।
हमने बड़े और महंगे निर्माण से अर्थव्यस्था के संचालन का मिथक तोड़ दिया है। स्थानीय जनता की सोच से विकास का रास्ता अपनाया है जिसके कारण निवेश और विकास हमराही बन गए हैं। विकास की हमारी सोच, नीति और क्रियान्वयन के बीच इतना गहरा नाता है कि दो वार्षिक बजट काल पूरा होने के पहले ही हम इस दौरान देश के सबसे बड़े रोजगार सृजक राज्य बन गए हैं। लगातार घटती बेरोजगारी दर से युवाओं का आत्मविश्वास बढ़ा है। शिक्षा, कौशल, खेलकूद, कला-संस्कृति और विविध क्षेत्रों में उनकी भागीदारी बढ़ाने से युवाओं की ऊर्जा तथा उत्पादकता का लाभ भी मिल रहा है।
कोरोना काल में भी छत्तीसगढ़ में 26 लाख मीट्रिक टन लौह इस्पात सामग्रियों के उत्पादन और आपूर्ति से सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे देश को सहारा मिला है। जनकल्याणकारी कदमों के साथ कदम मिलाते हुए राज्य में औद्योगिक विकास की संभावनाओं ने कैसे आकार लिया, यह भी बताना चाहूंगा। विगत डेढ़ वर्षों में प्रदेश में 545 नए उद्योगों की स्थापना हुई जिसमें 13 हजार करोड़ रू. का पूंजी निवेश हुआ तथा 10 हजार लोगों को रोजगार मिला।
प्रदेश के हर विकासखण्ड में फूडपार्क स्थापित करने का लक्ष्य पूरा करने हेतु हमने 28 जिलों में 101 विकासखण्डों में भूमि का चिन्हांकन कर लिया है। 19 विकासखण्डों में 250 हेक्टेयर सरकारी भूमि का हस्तांतरण किया जा चुका है। रायपुर में ‘जेम्स एण्ड ज्वेलरी पार्क’ की स्थापना हेतु 350 करोड़ रू. की परियोजना पर कार्य शुरू हो चुका है। इस प्रकार छत्तीसगढ़ परंपरागत तथा नए उद्यमों के विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
प्रदेश में बिजली का उत्पादन, उपलब्धता बढ़ाने के लिए कार्य कुशलता में वृद्धि की गई है। वहीं बिजली के उपभोग से रोजगार और खुशहाली में वृद्धि का रास्ता अपनाया है। इसके लिए पारेषण-वितरण तंत्र को मजबूत करने के लिए ‘मुख्यमंत्री विद्युत अधोसंरचना विकास योजना’ प्रारंभ की जा रही है।
सड़क अधोसंरचना के गुणवत्तापूर्ण विकास हेतु सभी शासकीय भवनों और सार्वजनिक सुविधाओं को पक्की सड़कों से जोड़ने के लिए ‘मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना’ शुरू की गई है। छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम के अंतर्गत 900 किलोमीटर सड़कों का उन्नयन तथा निर्माण किया जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्ग से लेकर आदिवासी अंचलों तक अधूरे सड़क नेटवर्क को पूरा करने पर जोर दिया जा रहा है। ‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना’ के अधूरे कार्यों को पूरा करने में हमारी तत्परता और सफलता से हमें तृतीय चरण के लिए 5 हजार 600 किलोमीटर से अधिक सड़कों और वृहद पुलों के निर्माण की स्वीकृति मिली है। इस मामले में छत्तीसगढ,़ देश में प्रथम स्थान पर है। आगामी तीन वर्षों में यह लक्ष्य भी पूरा कर लेंगे।
प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ मैंने इसे अपनी अस्मिता और स्थानीय अवसरों से जोड़ने के लिए 3 प्रमुख कदम उठाने की घोषणा गणतंत्र दिवस के अवसर पर की थी। मुझे खुशी है कि प्रार्थना-सभाओं में संविधान पर चर्चा, स्थानीय बोली-भाषाओं में किताबें तथा छत्तीसगढ़ की महान विभूतियों की जीवनी पर पुस्तकों का प्रकाशन किया जा चुका है, शिक्षा सत्र जैसे ही नियमित रूप से प्रारंभ होगा, ये सारे कार्य किए जाएंगे।लाॅकडाउन के कारण प्रभावित शिक्षा को निरंतर जारी रखने के लिए हमने आॅनलाइन शिक्षा की योजना ‘पढ़ई तुंहर दुआर’ शुरू की थी जिसका लाभ 22 लाख बच्चों को मिल रहा है तथा 2 लाख शिक्षक-शिक्षिकाएं इस व्यवस्था से जुड़े हैं। इस पहल को आगे बढ़ाते हुए अब हम गांवों में समुदाय की सहायता से बच्चों को पढ़ाने के लिए ‘पढ़ई तुंहर पारा’ योजना शुरू कर रहे हैं। इंटरनेट के अभाव वाले अंचलों के लिए ‘ब्ल्यू टूथ’ आधारित व्यवस्था ‘बूल्टू के बोल’ का उपयोग किया जाएगा।
स्वास्थ्य अधोसंरचना के विकास के लिए एक ओर जहां 37 स्वास्थ्य केन्द्रों के भवनों का निर्माण किया जा रहा है वहीं कोरोना के उपचार हेतु 30 अस्पताल, 3 हजार 383 बिस्तर, 517 आईसीयू बिस्तर, 479 वेन्टिलेटर उपलब्ध कराए गए हैं। जिलों में 155 आइसोलेशन सेंटर विकसित किए गए, जहां लगभग 10 हजार बिस्तरों की सुविधा उपलब्ध है। टेस्टिंग सुविधा जो अभी 6 हजार 500 प्रतिदिन पहुंची है, उसे 10 हजार प्रतिदिन करने का लक्ष्य है। वर्तमान में 1 हजार 900 हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं, जिसे आगामी वर्ष तक 3 हजार 100 किए जाने का लक्ष्य है।
हमने 26 जनवरी 2020 को ‘डाॅ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना’ शुरू की थी, जिसके तहत मात्र सात महीनों में 256 करोड़ रू. व्यय कर 2 लाख से अधिक मरीजों का उपचार किया गया। इसी प्रकार विशेष जरूरतों के लिए 20 लाख रू. तक मदद करने वाली देश की अव्वल ‘मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना’ में सात माह में 4 करोड़ रू. व्यय कर 270 मरीजों का उपचार किया गया।
स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और बढ़ाने के लिए शहरी क्षेत्रों में ‘मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना’ शुरू की जाएगी, जिसके तहत प्रथम चरण में सभी 14 नगर निगमों में 70 मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से चिकित्सक हर जरूरतमंद की चैखट पर पहुंचेंगे। ‘डाॅ. राधाबाई डायग्नोस्टिक सेंटर योजना’ भी शुरू की जाएगी, जो रियायती दरों पर पैथोलाॅजी तथा अन्य जांच सुविधाएं उपलब्ध कराएगी।
नगर निगमों में स्थापित 101 ‘मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालयों’ से नागरिकों को मिली सुविधाएं उत्साहवर्धक हैं। अब हम घर पहुंच सेवाओं के लिए नगरीय क्षेत्रों में ‘मुख्यमंत्री मितान योजना’ शुरू करेंगे, जिसमें काॅल सेंटर में फोन करके आवेदन, दस्तावेज आदि भेजे जा सकते हैं। ‘आॅनलाइन’ तथा ‘एसएमएस एलर्ट’ के माध्यम से न्यूनतम खर्च पर घर बैठे कई तरह की सेवाएं दी जाएंगी। संस्कृति और परंपरागत रोजगार की संवाहक, हमारी ‘पौनी पसारी योजना’ के तहत 122 स्थानों पर बाजारों का निर्माण किया जा रहा है। मैं अपील करना चाहता हूं कि भूमिहीन परिवारों को शासकीय भूमि का पट्टा देने की योजना का लाभ, पात्र परिवार अधिक से अधिक संख्या में उठायें। पट्टों को फ्री होल्ड कर मालिकाना हक प्रदान करने का कार्य भी शुरू किया गया है। आवास योजना का लाभ भी हितग्राहियों को दिलाएंगे। इसके साथ ही पट्टे के मूल क्षेत्रफल से 50 प्रतिशत से अधिक में काबिज भूमि के नियमितीकरण का कार्य भी शुरू किया गया है। मुझे विश्वास है कि भूमिहीन परिवारों को धरती के अपने हिस्से पर हक दिलाने का यह काम एक ऐतिहासिक कीर्तिमान रचेगा।
भाइयों एवं बहनों, आपको यह जानकर खुशी होगी कि हमने किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने का वादा निभाते हुए भी एक कीर्तिमान बना लिया है। वर्ष 2019-20 में लगभग 13 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करायी गई। इस कार्य में और गति लाने के लिए एक ओर हमने ‘छत्तीसगढ़ सिंचाई विकास निगम,’ इंद्रावती बेसिन विकास प्राधिकरण का गठन किया है, वहीं दूसरी ओर ‘बोधघाट बहुउद्देशीय परियोजना’ को भी प्रारंभ करने का निर्णय लिया है। मेरा वादा है कि मुआवजा और पुनर्वास पैकेज का निर्धारण बस्तर के लोगों से पूछकर किया जाएगा। हम एक ऐसी सर्वश्रेष्ठ परियोजना बनायेंगे, जो बस्तरवासियों के सपनों को सच करे। इस तरह हम पांच वर्षों में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से वर्तमान सिंचाई क्षमता को दोगुना करेंगे।
किसान भाइयों और बहनों, हमें इस बात पर गर्व है कि हमारी सरकार किसान हितकारी सरकार कहलाती है। ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ के तहत हमने आपको मिलने वाले 5 हजार 700 करोड़ रू. की पहली किस्त 1 हजार 500 करोड़ रू. दी थी। इसकी दूसरी किस्त राजीव जी की जयंती पर 20 अगस्त को दी जाएगी।
हमारी ‘सुराजी गांव योजना’ तेजी से आकार ले रही है। नरवा, गरवा, घुरवा, बारी का तेजी से विकास हो रहा है। हमने वादा किया था कि गौठान को ग्रामीण अर्थव्यवस्था और लोक संस्कृति का आंगन बनायेंगे। इस क्रम में ‘गोधन न्याय योजना’ की शुरूआत भी हो चुकी है। अब गोबर को धन में बदलने का कार्य आपको करना है। व्यवस्था हमारी रहेगी और समृद्धि आपकी होगी। संग्रहण से भुगतान तक, वर्मी कम्पोस्ट बनाने से बेचने तक, गोबर के अन्य कलात्मक उपयोग से लेकर विपणन तक आपके सारे काम सुचारू ढंग से होंगे। ब्याज मुक्त कृषि ऋण के लिए हमने इस साल इतिहास का सबसे बड़ा 5 हजार 200 करोड़ रू. का लक्ष्य रखा है, जिसकी 72 प्रतिशत राशि का वितरण मात्र पांच माह में किया जा चुका है। आपके इस उत्साह के लिए साधुवाद। कृषि में इस निवेश का लाभ आपको आगामी फसल में मिलेगा।खेती-किसानी में नए ज्ञान की फसल उपजाने के लिए हम ‘महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय,’ 4 नए उद्यानिकी काॅलेज तथा 1 खाद्य तकनीकी एवं प्रसंस्करण काॅलेज भी खोलने जा रहे हैं। दुग्ध उत्पादन और मछली पालन को नए ज्ञान का सहारा देने के लिए 3 विशिष्ट पाॅलीटेक्निक काॅलेज भी खोले जायेंगे।
न्याय योजनाओं की पहल के बाद अब इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए ‘भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ की घोषणा हमने की है, जिसे जल्दी ही साकार किया जाएगा। प्रदेश के विकास और खुशहाली में मजदूरों की भागीदारी तय करना भी हमारे पुरखों का सपना था और हमारा कत्र्तव्य है। ‘महात्मा गांधी नरेगा योजना’ ने संकट के इस दौर में अपनी सार्थकता सिद्ध की है। योजना के प्रारंभ से लेकर अभी तक सर्वाधिक प्रतिदिन 25 लाख श्रमिकों को रोजगार देने का कीर्तिमान भी हमने बनाया है। 100 दिवस रोजगार देने के मामले में भी हम देश में दूसरे स्थान पर रहे हैं। हमने मनरेगा को वन अधिकार पट्टे, पंचायतों में निर्माण कार्य, खाद्यान्न संरक्षण, जल संवर्धन, गौठान निर्माण जैसे अनेक महत्वपूर्ण कार्यों से जोड़कर इसकी उपयोगिता का दायरा बढ़ाया है।
वन अंचलों में रहने वाले हमारे आदिवासी भाई-बहनों, मुझे यह कहते हुए खुशी है कि आपके क्षेत्रों में अब आपके मन मुताबिक विकास की बयार बहने लगी है। तेंदूपत्ता संग्राहकों की बीमा योजना बंद करके अगर कोई यह सोचता है कि वह आपकी प्रगति के रास्ते बंद कर देगा, तो यह मुगालता भी हमने समाप्त कर दिया है। हमने ‘शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना’ शुरू कर दी है, जिसमें न तो प्रीमियम भरना पड़ेगा और न ही दावों के भुगतान के लिए कई महीनों का दुखदायी इंतजार सहना पड़ेगा।
इसके साथ ही हमने 7 के स्थान पर 31 वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू कर दी है, जो लाखों परिवारों के जीवन का आधार बनेगा। हमारे नए प्रयासों का परिणाम भी मिलने लगा है। अल्पसमय में ही, हम देश में सर्वाधिक वनोपज संग्रह करने वाले राज्य बन गए हैं। यह सिलसिला तेजी से आगे बढ़ाएंगे जिसके जरिए हम साल में 2 हजार 500 करोड़ रू. की आय आपकी जेब में डालने का लक्ष्य पूरा करना चाहते हैं।‘‘अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम-2006’’ हमारी विरासत का जगमगाता उदाहरण है। आप सबको विदित है कि इसका उचित क्रियान्वयन क्यों नहीं हो पाया ? किस वजह से निरस्त दावों का पहाड़ बना दिया गया था और सामुदायिक पट्टों के वितरण में क्यों अरुचि थी? हमने निर्णय लिया था कि निरस्त दावों की समीक्षा करेंगे और सामुदायिक पट्टे प्राथमिकता से देंगे। इस तरह अब नए सिरे से उच्च प्राथमिकता से वन अधिकार पट्टे दिए जा रहे हैं, जिससे आजीविका, स्वावलंबन और अधिकार का नया युग शुरू हुआ है। हमारी उपलब्धियां देश में सर्वोच्च हैं।
आदिवासी अंचलों में वनोपज का कारोबार निश्चित तौर पर आपको सिर उठाकर जीने का अवसर देता है, लेकिन इसके साथ ही प्रसंस्करण की सुविधा जोड़ देने से अब बस्तर का काजू, बस्तर की इमली, बस्तर का मक्का, बस्तर की हल्दी जैसी ब्रांडिंग होने लगी है जो नई पीढ़ी के लिए रोजगार और आपका मुनाफा बढ़ाएगी। आपकी संस्कृति के साथ आपकी आर्थिक समृद्धि भी बढ़ाएगी। हम आदिवासी अंचलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल, दक्षता, जरूरी अधोसंरचना के नए-नए द्वार खोल रहे हैं। ‘मलेरिया मुक्त बस्तर’ अभियान की सफलता उत्साहवर्धक है। वहीं आकांक्षी जिला ‘बीजापुर’ ने देश में अव्वल होने का परचम लहराया है।भगवान राम दुनिया में अरबों-खरबों लोगों के मन-मंदिर में विराजते हैं। हम कण-कण और रग-रग में उनकी उपस्थिति महसूस करते हैं। उनका छत्तीसगढ़ से गहरा नाता है। माता कौशल्या का मायका यानी रामजी का ननिहाल छत्तीसगढ़ है। इस नाते भगवान राम हमारी लोक आस्था में ‘भांचा राम’ के रूप में बसे हैं। इसके अलावा वनवास के दौरान रामजी का काफी समय छत्तीसगढ़ में ही बीता। लव-कुश के जन्म और महर्षि वाल्मीकि की छत्र-छाया में उनकी शिक्षा-दीक्षा जैसे अनेक प्रसंगों के साक्ष्य लोक आस्था को आनंदित व गौरवान्वित करते हैं।
माता कौशल्या, भगवान राम और उनसे जुड़े विभिन्न प्रसंगों की स्मृतियों को चिरस्थायी बनाने के लिए हमने ‘कोरिया से सुकमा’ तक ‘राम वन गमन पर्यटन परिपथ’ विकास की योजना बनाई है और उसे शीघ्रता से क्रियान्वित भी कर रहे हैं। चंदखुरी में माता कौशल्या मंदिर परिसर को भव्य स्वरूप देने का कार्य शुरू किया गया है। इस पावन कार्य में प्रदेश की जनता को सहभागिता का अवसर देने के लिए ‘राम वन गमन पर्यटन परिपथ विकास कोष’ का गठन किया जाएगा। प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में एल.ई.डी. वाहनों के माध्यम से परिपथ का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। हम विश्व प्रसिद्ध बौद्ध आस्था केन्द्र, सिरपुर को विश्व मानचित्र में प्रतिष्ठित कराने के प्रयासों के साथ ही, यहां समुचित अधोसंरचनाओं का विकास कर रहे हैं।
हरेली, तीजा, भक्त माता कर्मा जयंती, विश्व आदिवासी दिवस जैसे दिवसों पर अवकाश घोषित करके हमने जिस सांस्कृतिक उत्थान का आरंभ किया था, उसे अब शिखर पर पहुंचाने के लिए ‘छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद’ का गठन किया गया है। नवा रायपुर में फिल्म सिटी का विकास किया जाएगा। रायपुर में स्वामी विवेकानंद स्मारक की स्थापना की कार्यवाही आरंभ कर दी गई है। पारंपरिक छत्तीसगढ़ी खानपान एवं व्यंजनों को बढ़ावा देने हेतु प्रत्येक जिले में ‘गढ़ कलेवा’ केन्द्र खोला जाएगा। विडम्बना है कि राज्य गठन के बीसवें वर्ष तक भी छत्तीसगढ़ी भाषा को उसका वाजिब हक नहीं मिला है, इसलिए मैंने प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ी को आठवीं अनुसूची में स्थान दिलाने का आग्रह किया है।
हमने गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के गठन से इस अंचल के वर्षों पुराने सपने को पूरा किया है। मरवाही अनुभाग, मरवाही नगर पंचायत के साथ करोड़ों रू. के विकास कार्यों की सौगात दी गई है। आज मैं घोषणा करता हूं कि मरवाही में महंत बिसाहू दास जी के नाम से उद्यानिकी महाविद्यालय भी खोला जाएगा। मेरा वादा है कि यह नया जिला जनहितकारी योजनाओं और सर्वांगीण विकास के नए-नए शिखरों को छूएगा।प्रशासन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने तथा उनके हितों की रक्षा के लिए मैं घोषणा करता हूं कि राज्य में होने वाली नई नियुक्तियों तथा पदोन्नतियों के लिए गठित की जाने वाली समितियों में महिला प्रतिनिधियों की उपस्थिति अनिवार्य होगी।
मुझे यह कहते हुए खुशी है कि हमने सुरक्षा बलों का मनोबल और सुविधाएं बढ़ाकर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति में काफी सुधार लाया है। पुलिस अधिकारियों- कर्मचारियों को मोबाइल कनेक्टिविटी से जोड़ा गया है। उनके अवकाश, अनुकंपा नियुक्ति, स्वास्थ्य सुविधाओं तथा रिस्पांस भत्ते के रूप में बड़ी राहत दी गई है। राज्य आपदा मोचन बल के जवानों को 50 प्रतिशत जोखिम भत्ता दिया गया है। वहीं महिला डेस्क, महिला हेल्पलाइन, सीनियर सिटिजन हेल्पलाइन, अंजोर रथ, पुलिस जनमित्र, ग्राम रक्षा समिति, स्पंदन आदि कार्यक्रमों से सामुदायिक पुलिसिंग को सुदृढ़ किया गया है।
मैंने कहा था कि नक्सल मोर्चे पर हमारा पहला प्रयास प्रभावित पक्षों के बीच परस्पर विश्वास और सद्भाव बहाली का होगा। प्रभावित अंचलों में स्थानीय आकांक्षाओं को पूरा करने वाले विकास कार्य संचालित किए जायेंगे। आज मैं यह कह सकता हूं कि नक्सलवादी वारदातों में अंकुश तथा आदिवासी अंचलों में विकास के नए रंग हमारी रणनीति की सफलता का प्रतीक हैं। हमने आजादी की लड़ाई से न्याय की जो यात्रा शुरू की थी, उसे अब जन-जन तक पहुंचा रहे हैं। यही ‘नवा छत्तीसगढ़’ गढ़ने के हमारे सपनों और इरादों का आधार है। आप सबके प्यार, सहयोग, समर्थन और सीधी भागीदारी से ही यह संभव होगा।
जय हिन्द-जय छत्तीसगढ़ - राजस्थान : राजस्थान में लगभग एक महीने से जारी सियासी खींचतान के बाद आखिरकार गहलोत सरकार के सिर से संकट का बादल छंट गए। शुक्रवार को विधानसभा सत्र में गहलोत सरकार ने विश्वास मत जीत लिया। सभी ने एक ध्वनिमत होकर विश्वासमत पास किया। इसी के साथ राजस्थान विधानसभा सत्र 21 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। बता दें कि इससे पहले जयपुर में भारी बारिश के कारण कांग्रेस विधायकों की बस जलभराव में फंस गई थी जिस कारण विधानसभा की कार्रवाई सुबह 11 बजे की बजाए 1 बजे शुरू हुई
सरकार के बचाव में खड़े हुए पायलटराजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने हालिया सियासी घटनाक्रम को लेकर विपक्ष की आलोचनाओं पर पलटवार करते हुए खुद को सबसे मजबूत योद्धा बताया और कहा कि वे विपक्ष के हमलों से सत्ता पक्ष को हर कीमत पर सुरक्षित रखेंगे। पायलट ने सदन में सरकार की ओर से लाए गए विश्वास मत प्रस्ताव पर बहस के दौरान हस्तक्षेप करते हुए यह बात कही। हालांकि सदन में पायलट को सीट नहीं दी गई और वे गैलरी में आने-जाने वाले रास्त पर अलग से कुर्सी डाल कर बैठे। बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व के प्रति बगावत के बाद पायलट को उपमुख्यमंत्री व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। सदन में उनके बैठने की जगह भी बदल दी गई। पहले वे सत्तापक्ष में मुख्यमंत्री के पास वाली सीट पर बैठते थे अब उन्हें ऐसी सीट दी गई है जहां उनके एक ओर सत्ता पक्ष तो दूसरी ओर विपक्ष है।
प्रस्ताव पर बहस के दौरान उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने हालिया राजनीतिक व अन्य घटनाक्रम, पुलिस के विशेष कार्यबल द्वारा नोटिस दिए जाने सहित अनेक बातों में पायलट का जिक्र किया। इस पर पायलट ने हस्तक्षेप करते हुए कहा,‘‘वह (राठौड़) बार- बार मेरा नाम ले रहे हैं। मैंने सोचा कि हमारे अध्यक्ष व मुख्य सचेतक ने मेरी सीट यहां क्यों रखी है? मैंने दो मिनट सोचा और फिर देखा कि यह सरहद है एक तरफ पक्ष है और दूसरी तरफ विपक्ष.... तो सरहद पर किसको भेजा जाता है। सबसे मजबूत योद्ध को भेजा जाता है।'
पायलट ने कहा, ‘‘आज इस विश्वास मत में जो चर्चा हो रही है...उसमें बहुत से बातें बोली गईं बहुत सी बातें बोली जाएंगी। समय के साथ साथ सब बातों का खुलासा होगा।'' उन्होंने कहा,‘‘लेकिन मैं इतना कहना चाहता हूं कि जो कुछ कहना था सुनना था चाहे मैं हूं या मेरा कोई साथी हो .. हम लोगों को जिस डाक्टर के पास अपने मर्ज को बताना था वो बता दिया...इलाज कराने के बाद हम सब लोग आज... सवा सौ लोग सदन में खड़े हैं। आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद ही पायलट व उनके खेमे के 18 विधायक गुरुवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल हुए। इससे पहले पायलट ने मुख्यमंत्री गहलोत से अलग से मुलाकात भी की थी। -
20 अगस्त को सजा पर होगी सुनवाई
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट न्यायपालिका के प्रति कथित रूप से दो अपमानजनक ट्वीट करने के मामले में वकील प्रशांत भूषण को दोषी करार दिया गया है। 20 अस्त को प्रशांत भूषण की सजा पर सुनवाई होगी। जस्टिस अरूण मिश्रा,जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया। इससे पहले, वकील प्रशांत भूषण ने उन दो ट्वीट का बचाव किया था, जिसमें कथित तौर पर अदालत की अवमानना की गई थी। उन्होंने कहा था कि वे ट्वीट न्यायाधीशों के खिलाफ उनके व्यक्तिगत स्तर पर आचरण को लेकर थे और वे न्याय प्रशासन में बाधा उत्पन्न नहीं करते।
कोर्ट ने इस मामले में प्रशांत भूषण को 22 जुलाई को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। पीठ ने सुनवाई पूरी करते हुए 22 जुलाई के आदेश को वापस लेने के लिए अलग से दायर आवेदन खारिज कर दिया था। इसी आदेश के तहत न्यायपालिका की कथित रूप से अवमानना करने वाले दो ट्वीट पर अवमानना कार्यवाही शुरू करते हुए नोटिस जारी किया गया था। - एजेंसीनई दिल्ली : स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त को लेकर इंटीलिजेंस ब्यूरो (आईबी) ने बड़ा अलर्ट जारी किया गया है. अलर्ट में कहा गया है कि अमेरिका में रहने वाले सिख फॉर जस्टिस के आकाओं में से एक गुरुवतपंत सिंह पन्नू ने 14, 15 और 16 अगस्त को लाल किले पर खालिस्तान का झंडा फहराने वाले सिख को सवा लाख डालर देने की घोषणा की है.
खालिस्तानी आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस के आतंकी गुरुवतपंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो जारी किया है. हाल ही में गुरुवतपंत सिंह पन्नू को भारत सरकार से डिजिनेटेड टेरररिस्ट करार दिया गया. गुरुवतपंत सिंह पन्नू ने ऐलान किया है कि जो 15 अगस्त को खालिस्तान का झंडा लाल किले पर फहराएगा, उसे सवा लाख दिया जाएगा.
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ मिलकर गुरुवतपंत सिंह पन्नू रेफरेंडम 2020 की मुहिम भी चला रहा है. इस वीडियो के बाद जांच एजेंसियां अलर्ट पर हैं. आपको बता दें कि रेफरेंडम 2020 को लेकर लगातार दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में लोगों को गुरुवतपंत सिंह पन्नू का ऑटोमेटिक कॉल्स आ रहा है, जिसकी जांच एनआईए कर रही है.
हाल ही में एक वीडियो आतंकी गुरुवतपंत सिंह पन्नू ने जारी किया था, जिसमें दिल्ली को खालिस्तान बनाने की बात कही गई थी, लेकिन 15 अगस्त पर लाल किले पर झंडा फहराने वाले इस वीडियो के बाद लाल किले के आस-पास खुफिया एजेंसियां सक्रिय हैं. आईबी के अलर्ट के बाद लाल किला और आसपास भारी सुरक्षा बढ़ाई गई है. - एजेंसीनई दिल्ली : कारोबारी एनआर नारायण मूर्ति के भारत की जीडीपी में आजादी के बाद सबसे बड़ी गिरावट आने की आशंका जताए जाने के बाद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। नारायण मूर्ति के बयान से जुड़ी खबर को शेयर करते हुए राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा- मोदी है तो मुमकिन है। राहुल गांधी लगातार ये कहते रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी पर देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर रहे हैं।
क्या कहा है नारायणमूर्ति नेइन्फोसिस संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ने कहा है कि देश की जीडीपी ग्रोथ 1947 के बाद की सबसे खराब हालत में पहुंच सकती है। मूर्ति ने कहा, भारत की जीडीपी में कम से कम 5 फीसदी संकुचन का अनुमान लगाया जा रहा है। ऐसा लग रहा है कि हम 1947 की आजादी के बाद की सबसे कम जीडीपी ग्रोथ देख सकते हैं, बहुत जरूरी है कि अर्थव्यवस्था को जल्द से जल्द पटरी पर लाया जाए। उन्होंने कहा कि देशभर में जो लॉकडाउन लागू किया गया उसके बाद से लगातार उनका यह मानना रहा है कि लोगों को कोरोना वायरस के साथ ही जीने के लिए तैयार होना होगा।
कई एजेसियां कह चुकी अर्थव्यवस्था बुरे दौर मेंभारतीय अर्थव्यवस्था बीते काफी समय से अच्छी स्थिति में नहीं है। कई एजेंसियां अपनी स्टडी में ये कह चुकी हैं कि नोटबंदी के बाद से ही भारत की जीडीपी में गिरावट देखने को मिल रही है। वहीं लॉकडाउन के चलते अर्थव्यवस्था को बहुत ज्यादा झटका लगा है। इसके बाद तो आरबीआई और कई दूसरी संस्थाएं भी जीडीपी और अर्थव्यवस्था में बहुत अच्छी स्थिति ना होने की बात कह चुकी हैं।
राहुल का आरोप- मोदी की नीतियों ने बिगाड़ी आर्थिक हालतराहुल गांधी लगातार कोरोना संकट, मजदूर और अर्थव्यवस्था के मसले पर केंद्र सरकार को घेर रहे हैं। हाल ही मे राहुल गांधी ने इस दौरान केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर साल दो करोड़ नई नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन अपनी गलत नीतियों से अब तक 14 करोड़ लोगों की नौकरियां वो ले चुके हैं। - बेंगलुरु : सोशल मीडिया पर पैगंबर साहब को लेकर एक आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर बेंगलुरु में आग ऐसी भड़की कि इसमें तीन लोगों की मौत हो गई और करीब 60 से अधिक पुलिस के जवान घायल हो गए। हालांकि, अब बेंगलुरु पुलिस ने कांग्रेस विधायक श्रीनिवास के भतीजे को सोशल मीडिया पर अपमानजनक पोस्ट शेयर करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि इसी पोस्ट के बाद बीती रात बेंगलुरु में हिंसा भड़क उठी और गोलीबारी हुई।
बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर कमल पंत ने कहा, शहर में हिंसा से जुड़े मामलों में अब तक 110 लोगों को गिरप्तार किया गया है। साथ ही सोशल मीडिया पर पोस्ट करने को लेकर मुख्य आरोपी नवीन को गिरफ्तार कर लिया गया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कांग्रेस विधायक मूर्ति के भतीजे ने पैगंबर को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया था, जिसके बाद अल्पसंख्यक समुदाय का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने विधायक के घर तोड़फोड़ की।
इस मामले पर कर्नाटक के गृहमंत्री ने कहा, "मामले की जांच हो रही है, लेकिन तोड़फोड़ से किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता। सुरक्षा के मद्देनजर इलाके में अतिरिक्त बलों को तैनात कर दिया गया है और उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।"
पुलिस ने कहा कि इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 60 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं, जिनका इलाज चल रहा है। पुलिस आयुक्त कमल पंत ने बताया कि कथित सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर भड़की हिंसा के बाद बेंगलुरु के डीजे हल्ली और केजी हल्ली पुलिस स्टेशन इलाके में उग्र भीड़ से झड़प के दौरान अतिरिक्त पुलिस आयुक्त सहित करीब 60 पुलिसकर्मी जख्मी हो गए।
उन्होंने कहा, 'उपद्रवियों पर काबू पाने के लिए की गई फायरिंग में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि एक घायल व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बेंगलुरु में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी गई है और डीजे हल्ली व केजी हल्ली पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आनेवाले इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।' - एजेंसीराजस्थान : सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के दखल के बाद सचिन पायलट राजी हो गए हैं और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार पर छाया संकट खत्म हो गया है. पायलट की वापसी से सीएम अशोक गहलोत को स्थायी सरकार चलाने के लिए राहत जरूरी मिली है लेकिन पायलट के तेवर उनके लिए अब भी चुनौतीपूर्ण नजर आ रहे हैं.
आजतक के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा है कि राजनीति में उतार-चढ़ाव आते हैं, पद आते हैं, जाते हैं लेकिन जरूरी ये है कि जनता की सेवा करने के लिए अच्छा प्लेटफॉर्म क्या है. कांग्रेस के साथ बने रहने पर सचिन पायलट ने कहा कि मुझे पार्टी ने बहुत कुछ दिया है, मैं एहसानमंद हूं लेकिन पद देने का मतलब ये नहीं है कि मैं अपनी आत्मा की आवाज न सुनूं, मेरे मन में कुछ है तो मैं बोल ना पाऊं.
सचिन पायलट ने ये भी कहा कि मैंने किसी पद की डिमांड नहीं की है. हम जनता के मुद्दे उठाने के लिए पद छोड़कर आए हैं. पद रहे न रहे लेकिन सच्चाई बोलता रहूंगा, गलत लगेगा तो मुझे बोलना चाहिए. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जरूरी है कि कोई एक लाइन पकड़ ले तो सब उसके पीछे भेड़-बकरी की तरह न चलें, सबको अपनी बात रखनी चाहिए.
सचिन पायलट ने ये भी कहा कि पद मिले और काम का मौका न मिले वैसे नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि मैं एक घर और गाड़ी के लिए पद लेने वाला इंसान नहीं हूं. पद हो या ना हो मैं अपनी बात बेबाकी से बात रखता रहा हूं और आगे भी रखता रहूंगा. - मीडिया रिपोर्टनई दिल्ली: कोरोनावायरस महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है. महामारी के शुरू होने के पहले ही देश के कई सेक्टर, जैसे- ऑटो सेक्टर, टेलीकॉम सेक्टर और NBFCs मुश्किल से गुजर रहे थे, लेकिन अब महामारी के बाद यह समस्या आम जनता के रोजगार और आर्थिक क्षमता को प्रभावित करने के स्तर तक गहरा गई है. सरकार ने अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए बाजार में पैसे डाले हैं और कई उद्योगों को आर्थिक सहायता दे रही है, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का कहना है कि सरकार को अगले कुछ सालों तक अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए बड़े कदम उठाने होंगे.पूर्व प्रधानमंत्री ने BBC के साथ बातचीत में सरकार के लिए तीन बड़े कदम उठाने का सुझाव दिया है. उन्होंने कहा है कि सरकार को जो सबसे पहला काम करना चाहिए, वो ये सुनिश्चित करना चाहिए कि लोगों की आजीविका सुरक्षित रहे और उनको प्रत्यक्ष रूप से आर्थिक सहायता देकर उनके खर्च करने की क्षमता को बनाए रखा जाए.
उनका दूसरा सुझाव यह है कि सरकार को सरकारी क्रेडिट गारंटी कार्यक्रमों के जरिए व्यापार और उद्योगों को पर्याप्त पूंजी उपलब्ध कराना चाहिए. उन्होंने कहा कि तीसरा काम यह करना होगा कि उसे फाइनेंशियल सेक्टर में संस्थागत स्वायत्तता और प्रक्रियाओं के जरिए सुधार लाना होगा. मनमोहन सिंह ने कहा कि वो इसे इकॉनमिक डिप्रेशन नहीं कहेंगे, 'लेकिन देश में एक लंबे समय से एक गहरा आर्थिक संकट आना निश्चित था.'
बता दें कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने भी कहा है कि कोविड-19 के चलते घरेलू अर्थव्यवस्था की हालत और खराब हो सकती है. बीते गुरुवार को मॉनेटरी पॉलिसी की घोषणा के दौरान गवर्नर शक्तिकांत दास ने आशंका जताई थी कि कोविड-19 महामारी का संक्रमण लंबे समय तक खिंचा तो उससे घरेलू अर्थव्यवस्था की हालत और पतली हो सकती है. उन्होंने कहा था कि 'महामारी पर पहले काबू पा लिया गया तो उसका अर्थव्यवस्था पर ‘अनुकूल' प्रभाव पड़ेगा. इसके ज्यादा लंबा खिंचने, मानसून सामान्य रहने का अनुमान सही न निकलने और वैश्विक वित्तीय बाजार में उठा-पटक बढ़ने की स्थिति में घरेलू अर्थव्यवस्था पर ‘बुरा प्रभाव' पड़ सकता है.' - मुंबई : रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी फ्रांस के बर्नार्ड अर्नाल्ट को पछाड़ कर अब दुनिया के चौथे सबसे रईस शख्स बन गए हैं। इस सूची में मुकेश अंबानी से ऊपर केवल फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग, माइक्रोसॉफ्ट के बिल गेट्स और अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस हैं।
हाल ही में उद्योगपति मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज 'फ्यूचरब्रांड सूचकांक 2020' में एपल के बाद दुनिया का दूसरा सबसे ब्रांड बना था। इतना ही नहीं, उनकी कंपनी रिलायंस बाजार पूंजीकरण (बाजार हैसियत) के लिहाज से देश की सबसे बड़ी कंपनी भी है। पिछले कारोबारी दिन रिलायंस का शेयर 2146 रुपये पर बंद हुआ। 27 जुलाई को इसने 2198 रुपये के उच्चतम स्तर को छुआ था।
इतनी हुई संपत्तिब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स की रियल टाइम नेटवर्थ के अनुसार, अंबानी की संपत्ति 80.6 अरब डॉलर यानी करीब 6.03 लाख करोड़ रुपये हो गई है। इस साल उनकी संपत्ति में 22 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है। उन्होंने जियो प्लेटफॉर्म्स में विनिवेश की प्रक्रिया शुरू की और 1.5 लाख करोड़ से ज्यादा का फंड इकत्रित किया। जियो को वैश्विक स्तर पर लगातार निवेश मिलने से इनकी संपत्ति में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही रिलायंस इंडस्ट्रीज कर्जमुक्त भी हो चुकी है। इन कारकों की वजह से उनकी दौलत बढ़ी है।
अंबानी से ऊपर सिर्फ तीन उद्योगपति
पहला स्थान - ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के अनुसार अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस की कुल संपत्ति 187 अरब डॉलर है। इस साल उनकी संपत्ति में 72.1 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है। वह पहले स्थान पर हैं।
दूसरा स्थान - दूसरे स्थान पर माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स हैं। उनकी कुल संपत्ति 121 अरब डॉलर है। इस साल उनकी संपत्ति में 7.5 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है।
तीसरा स्थान - फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग सूची में तीसरे स्थान पर हैं। उनकी कुल संपत्ति 102 अरब डॉलर है। इस साल उनकी दौलत में 23 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है। जुकरबर्ग हाल ही में पहली बार 100 अरब डॉलर के क्लब में शामिल हुए हैं। -
केरल : शुक्रवार को केरल में हुए विमान हादसे में अब तक 2 पायलट और 20 लोगों के मार जाने की पुष्टी हो चुकी है। भारत सरकार के वंदे भारत मिशन के तहत ये विमान 191 लोगों के साथ दुबई से रवाना हुआ था। सिविल एविएशन मिनिस्ट्री का जांच विभाग एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेसटिगेशन ब्यूरो (AAIB) इस दुर्घटना की जाच करेंगा। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा AAIB दो टीमें कोझिकोड जांच के लिए भेजी गई। पहली टीम सुबह पांच बजे और दूसरी टीम 5 बजे पहुंची। रेस्क्यू ऑपरेयशन अब ख़त्म हो गया है और घायलों का शहर के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
ये विमान लैंड करते वक्त 35 फुट नीचे घाटी में गिरा और इसके दो टुकड़े हो गए। हरदीप सिंह पुरी ने कहा, "कोझिकोड में हुए विमान हदसे से दुखी और परेशान हूं. एयर इंडिया एक्सप्रेस का फ्लाइट नंबर AXB-1344 दुबई से 191 लोगों के साथ चला था लेकिन बारिश की स्थिति में रनवे पर ओवरशॉट हो गया और 35 फीटे नीचे घाटी में जा गिरा" उन्होंने कहा, "हम स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में हैं। राज्य पुलिस ने 20 मौतों की सूचना दी है। एयर इंडिया और एएआई की राहत टीमों को तुरंत दिल्ली और मुंबई से भेज दिया गया था। यात्रियों की मदद के लिए सभी प्रयास किए जा रहा हैं। इस मामले में AAIB द्वारा एक औपचारिक जांच की जाएगी"AAIB भारतीय उड्डयन मंत्रालय का एक प्रभाग है जो विमान दुर्घटनाओं की जांच करता है. ब्यूरो का काम स्वतंत्र विमान दुर्घटना की जांच करने, दुर्घटना पर प्रारंभिक रिपोर्ट प्राप्त करने और अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) के नियमों के अनुसार जांच और औपचारिक जांच की समिति की स्थापना में सहायता करना है। - केरल : भारी बारिश और बाढ़ के चलते केरल के इडुक्की जिले के राजमला इलाके में भूस्खलन हुआ है। केरल पुलिस के अनुसार इस हादसे में अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है और 10 लोगों को बचाया गया है। बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीम को भी तैनात किया है। वन अधिकारी और अन्य आपातकालीन सेवा के कर्मचारी मौके पर पहुंच गए हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय ने बचाव कार्यों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं प्रदान करने के लिए भारतीय वायु सेना से संपर्क किया है। यह सेवा जल्द ही उपलब्ध होने की उम्मीद है।
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने बताया कि एक मोबाइल मेडिकल टीम और 15 एंबुलेंस को इडुक्की भेजा गया है। जरूरत पड़ने पर और मेडिकल टीमें भेजी जाएंगी। अस्पतालों को अलर्ट रहने के लिए निर्देशित किया गया है।केरल के राजस्व मंत्री ई चंद्रशेखरन ने कहा है कि चार श्रमिक शिविरों में लगभग 82 लोग रह रहे थे। हमें मालूम नहीं है कि भूस्खलन के समय वहां कितने लोग मौजूद थे। एनडीआरएफ की टीम अभी तक मौके पर नहीं पहुंची है। खराब मौसम के कारण फिलहाल लोगों एयरलिफ्ट कर बचाना संभव नहीं है। - नई दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी और अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर कुछ महीने पहले सरकार को आगाह करने वाले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को एक बार फिर कहा कि जो ‘तूफान' अभी दिख रहा है उससे कहीं बड़ा तूफान आगे आने वाला है। पार्टी की बिहार इकाई के वरिष्ठ नेताओं और प्रदेश, जिला एवं ब्लॉक स्तर के पदाधिकारियों को वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा। सूत्रों के मुबाबिक, इस बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि बिहार में सभी सहयोगी दलों के साथ मिलकर लड़ना है और भाजपा-जदयू गठबंधन को पराजित करना है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि मैंने फरवरी में कोरोना के बारे में आगाह किया था कि तूफान आने वाला है। मैं यहां दोहराना चाहता हूं कि मैंने खुशी से नहीं बोला था। जब मैं बोलता था तो दुख होता था। उस वक्त मुझे दिख रहा था हिंदुस्तान में क्या होने वाला है। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में इससे भी बड़ा तूफान आने वाला है। लद्दाख में चीनी सेना की कथित घुसपैठ के मुद्दे को लेकर भी राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि देश की सीमा की रक्षा करते हुए बिहार रेजीमेंट ने चीन को करारा जवाब दिया, लेकिन प्रधानमंत्री सेना के साथ खड़े नहीं हुए और चीनी घुसपैठ से ही इनकार कर दिया। कांग्रेस नेता ने बिहार में कोरोना और बाढ़ की स्थिति को लेकर नीतीश कुमार पर निशाना साधा और दावा किया कि इन मुद्दों और भ्रष्टाचार को लेकर नीतीश की चुप्पी यह साबित करती है कि मुख्यमंत्री के तौर पर वह विफल रहे हैं। - गुजरात : गुजरात के अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में गुरुवार तड़के आग लगने से कोविड-19 के आठ मरीजों की मौत हो गई। अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 के मरीजों के उपचार के लिए चिह्नित नवरंगपुर इलाके के श्रेय अस्पताल में गुरुवार तड़के करीब साढ़े तीन बजे आग लगी। हादसे में आईसीयू वार्ड में भर्ती पांच पुरुष और तीन महिलाओं की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि अस्पताल में कोविड-19 के करीब 40 अन्य मरीजों को बचा लिया गया और उन्हें शहर के एक अन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आग लगने की घटना पर दुख जताया है। उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री और स्थानीय मेयर से बात की है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, 'अहमदाबाद के अस्पताल में लगी आग की घटना से दुख हुआ। परिजनों के प्रति संवेदनाएं। हादसे में घायल हुए लोग जल्द ठीक हों। मैंने स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और मेयर से बातचीत की है। प्रशासन प्रभावितों को हर संभव मदद प्रदान कर रहा है।'
अहमदाबाद दमकल विभाग के एक अधिकारी ने कहा, 'आग लगने की वजह से श्रेय अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती कोरोना वायरस के आठ मरीजों की मौत हो गई। आग पर काबू पा लिया गया है।' अधिकारी ने बताया कि प्राथमिक जांच में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगने की बात सामने आई है। सहायक पुलिस आयुक्त एल. बी. जाला ने कहा, 'विस्तृत जांच के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञ मौके पर पहुंच गए हैं।'
अहमदाबाद नगर निगम ने शहर के 60 निजी अस्पतालों को कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए चिह्नित किया है, जिसमें श्रेय अस्पताल भी शामिल है। नगर निगम आयुक्त मुकेश कुमार आग लगने के तुरंत बाद मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी, जो कुछ मिनटों में ही आईसीयू वार्ड तक पहुंच गई।
प्रमुख स्वास्थ्य सचिव जयंती रवि भी मौके पर पहुंची और जांच का आश्वासन दिया। इस बीच, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने हादसे की जांच के आदेश दिए। मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि दो आईएएस अधिकारी, गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव संगीता सिंह और शहरी विकास विभाग के एएससी मुकेश पुरी मामले की जांच करेंगे।
बयान के अनुसार, उनसे तीन दिन के अंदर रिपोर्ट दायर करने को कहा गया है। अधिकारी ने बताया कि गुजरात में कोविड-19 के 1,073 नए मामले सामने आने के बाद राज्य में संक्रमण के मामले बुधवार को 66,777 हो गए। वहीं वायरस से मरने वालों की संख्या 2,557 है।