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बेमेतरा 09 जून : प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर शुद्ध पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। बेमेतरा जिले के खारे पानी प्रभावित ग्राम डंगनिया और घिवरी को साजा समूह जल प्रदाय योजना से जोड़ा जा रहा है। इसके लिए राज्य शासन द्वारा एक करोड़ 43 लाख 99 हजार रूपए स्वीकृत किए गए हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर से प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग इंद्रावती भवन नवा रायपुर को कार्य पूर्ण कराने ग्राम डंगनिया के लिए 64 लाख 17 हजार रूपए और ग्राम घिवरी के लिए 79 लाख 82 हजार रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति साजा समूह जल प्रदाय योजना में सम्मिलित करने के लिए दी गई है। इन गांवों को जल प्रदाय योजना से जुड़ जाने पर यहां के निवासियों के लिए शुद्ध पेयजल की आपूर्ति होगी। अधिकारियों को जल प्रदाय योजना का कार्य उच्च गुणवत्ता के साथ करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही निर्माण कार्य की लागत में मितव्ययता सुुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। -
बेमेतरा 09 जून :- कोरोना वायरस के चलते लाॅकडाउन होने के कारण खाने कमाने की दृष्टि से बाहर गये श्रमिकों में से छत्तीसगढ़ वापस लौटे श्रमिकों और व्यक्तियों को जिनके पास राशनकार्ड नहीं हैं या किसी भी राशनकार्ड में नाम दर्ज नहीं है उनको मुख्यमंत्री श्री भुपेश बघेल के निर्देशानुसार माह मई एवं जून के लिए 05 किलो चावल प्रति व्यक्ति प्रति माह और 01 किलो चना प्रति परिवार प्रति माह की दर से निःशुल्क प्रदाय किया जाना है। इसके लिए मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार बेमेतरा जिले के कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री शिव अनंत तायल के द्वारा जिले के सभी जनपद पंचायत कार्यालय के साथ ही नगर पालिका/पंचायत कार्यालय को ऐसे प्रवासी श्रमिकों की पहचान कर आॅनलाईन एंट्री करने के निर्देश जारी किये गए है। योजना का लाभ केवल ऐसे प्रवासी श्रमिकों को दिया जाना है, जिनका नाम किसी भी राशन कार्ड में दर्ज नही है।
मुख्यमंत्री जी के इस निर्देश से बेमेतरा शहर के घड़ी चैक स्थित शासकीय उचित मूल्य की दुकान से सिंघौरी निवासी सुनीता यादव के 04 सदस्यीय परिवार को इस योजना के तहत निःशुल्क खाद्यान्न का लाभ प्रदान किया गया। सनीता यादव ने एक माह का 20 किलो चावल व 01 किलो चना उठाया है। राशनकार्ड नहीं होने के बावजूद सुनीता यादव के परिवार को खाद्यान्न प्राप्त होने के बाद उनके सामने अब खाने की समस्या नही होगी। उनके परिवार को माह जून के लिए और 20 किलो चावल व 01 किलो चना और मिलेगा। सुनीता यादव की तरह ही कोई भी प्रवासी श्रमिक या व्यक्ति जिसका नाम किसी अन्य राशनकार्ड में दर्ज नही है, इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकेगा।
राज्य सरकार की इस योजना से बेमेतरा जिले सभी नागरिकों के चेहरे खिल उठे हैं, और उन्होंने ने इस विपरीत परिस्थिति में इस योजना के साथ साथ राज्य सरकार पर भी भरोसा जताया है। इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा प्रवासी श्रमिको या व्यक्तियों के लिए माह मई हेतु 17.3 क्विंटल चना एवं 353.41 क्विंटल चावल साथ ही माह जून के लिए भी 01 किलो चना प्रति परिवार प्रति माह की दर से 17.3 क्विंटल चना व 05 किलो चावल प्रति व्यक्ति प्रति माह की दर से 353.41 क्विंटल चावल का आबंटन जारी किया गया है।
सरकार की इस योजना से राज्य की जनता के साथ ही बेमेतरा जिले के लोगो के चेहरे खिल उठे है। उनका कहना है कि इस कोरोना काल के विपरीत परिस्थिति में सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत सरकार द्वारा दी जाने वाली राशन सामग्री ने उनकी भोजन की समस्याओं में मददगार साबित हुई है। -
बेमेतरा 09 जून : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत विभिन्न संविदा पदों हेतु विज्ञापन प्रकाशित किया गया था। जिसमें से आयाबाई एवं क्लिनर के पदों पर संविदा भर्ती हेतु दिनंाक 15 जून 2020 को प्रातः 10.00 बजे से 11.00 बजे तक आवेदन पंजीयन, प्रातः 11.00 बजे से 1.00 बजे तक दस्तावेज सत्यापन, दोपहर 2.00 बजे से 3.00 बजे तक दावा आपतित एवं निराकरण तद्पश्चात् दोपहर 4.00 बजे मेरिट सूची का प्रकाशन किया जावेगा।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बेमेतरा ने बताया कि पूर्व में विज्ञापन में जारी किये गये विज्ञापन दिशा निर्देश पूर्ववत ही रहेगें। उक्त आयाबाई एवं क्लिनर के पदों पर चयनित अभ्यर्थियों की भर्ती/पदस्थापना एसएनसीयू बेमेतरा अंतर्गत किया जाना था। यह पद एसएनसीयू के लिए ही रहेगा लेकिन वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए इनकी नियुक्ति/पदस्थापना कोविड-19 हाॅस्पिटल में आगामी आदेश तक किया जावेगा।
अतः पात्र एवं इच्छुक अभ्यर्थी आवेदन पत्र के साथ शैक्षणिक योग्यता की स्व-प्रमाणित छायाप्रति क्रमानुसार (1) आवेदन प्रारूप, (2) 8वी. (3) छ0ग0 निवासी प्रमाण पत्र (4) जाति प्रमाण पत्र (5) अनुभव प्रमाण पत्र (6) जन्म प्रमाण पत्र/अन्य प्रमाण पत्र जिसमें जन्मतिथि अंकित हो के साथ स्वयं निर्धारित तिथि एवं समय में उपस्थित होकर आवेदन प्रस्तुत कर सकते है। निर्धारित तिथि व समय के पश्चात् प्राप्त आवेदनों को स्वीकार नहीं किया जावेगा। -
बेमेतरा 09 जून : कोविड-19 महामारी से संक्रमितों के जांच हेतु लेब टेक्निशियन के 08 पदों पर अस्थाई भर्ती आगामी 03 माह हेतु किये जाने बाबत् विज्ञापन प्रकाशित किया गया है। उक्त लेब टेक्निशियन के पदों पर भर्ती हेतु दिनंाक 12 जून 2020 को प्रातः 9.30 बजे से 12.00 बजे तक दस्तावेज सत्यापन, तद्पश्चात् 12.00 बजे से 1.00 बजे तक दावा आपत्ति एवं निराकरण, तद्पश्चात् दोपहर 2.00 बजे से दावा आपत्ति पश्चात् कौशल परीक्षा हेतु सूची का प्रकाशन की कार्यवाही कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला बेमेतरा (छ.ग.) में की जावेगी। जिसके उपरांत दोपहर 3.00 बजे से कौशल परीक्षा का आयोजन कार्यालय मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, बेमेतरा (छ.ग.) में किया जावेगा।
अतः लेब टेक्निशियन पदों पर कार्यालयीन ई-मेल [email protected] में निर्धारित तिथि एवं समय में आवेदन किये गये अभ्यर्थी आवेदन पत्र के साथ शैक्षणिक योग्यता की स्व-प्रमाणित छायाप्रति क्रमानुसार (1) आवेदन प्रारूप, (2) 10वी. (3)12वी (4) डीएमएलटी/बीएमएलटी/डिप्लोमा (5) छ.ग. काउनसिल में पंजीयन (6) छ.ग. निवासी (7) जाति प्रमाण पत्र (8) अनुभव प्रमाण पत्र (9) अन्य एवं मूल प्रमाण पत्र/दस्तावेजों के साथ स्वयं निर्धारित तिथि एवं समय में उपस्थित होना सुनिश्चित करें। - बेमेतरा 09 जून : प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना के तहत अपवर्जित श्रेणी के किसानों को छोड़कर शेष समस्त भू-स्वामी कृषक परिवार को राशि रू. 2000/- की दर से तीन किस्तों में 6000/- रूपये का भुगतान किये जाने का प्रावधान है। योजनान्तर्गत पंजीकृत किसानों के रिकार्ड त्रुटिपूर्ण/लंबित होने के कारण सहायता राशि का लाभ नही मिल पा रहा है। ऐसे कृषक आधार कार्ड, बैंक पास बुक की छायाप्रति मोबाईल नं. सहित अपने विकासखण्ड/तहसील के सहायक नोडल अधिकारी (कृषि विभाग)/तहसीलदार (राजस्व विभाग) या जिले में नोडल अधिकारी उप संचालक कृषि, जिला-बेमेतरा कार्यालय में प्रस्तुत कर सकतें है।
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राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा गाईडलाइन जारी
बेमेतरा 08 जून : बारिश के दिनों में यदा-कदा आकाशीय बिजली (गाज) गिरने की घटनाएं होती रहती है। प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा वज्रपात, आकाशीय बिजली से बचने के लिए आम नागरिकों से सावधानियां बरतने की अपील की गई है। जिसके अंतर्गत यदि घर में हो तो पानी का नल, फ्रिज, टेलीफोन आदि को न छुएं और उससे दूर रहे तथा बिजली से चलने वाली यंत्रों, उपकरणों को बंद कर दें। यदि दो पहिया वाहन, साईकिल, ट्रक, खुले वाहन नौका आदि पर सवार हो तो तुरंत उतरकर सुरक्षित स्थानों पर चले जाए। वज्रपात, आकाशीय बिजली के दौरान वाहनों पर सवारी न करें, धातु की डंडी वाले छाते का उपयोग न करें, टेलीफोन व बिजली के पोल/खम्भंे तथा टेलीफोन व टेलीफोन टावर से दूर रहें, कपड़े सुखाने के लिए तार प्रयोग न कर, जूट या सूत की रस्सी का उपयोग करें, बिजली की चमक देख तथा गड़गड़ाहट की आवाज सुनकर ऊंचे एवं एकल पेड़ों पर नहीं जाये, यदि आप जंगल में हो तो छोटे एवं घनें पेड़ों की शरण में चले जाये, वृक्षों दलदल वाले स्थलों तथा जलस्त्रोतों से यथा संभव दूर रहें पंरतु खुले आकाश में रहने से अच्छा है कि छोटे पेड़ों के नीचे रहें।
आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा कहा गया है कि खुले आकाश में रहने को बाध्य हो तो नीचे के स्थलों को चुनें, एक साथ कई आदमी इक्ट्ठे न हो, दो आदमी की दूरी कम से कम 15 फीट हो, तैराकी कर रहे लोग मछुवारे आदि अविलंब पानी से बाहर निकल जाये, गीले खेतों में हल चलाते, रोपनी या अन्य कार्य कर रहे किसानों तथा मजदूरों या तालाब में कार्य रहे व्यक्ति तुरंत सूखे एवं सुरक्षित स्थान पर जाये, धातु से बने कृषियंत्र, डंडा आदि से अपने को दूर कर लें, यदि आप खेत-खलिहान में काम कर रहे हो तथा किसी सुरक्षित स्थान की शरण न ले पाए तो - जहां है वहीं रहे, हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें, दोनों पैरों को आपस में सटा लें एवं दोनांे हाथों को घुटनों पर रखकर अपने सिर को जमीन की तरफ यथा संभव झुका लें तथा सिर को जमीन से न छुआएं, जमीन पर कदापि न लेंटे। अपने घरों तथा खेल-खलिहानों के आस-पास कम ऊंचाई वाले उन्नत किस्म के फलदार वृक्ष समूह लगायें, ऊंचे पेड़ के तनों या टहनियों में तांबे का एक तार स्थापित कर जमीन में काफ गहराई तक दबा दें ताकि पेड़ सुरक्षित हो जाये, मजबूत छत वाला पक्का मकान सबसे सुरक्षित स्थल है। यदि संभव हो तो अपने घरों में तड़ित चालक लगवा लें। यथा संभव खुले क्षेत्र में स्वयं को धात्विक संपर्क से बचाये रखें। - बेमेतरा 08 जून : कलेक्टर श्री शिव अनंत तायल ने आज अधिकारियों की बैठक लेकर जिले मे वृक्षारोपण करने के संबंध मे आवश्यक निर्देश दिए। छ.ग. शासन की मंशानुरूप जिले मे व्यापक पैमाने पर बारिश सीजन के दौरान वृक्षारोपण किया जायेगा। वृक्षारोपण की तैयारी हेतु बैठक आज सोमवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष मे बैठक आयोजित की गई। कलेक्टर श्री तायल ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए वृक्षारोपण किया जायेगा उन्होंने जिले के स्कूल एवं आंगनबाड़ियों के खाली जमीन पर वृक्षारोपण करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि वृक्ष लगाने के साथ-साथ इसकी सुरक्षा की जवाबदारी हम सभी पर होनी चाहिए। वृक्षारोपण के समय सुरक्षा के लिए लोहे की जाली अथवा बांस की जाली (ट्री-गार्ड) लगाने से पौधे की सुरक्षा होगी। जिलाधीश ने निर्देश दिए कि महत्वपूर्ण सड़कों, राष्ट्रीय राजमार्गो, स्टेट हाईवे के दोनों किनारों पर पौधारोपण किया जाये। इन पौधों में बरगद व पीपल के वृक्ष लगायें जाये। सामूहिक फार्मिंग के तहत मुनगा, नीबू, आॅवला, करौंदा इत्यादि पौधे लगाये जावेंगे। कलेक्टर ने वन एवं उ़द्याानिकी विभाग के अधिकारियों को पौधे उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
राष्ट्रीय राजमार्ग व स्टेट हाईवे के दोनों किरानों पर कितने वृक्ष बेमेतरा जिले की सीमा के अंतर्गत कराये जा सकते है, इसकी जानकारी कार्यपालन अभियंता, लोक निर्माण विभाग व (एनएचएआई) छभ्।प् देंगे। लगाये गये पौधों की सुरक्षा हेतु (थ्री गार्ड) TREE GUARD की सप्लाई हेतु स्वयं सहायता समूहों का चयन वनमण्डलाधिकारी व मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत बेमेतरा के द्वारा किया जावेगा एवं नियत दिनांक 08 जून 2020 तक अपना प्रस्ताव देंगे। सहायक संचालक उद्यानिकी, फलदार वृक्षों के रोपण का प्रस्ताव देंगे, जिसमें मुनगा, नीबू, आॅवला, करौंदा ये फलदार वृक्ष शामिल होंगे। मुनगे का पौधा स्वास्थ्य की दृष्टि से उपयोगी होता है। अतः मुनगे के पौधे जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों, शालाओं, आश्रमों, पुलिस थाना, तहसील कार्यालय, ग्राम पंचायत भवनों, चिकित्सालयों व अन्य सभी शासकीय कार्यालयों के परिसर में लगाई जावेगी। वृक्षों की सुरक्षा संबंधित विभाग की होगी।फलों के पौधे की फेंसिंग (Fencing) का कार्य इसकी सुरक्षा हेतु संबंधित कार्यालय/विभाग द्वारा किया जावेगा। इसके अतिरिक्त (रीवर साईड प्लांटेशन) River Side Plantation का भी कार्य लिया जावेगा, जिसमें जिले की तीन नदियों शिवनाथ, हाफ व खारून नदी के किनारों में वृक्षारोपण व्यापक स्तर पर किया जावेगा। (स्थल चयन व रोपे जाने वाले पौधों की संख्या का आंकलन, कार्यपालन अभियंता, जल संसाधन विभाग व प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना पीएमजीएसवाई (PMGSY) द्वारा किया जावेगा। इसी तरह नगरीय क्षेत्रों में (प्लांटेशन) Plantation का कार्य संबंधित मुख्य नगर पालिका अधिकारी, द्वारा किया जावेगा। सड़क के मध्य स्थित डिवाइडरों में स्थान उपलब्धता के आधार पर वृक्षारोपण भी किया जावेगा। बैठक मे जिला पंचायत सीईओ श्रीमती रीता यादव, अपर कलेक्टर श्री संजय कुमार दीवान, जिले सभी अनुविभागीय दण्डाधिकारी सहित जिला स्तर के अधिकारी उपस्थित थे। -
बेमेतरा 06 जून : प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेश के प्रत्येक जिले में 15 जून 2020 से अंगे्रजी माध्यम के स्कूल प्रारम्भ करने का निर्णय लिया गया है, जिसके अन्तर्गत बेमेतरा जिले में अंग्रेजी माध्यम के उत्कृष्ट स्कूल हेतु शासकीय शिवलाल राठी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय वार्ड नम्बर 21 सिरवाबांधा रोड बेमेतरा का चयन किया गया है। यह विद्यालय कक्षा पहली से कक्षा 12वीं तक एक साथ प्रारम्भ होगा, प्रत्येक कक्षा की दर्ज संख्या अधिकतम 30 होगी। विद्यालय कक्षा पहली से कक्षा 8वीं तक प्रथम पाली एवं कक्षा 9वीं से 12वीं तक द्वितीय पाली में संचालित होगी। छ.ग. पाठ्यक्रम से संचालित इस विद्यालय के लिए अंग्रेजी माध्यम के प्राचार्य श्रीमती सुदेशा चटर्जी, मोबाइल नम्बर 9893112245 का चयन राज्य शासन द्वारा किया गया है जो कि दिनांक 28 मई 2020 से संस्था में कार्यभार ग्रहण कर चुके है, अंग्रेजी माध्यम के सहायक शिक्षक, शिक्षक, व्याख्याता आदि के चयन की प्रक्रिया जारी है।
विद्यालय में कक्षा पहली से कक्षा 8वीं तक निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जावेगी तथा कक्षा 9वीं से 12वीं तक की शिक्षा के लिये शासकीय स्कूलों हेतु निर्धारित शूल्क देय होगा। विद्यालय का संचालन फर्म एवं सोसायटी में पंजीकृत समिति के द्वारा किया जावेगा, शाला संचालन प्रबंधन समिति के पदेन अध्यक्ष जिले के कलेक्टर, पदेन सदस्य सचिव जिला शिक्षा अधिकारी तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, संस्था के प्राचार्य एवं जिला मिशन समन्वयक, रा.गा.शि.मिशन बेमेतरा समिति के पदेन सदस्य होंगे। जिला शिक्षा अधिकारी श्री सी.एस.ध्रुव ने पालकों से अपील की है कि अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में उत्तम गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने, प्रवेश हेतु पंजीयन दिनांक 15 जून 2020 से विद्यालय में प्रातः 11 बजे से 1 बजे तक सम्पर्क कर की जा सकती है। -
बेमेतरा 06 जून : जिले में बाढ़ आपदा प्रबंधन, प्राकृतिक आपदाओं बाढ़/आकाशीय बिजली/वज्रपात से बचाव व सुरक्षा के संबंध मे आज शनिवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में कलेक्टर श्री शिव अनंत तायल की अध्यक्षता में बाढ़ आपदा की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में बाढ़ आपदा प्रबंधन के सम्बध में विभिन्न विभागों के अधिकारियों को कलेक्टर ने बाढ़ के समय बचत एवं राहत कार्यों को करने के आवश्यक निर्देश दिए। कलेक्टर ने बाढ आपदा प्रबंधन के सम्बध में अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन अधिकारियों की ड्यूटी जिस काम के लिए लगाई जावेगी वे बाढ प्रबंधन के सम्बध में सभी जरूरी तथ्यों को समझ लें तथा सौपें गये दायित्वों का भली भांति निर्वहन करेंगें। श्री तायल के कहा कि जिले मे कोविड-19 महामारी के साथ आने वाली अतिवृष्टि को भी ध्यान मे भी रखना होगा। सभाकक्ष मे आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण के पश्चात जिल प्रशासन के संपूर्ण टीम अमोरा घाट शिवनाथ नदी पर आपदा प्रबंधन समाग्री के साथ पहूँचकर प्रत्यक्ष रुप से एवं माॅकड्रील ऐक्सरसाईज/माॅकड्रील कर प्रेक्टिकल करने के निदेश दिए।
कलेक्टर श्री तायल ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे जिले के शिवनाथ नदी के किनारे अमोरा घाट, नांदघाट, करमसेन, टोहड़ी, सिमगा के निकटवर्ती ग्राम खम्हरिया, चेटुवा, नदी के किनारें वाले गांवों में अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लोगों को बाढ़ से बचाव और प्रबंधन के बारे में जानकारी दी जाये। वर्षाऋतु के दौरान अत्याधिक वर्षा होने पर सिंचाई विभाग के अधिकारी नियमित रूप से जानकारी से अपडेट होकर जानकारी देते रहेंगें, इसके लिए उन्हें राजनांदगांव एवं दुर्ग जिला प्रशासन से संपर्क में रहना होगा। बाढ आने पर लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुॅचाने एवं आवश्यक सामग्री की व्यवस्था के सम्बध में गांव वालों से पहले से ही बातचीत कर लें।
कलेक्टर ने निर्देश दिये है किऐसे सभी संभावित बाढ़ प्रभावित गांवों में ग्रामीणों की बैठक बुलाकर ग्रामीणों जनों से व्यापक चर्चा कर ली जाये। बाढ आने के बाद होने वाली बीमारियों से बचाव के इंतजाम पहले से कर लिए जायें तथा पर्याप्त दवाईयों का स्टाक स्वास्थ्य केन्द्रों में रहे।ं दवा का छिड़काव करने के लिए पहले व्यवस्था कर ली जाये। लोगों को शुद्व पेयजल के इंतजाम सुनिश्चित किये जायें। और लोगों को बाढ के बाद फैलने वाली बीमारियों के बारे में बताया जायें। कलेक्टर ने राजस्व आपदा अधिकारियों को भी बाढ आपदा के संबंध में व्यापक निर्देश दिए उन्होने बाढ से होने वाली विभिन्न हानियों के लिए लोगों को राहत पहुंचाने उन्हें आर्थिंक सहायता अनुदान प्रदान करने के लिए पहले से ही तैयारी कर ली जायें। बैठक मे जिला पंचायत सीईओ श्रीमती रीता यादव, अपर कलेक्टर श्री संजय कुमार दीवान, जिले के सभी चार एसडीएम मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डीईओ, खाद्य अधिकारी, नगरीय निकाय के सीएमओ, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार उपस्थित थे। - बेमेतरा 06 जून : पीडीएस के जिन उपभोक्ताओं को अप्रैल-मई में कोई खाद्यान्न सामग्री किसी कारण से नहीं मिल पायी उन्हें मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार जून माह के साथ में वो खाद्यान्न सामग्री मिलेगी। इस संबंध में खाद्य विभाग ने अप्रैल एवं मई माह में किन्ही कारणों से सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों से चना, गुड़ एवं नमक का उठाव नहीं करने वाले उपभोक्ताओं को जून माह के राशन के साथ अप्रैल एवं मई माह की शेष खाद्यान्न सामग्री उपलब्ध कराने का आदेश जारी किया है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य की राशन दुकानों से अप्रैल एवं मई माह में कुछ उपभोक्ताओं द्वारा कतिपय कारणों से चना, गुड़ एवं नमक का उठाव न करने की जानकारी मिलने पर खाद्य विभाग को उक्त दोनों माह की सामग्री को जून माह के राशन के साथ अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। खाद्य विभाग द्वारा इस संबंध में बीते दिनांे रायपुर से जारी आदेश के तहत राज्य के समस्त पीडीएस दुकान संचालकों को अप्रैल एवं मई माह के चना, गुड़ एवं नमक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है। खाद्य विभाग एवं नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों को राशन दुकानों में खाद्यान्न के भण्डारण एवं वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए है। -
बेमेतरा 06 जून : कलेक्टर श्री शिव अंनत तायल के नेतृत्व में एवं जिला पंचायत सी.ई.ओ. श्रीमती रीता यादव व जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री राजकुमार जाम्बुलकर के मार्गदर्शन में 188 क्वारेंटाइन सेन्टर के 311 गर्भवती माताओं को पौष्टिक किट स्वं-सहायता समूह व जनसहभागिता के माध्यम से स्वेच्छा से लाॅकडाॅउन जैसी विपरीत परिस्थितियों में संवेदनशीलता को समझतें हुए सकारात्मक पहल करते हुए क्वारेंटाइन सेन्टर में रूकी हुई महिला श्रमिक जो गर्भवती है उन्हे प्रदाय किया गया। प्रवासी मजदूर जिसमे गर्भवती महिला जो क्वारेंटाइन सेन्टर मे रुके हैं, उनकी बेहतर देखभाल के लिए जिला प्रशासन की पहल पर सुपोषण किट का वितरण किया जा रहा है। उक्त किट में गुड़, चना, फल्लीदाना, दूध पाउडर, खजूर, सेव, केला, नारियल, एवं रेडी टू ईट का गुड़ से बना हुआ भी प्रदाय किया जा रहा है।आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व विभागीय अधिकारी/कर्मचारी के द्वारा उक्त रचनात्मक कार्याे में कर्तव्य निर्वहन किया जा रहा है। पौष्टिक किट प्रदाय करने का मुख्य उद्देश्य गर्भवती माताओं को स्वयं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाना है ताकि माताएंे अपने घर में जाकर भी पौष्टिक व संतुलित आहार का सेवन करें तथा स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें एवं उनका आने वाला बच्चा भी स्वस्थ सुपोषित व हेल्दी हो। गर्भवती माताओं ने पौष्टिक किट प्राप्त कर विभाग एवं जिला प्रशासन के प्रति प्रसन्नता व्यक्त की है तथा उनमें हर्ष व खुशी की स्थिति व्याप्त है। -
प्रत्येक कन्ट्रोल रुम के लिए जिला स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किये गये
बेमेतरा 06 जून : प्रदेश में करोना वायरस के संक्रमित मरीजों के बढते ग्राफ को ध्यान रखते हुये बेमेतरा जिला की व्यवस्था को चुस्त दुरूस्त करने के लिए कलेक्टर बेमेतरा द्वारा जिले के चारों वि.खं. सहित जिला स्तर पर कन्ट्रोल रूम का गठन किया हैं। ये कन्ट्रोल रूम में चैबीसों घंटे कार्यशील रहेगा इसमें रोस्टर अनुसार कर्मचारियों/अधिकारियों को तैनात किया गया हैं। इन कर्मचारियों को संकमित मरीज की सूचना प्राप्ति से लेकर उनके इलाज उपरान्त मुक्त होने तक की सभी कार्यो के क्रियान्वयन व फालोअप तक का दायित्व सौपा गया हैं। आज जिला परिसर के दृष्टि सभाकक्ष में स्वास्थ्य विभाग सहित चारों ब्लाक व जिला के कन्ट्रोलरूम के सभी लोगों की उपस्थिति की जानकारी लेते हुये कलेक्टर शिव अन्नत तायल ने प्रायमरी कांटैक्ट ट्रेसिंग टीम, सैम्पलिंग टीम और सैनिटाईजेशन टीम सहित परिवहन टीम को संक्रमित मरीज की सूचना प्राप्त होते ही निर्धारित समय सीमा में टीमों के प्रत्येक सदस्य को सूचित करते हुये उन्हें गन्तब्य को रवाना करना हैं। इस कार्य के लिए प्रत्येक टीम को शिफ्टवार दिनांकवार 9-9 कर्मचारियो की सोमवार से रविवार के लिए आदेशित किया गया हैं। इन कर्मचारियों को कार्य की महत्ता को समझातें हुये प्रत्येक आवश्यकता के लिए जिला स्तरीय एवं ब्लाक स्तरीय दायित्वान किये गये अधिकारियों के नाम नम्बरों की प्रति उपलब्ध कराई गई हैं। संक्रमितो की बढ़ती संख्या में उनकी भूमिका में किसी प्रकार की त्रुटि नही होने के प्रति सचेत करते हुये चेतावनी दी कि उनके द्वारा हुई गलतियों की सजा के लिये वे तैयार रहेगें।
प्रत्येक कन्ट्रोल रूम के लिये जिला स्तर के नोडल अधिकारी नियुक्त किये गये हैं वे अपने अपने कन्ट्रोल रूम के कार्यों के निस्पादन के प्रति सजग रहेगें। इस बैंठक को हेल्थ ओ.आई.सो. संदीप ठाकुर डिप्टी कलेक्टर, डॉ.सतीश शर्मा जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ज्योति जसाठी नोडल अधिकारी कोविड 19 ने भी संबोधत किया। जिले के क्षेत्रों में कानून व्यवस्था संबंधी लाक डाउन कराना प्रभावित क्षेत्रों से आवागमन को प्रतिबंधित करना, संक्रमित जन की ट्रेकिंग हिस्ट्री हेतु सी.डी.आर. निकलवाना संबंधी प्रभारी अधिकारी पुलिस अधीक्षक होगें। कान्ट्रेक्ट ट्रेसिंग व कान्टेन्टमेन्ट जोन की मूलभूत सुविधाओं के लिए प्रभारी अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत होगें इनके सहयोग हेतु शिक्षा अधिकारी, राजस्व अधिकारी लोक निर्माण विभाग और पुलिस विभाग होगें।
आइसोलेशन सेन्टर कोरेन्टाइन सेन्टरों में आवश्यक उपकरण व सामग्री की आपूर्ति जिला स्वास्थ्य व चिकित्सा विभाग होगें इस कार्य में श्री संदीप ठाकुर डिप्टी लेक्टर ओ.आई.सी. का कार्य करेगें। सेन्टरों में आवश्यक सुविधा प्रदाय हेतु पी.एच.ई. विभाग के साथ खाद्य विभाग एवं ग्रामीण क्षेत्र में जनपद पंचायतों व नगरीय क्षेत्रों के लिए संबंधित मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दायित्व दिया गया हैं जिला प्रभारी का कार्य संयुक्त कलेक्टर बेमेतरा होगें। कनटेन्टमेन्ट जोन व बफर जोन मे एक्टिव सर्वेलेंस के कार्य के लिए शिक्षा विभाग, महिला बाल कल्याण विभाग, स्वास्थ्य विभाग और मुख्य कार्यपलन अधिकारी दायित्ववान होंगे। जिल पंचायत के सीईओ जिला प्रभारी का कार्य सम्पन्न करेंगें।
संक्रमण बढ़ने की स्थिति मे क्षेत्र के रहवासियों की शिफ्टिंग स्थान का चयन और आवश्यक संसाधनों का आंकलन का कार्य पुलिस विभाग, राजस्व विभाग, स्वास्थ्य विभाग के साथ परिवहन विभाग करेंगंे। इसके जिला प्रभारी अपर कलेक्टर श्री संजय कूमार दीवान होंगे और इन स्थानों के लिए विद्युत आपूर्ति एवं स्थलों को सेनेटाईजेशन संबंधि कार्य को स्वास्थ्य विभाग व नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों मे उनके मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से सम्पन्न कराने की व्यवस्था देखेंगें।
सभी ब्लाॅक के कन्ट्रोल रुम जिला कन्ट्रोल रुम से सतत् संपर्क मे रहेंगे। संक्रमित की सूचना से उन स्थानों मे एम्बुलेंस भेजने, सैम्पलींग टीम और सर्वेलेन्स टीम को निर्धारित समय मे भेजने उन्हे सुचित करने और प्राइमरी कान्ट्रेक्ट के व्यक्तियों को क्वारेंटाइन सेन्टर हेतु वाहनों को रवाना करना समय-समय पर उनसे फीडबैक लेना आदि कार्य निधारित अवधि मे पूर्ण कराना सुनिश्चित करेंगे। और सभी संबंधि अधिकारियों के नाम, पद नाम कार्य के साथा संपर्क नम्बर प्रदाय किया गया है। - बेमेतरा 06 जून : कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, ढोलिया बेमेतरा द्वारा कोरोना महामारी काल में महिला स्व-सहायता समूह, नरवा, गरवा, घुरवा बाड़ी एवं अन्य किसानों को वर्ष भर आय का साधन देने वाली मशरूम उत्पादन तकनीक का प्रारंभ किया जायेगा। इसके अंतर्गत जिले के कृषको को मशरूम उत्पादन तकनीक का प्रशिक्षण करके सीखने के सिद्धांत पर प्रशिक्षण देने के लिए एक कार्ययोजना जिला प्रशासन को प्रस्तुत किया गया है। जिससे जिले में उत्पादित होने वाले धान के पैरा का समुचित उपयोग होगा। इससे किसान उच्च गुणवत्ता वाले मशरूम का उत्पादन कम से कम जगह में करके ज्यादा उत्पादन प्राप्त कर सकते है। जिसे वे स्वयं भी खायेगें एवं दुसरो को भी उपलब्ध करायेंगें। उत्पादित मशरूम कुपोषण को दूर करने में सहायक है एवं इसमें औषधीय गुण होने के कारण स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है।
इससे जिले वासियों को भी 8 महीने मशरूम उपलब्ध कराया जा सकेगा। इस फसल का उत्पादन महिलायंे एवं अन्य जिले में प्रचार-प्रसार के माध्यम से आसानी से कर सकतें है। इसमें कुछ दिनों का प्रशिक्षण लेने के पश्चात वे खुद इसे कम लागत पर आरंभ कर सकतें है। इसकी व्यवस्था कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, ढोलिया, बेमेतरा में महीने में दो पाली में 30-30 लोगो को मुफ्त में दी जाने की व्यवस्था की जायेगी। इस प्रशिक्षण को इच्छुक व्यक्ति, किसान एवं महिलायें 4 दिन में मशरूम उत्पादन की तकनीक करके सीखेंगें एवं पारंगत होने के बाद प्रशस्ति पत्र दिया जायेगा, जिसका उपयोग कर वे बैंक से लोन लेकर इस व्यवसाय को शुरू कर अपनी आय में वृद्वि कर सकते है। -
बेमेतरा 04 जून : महिला एवं बाल विकास विभाग की परियोजना साजा, सेक्टर देवकर के ग्राम सहसपुर आंगनबाड़ी केन्द्र में दर्ज बालिका तृषा, माता दशरी बाई, पिता प्रेमलाल कम वजन के कारण गंभीर कुपोषित थी। इस बच्ची पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता झलेश्वरी साहू द्वारा विशेष ध्यान दिया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा प्रतिदिन गृह भ्रमण कर पालकों को बच्ची के खानपान पर विशेष ध्यान देने के लिये प्रेरित किया गया। कार्यकर्ता द्वारा बच्ची की मां और दादी को केन्द्र में पौष्टिक खिचड़ी जिसमें, पालक, लालभाजी, लौकी, गोभी, आलू, मटर आदि मिलाकर बनाकर दिखाया गया।
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत तृषा एवं तृषा की माता को आंगनबाड़ी केन्द्र में प्रतिदिन खिचड़ी खिलाया गया। घर में भी पौष्टिक खिचड़ी में तेल या घी डालकर बच्ची को खिलाने की सलाह दी गई। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान द्वारा बच्चों को कुपोषण से बाहर निकालने का विशेष प्रयास किया जा रहा है। तृषा की मां को रेडी-टू-ईट को सुरक्षित साफ डिब्बे में 6 दिन के लिये पैकेट बनाकर रखने की सलाह दी गई। बच्ची को रेडी-टू-ईट पोषण आहार को प्रतिदिन खिलाने के लिए पालकों को बताया गया। व्यंजन जैसे हलवा, चीला, बर्फी आदि बनाकर बच्ची को खिलाने की सलाह दी गई। बच्ची को खाना खिलाने के पहले स्वच्छता पर विशेष ध्यान देते हुए हमेशा साबुन से हाथ धोने के लिए बताया गया । इसके अलावा हमेशा एक साफ कटोरी एवं चम्मच का उपयोग करने के लिए कहा गया।
खाने में स्थानीय पौष्टिक खाद्य सामग्री समावेश करने हेतु प्रेरित किया गया। सेक्टर पर्यवेक्षक एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा निरंतर गृह भंेट करके देखा गया कि तृषा के पालक दी गई सलाहों पर किस प्रकार अमल कर रहे है। गृह भेंट के दौरान पालकों के मन में उतपन्न हो रहे संकाओ को दूर किया गया जिससे बच्ची की देखभाल करने में उन्हें काफी सुविधा हुई। इसके अतिरिक्त शासन द्वारा चलायी जा रही बाल संदर्भ योजना अंतर्गत बच्ची का मुफ्त स्वास्थ्य जांच कराया गया एवं मुफ्त दवाईयाॅ भी उपलब्ध कराई गई।विभाग द्वारा चलायी जा रहीं सतत् सीख प्रक्रिया प्रशिक्षण कार्यक्रम में बताई गई जानकारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा पालकों को समझाई गई। सतत् सीख पक्रिया के कुछ महत्वपूर्ण विषय इस प्रकार है:-कमजोर नवजात शिशु की पहचान और देखभाल, गंभीर दुबलेपन को कैसे पहचाने एवं रोके, कुपोषण और मृत्यु से बचने के लिए बीमारियों से बचाव, बच्चों और किशोरियों में खून की कमी/एनीमिया की रोकथाम। इस प्रकार की जानकारियाॅ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से पाकर बच्ची के पालक काफी हर्षोउल्लासित है। बच्ची की देखभाल करने में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा बताई गई जानकारी काफी उपयोगी रहीं। पोषण अभियान अंतर्गत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा स्मार्टफोन एप्प से तृषा को तत्काल चिन्हांकित करने में सफलता मिली। इसी प्रकार विभागीय एप्प कुपोषित बच्चों को तकनीक की सहायता से तत्काल चिन्हांकित करने में काफी उपयोगी होता है। इसके अतिरिक्त आंगनबाड़ी केन्द्र में सुपोषण चैपाल गतिविधि के आयोजन से तृषा के पालकोे को स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण के संबंध में संदेश देकर उनका व्यवहार परिवर्तन करवाने में कामयाबी मिली है।इस प्रकार के प्रयासों से बच्ची का वजन पिछले दो माह में अच्छा बढ़ा है। तृषा का वजन शुरुआत में 8 किलो 800 ग्राम था, जो कि 1 किलो 200 ग्राम बढ़कर 10 कि.ग्रा. हो गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की सजगता व देखभाल से बच्ची तृषा अब पूर्णतः स्वस्थ व सुपोषित है। - बेमेतरा 04 जून : छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य में आत्मनिर्भर योजना के तहत प्रवासी श्रमिकों और अन्य व्यक्तियों को मई-जून माह के लिए 5-5 किलोग्राम चावल प्रति व्यक्ति एवं 1-1 किलोग्राम चना प्रति कार्ड निःशुल्क दिया जाएगा। खाद्य विभाग द्वारा कल बुधवार को मंत्रालय महानदी भवन से जारी आदेश के अनुसार भारत सरकार द्वारा शुरू की गई आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत हितग्राहियों की पहचान के लिए आधार नंबर नहीं होने पर मतदाता परिचय पत्र, पैन कार्ड, किसान फोटो पासबुक अथवा राज्य शासन, जिला प्रशासन द्वारा जारी अन्य कोई फोटोयुक्त परिचय पत्र को भी मान्य किया जाएगा।
भारत सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन 23 मार्च 2020 से लेकर आत्मनिर्भर भारत योजना लागू होने तक छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जिन राशन कार्ड विहीन प्रवासी व्यक्तियों का राशन कार्ड राज्य योजना के तहत जारी किया गया है। ऐसे राशन कार्ड धारियों को भी मई-जून 2020 में खाद्यान्न और चने का वितरण किया जाएगा। खाद्य विभाग द्वारा राज्य के सभी कलेक्टरों को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। - बेमेतरा 04 जून : जिले के विभिन्न आंगनबाड़ी केन्द्रो में चकमक अभियान एवं सजग कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। चकमक अभियान व सजग कार्यक्रम अंतर्गत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा पालकों तथा हितग्राहियों के गृह भ्रमण कर 3 से 6 वर्ष के बच्चों को अनौपचारिक शिक्षा दे रही है। बच्चें अपने घरों में ही रह कर पालकों के साथ विभिन्न गतिविधियाॅं सम्पन्न कर रहें। चकमक अभियान बच्चों के लिए अभिव्यक्ति का एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ है, पूरे परिवार के साथ मिलकर हंसी-खुशी से सीखने-सिखाने का अच्छा अवसर बन गया है। इस अभियान को संचालित करने का उद्ेश्य बच्चों, माता-पिता और दादा-दादी तथा देखभाल करने वालों को वर्तमान स्थिति से निपटने में मदद करना है। आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों के समग्र विकास हेतु चकमक अभियान अंतर्गत लाॅकडाउन के समय पारिवारिक सदस्यों के साथ रचनात्मक गतिविधि में व्यस्त रखने हेतु सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा प्रयास किया जा रहा है। इसी तारतम्य में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती सविता रजक द्वारा ग्राम गोडमर्रा (साजा) में शासन द्वारा निर्धारित समय सारिणी के अनुसार निर्धारित गतिविधि का आयोजन हेतु पालकों को प्रेरित किया। बच्चों ने खुशी खुशी गतिविधियों में व्यस्त रहते हुए पालकों के साथ अपना समय बिताया।
समय सारणी अनुसार बच्चों ने चित्रकारी में अपनी रूचि दिखाई। चित्रकारी में उन्होंने अपने पसंद के चित्र बनाकर अपना कला का प्रदर्शन किया। चित्रकारी न केवल कागज पर प्रस्तुत किया परंतु पत्तों और फूलों से भी अपना रचनात्मक प्रतिभा दिखाया। बच्चें मिट्टी से भी खिलौना बना रहें जिसमें मिट्टी से हाथी,घोड़ा, ऊट, विभिन्न फल केला, सेब, गाड़ी-मोटर तथा रसोई बर्तन, चुल्हा, कड़ाई इत्यादि सामग्री बना रहें हैं। यह सब बच्चों के शारीरिक, मानसिक तथा रचनात्मक विकास में सार्थक पाया गया है।गतिविधियों के दौरान कार्यकर्ता एवं पालक बच्चों को हर्षोउल्लास के साथ अनौपचारिक शिक्षा देने में सफल हो पाये है। पालक बच्चों के विभिन्न गतिविधियों में सक्रियता से सम्मिलित हो रहे है। पालकों का कहना है, चकमक अभियान के गतिविधियों से वे बच्चों के कलाकृति को उभार रहे है। परिवार में समस्त सदस्य चकमक अभियान से प्रसन्न है और हर्षोउल्लास का वातावरण का आनंद ले रहे हैंै।
सजग कार्यक्रम के तहत् अभिभावकों के लिए विभाग से प्राप्त आॅडियों-वीडियों संदेश पर्यवेक्षक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा स्मार्ट फोन में भेजा जा रहा है। बेमेतरा जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग के सभी आंगनबाड़ी में कार्यक्रम संचालित हो रहा है। सजग कार्यक्रम अंतर्गत पालकों को अपने बच्चों के साथ सार्थक समय बिताने हेतु दिशा प्राप्त हुई है। वर्तमान में शासन से सात आॅडियो क्लिप प्राप्त हुए है। 1. अपनी कहानी, 2. बच्चों में बेचैनी 3. अनचाहा व्यवहार 4. गुड़िया का समय 5. पुनर्विचार 6. पौधा, पानी और धूप 7. घर में कलह जैसे विषय शामिल है। इन आॅडियो क्लिप्स के संदेशो को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा पर्यवेक्षक गृह भ्रमण के दौरान बच्चों एवं उनके पालकों को सुना रहे है। तत्पश्चात उस विषय में पालकों से चर्चा भी की जा रही है। कार्यकर्ताओं का यह प्रयास परिवार में हर्षोउल्लास का वातावरण निर्माण कर रहा है। बच्चों के पालक सजग कार्यक्रम से प्रसन्न हंै और बच्चों में विशेष ध्यान दे रहे है। -
बेमेतरा 04 जून : महिला एवं बाल विकास विभाग की परियोजना साजा, सेक्टर देवकर के ग्राम सहसपुर आंगनबाड़ी केन्द्र में दर्ज बालिका तृषा, माता दशरी बाई, पिता प्रेमलाल कम वजन के कारण गंभीर कुपोषित थी। इस बच्ची पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता झलेश्वरी साहू द्वारा विशेष ध्यान दिया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा प्रतिदिन गृह भ्रमण कर पालकों को बच्ची के खानपान पर विशेष ध्यान देने के लिये प्रेरित किया गया। कार्यकर्ता द्वारा बच्ची की मां और दादी को केन्द्र में पौष्टिक खिचड़ी जिसमें, पालक, लालभाजी, लौकी, गोभी, आलू, मटर आदि मिलाकर बनाकर दिखाया गया।
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत तृषा एवं तृषा की माता को आंगनबाड़ी केन्द्र में प्रतिदिन खिचड़ी खिलाया गया। घर में भी पौष्टिक खिचड़ी में तेल या घी डालकर बच्ची को खिलाने की सलाह दी गई। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान द्वारा बच्चों को कुपोषण से बाहर निकालने का विशेष प्रयास किया जा रहा है। तृषा की मां को रेडी-टू-ईट को सुरक्षित साफ डिब्बे में 6 दिन के लिये पैकेट बनाकर रखने की सलाह दी गई। बच्ची को रेडी-टू-ईट पोषण आहार को प्रतिदिन खिलाने के लिए पालकों को बताया गया। व्यंजन जैसे हलवा, चीला, बर्फी आदि बनाकर बच्ची को खिलाने की सलाह दी गई। बच्ची को खाना खिलाने के पहले स्वच्छता पर विशेष ध्यान देते हुए हमेशा साबुन से हाथ धोने के लिए बताया गया । इसके अलावा हमेशा एक साफ कटोरी एवं चम्मच का उपयोग करने के लिए कहा गया।
खाने में स्थानीय पौष्टिक खाद्य सामग्री समावेश करने हेतु प्रेरित किया गया। सेक्टर पर्यवेक्षक एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा निरंतर गृह भंेट करके देखा गया कि तृषा के पालक दी गई सलाहों पर किस प्रकार अमल कर रहे है। गृह भेंट के दौरान पालकों के मन में उतपन्न हो रहे संकाओ को दूर किया गया जिससे बच्ची की देखभाल करने में उन्हें काफी सुविधा हुई। इसके अतिरिक्त शासन द्वारा चलायी जा रही बाल संदर्भ योजना अंतर्गत बच्ची का मुफ्त स्वास्थ्य जांच कराया गया एवं मुफ्त दवाईयाॅ भी उपलब्ध कराई गई।विभाग द्वारा चलायी जा रहीं सतत् सीख प्रक्रिया प्रशिक्षण कार्यक्रम में बताई गई जानकारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा पालकों को समझाई गई। सतत् सीख पक्रिया के कुछ महत्वपूर्ण विषय इस प्रकार है:-कमजोर नवजात शिशु की पहचान और देखभाल, गंभीर दुबलेपन को कैसे पहचाने एवं रोके, कुपोषण और मृत्यु से बचने के लिए बीमारियों से बचाव, बच्चों और किशोरियों में खून की कमी/एनीमिया की रोकथाम। इस प्रकार की जानकारियाॅ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से पाकर बच्ची के पालक काफी हर्षोउल्लासित है। बच्ची की देखभाल करने में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा बताई गई जानकारी काफी उपयोगी रहीं। पोषण अभियान अंतर्गत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा स्मार्टफोन एप्प से तृषा को तत्काल चिन्हांकित करने में सफलता मिली। इसी प्रकार विभागीय एप्प कुपोषित बच्चों को तकनीक की सहायता से तत्काल चिन्हांकित करने में काफी उपयोगी होता है। इसके अतिरिक्त आंगनबाड़ी केन्द्र में सुपोषण चैपाल गतिविधि के आयोजन से तृषा के पालकोे को स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण के संबंध में संदेश देकर उनका व्यवहार परिवर्तन करवाने में कामयाबी मिली है।इस प्रकार के प्रयासों से बच्ची का वजन पिछले दो माह में अच्छा बढ़ा है। तृषा का वजन शुरुआत में 8 किलो 800 ग्राम था, जो कि 1 किलो 200 ग्राम बढ़कर 10 कि.ग्रा. हो गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की सजगता व देखभाल से बच्ची तृषा अब पूर्णतः स्वस्थ व सुपोषित है। -
बेमेतरा 03 जून 2020:- प्रदेश सरकार की सुराजी गांव योजना के अंतर्गत घुरवा से जैविक खाद के उत्पादन को बढ़ावा देने और भूमि की उपजाऊ क्षमता को बढ़ाने आदर्श गौठान मौहाभाठा मे यह कहावत चरितार्थ होती नजर आ रही है। बेमेतरा जिले के साजा विकासखण्ड के ग्राम मौहाभाठा मे निर्मित आदर्श गौठान में महिला स्व-सहायता समूहों की मेहनत एवं शासन के प्रयास से वहां की महिलाएंे अपने पैरो पर खड़ी हो रही है। मौहाभाठा के गौठान मे महुआ स्व-सहायता समूह एवं कल्पना स्व-सहायता समूहों की महिलाओं की ही मेहनत का नतीजा है कि वहां मशरुम उत्पादन की कल्पना को चरितार्थ किया जा रहा है। दोनो ही समूहो के द्वारा वर्तमान मे 120 बैग लगाये गये हैं। जिसमे कुछ ही समय मे मशरुम का उत्पादन शुरु हो जायेगा। इसके साथ ही और बैग लगाने की तैयारी की जा रही है। इनके द्वारा उत्पादित मशरुम की आज खुले मार्केट मे भी अच्छी मांग है, आज मशरुम सूखे और गीले दोनो रुपो मे बिक रहा है, जो कि भोजन मे प्राटीन का अच्छा स्त्रोत है।
साथ ही महुआ महिला स्व-सहायता समूह द्वारा तार जाली का भी निर्माण किय जा रहा है बता दें कि उक्त गौठान की फेसिंग मे भी इसी समूह द्वारा तैयार किये गये तार जाली का उपयोग किया गया है। साथ ही साथ विधानसभा अंतर्गत पंचायतों मे उपयोग किये जाने वाले फेसिंग के लिए इसी समूह से बात की जा रही है। इसके अलावा कल्पना महिला स्व-सहायता समूह द्वारा वर्मी खाद का निर्माण किया जा रहा है। इनके द्वारा निर्मित खाद की गुणवत्ता अच्छी है तथा किसानों द्वारा आज अपने खेतों मे उपयोग के लिए इसी वर्मी खाद की मांग अधिक है।
महुआ महिला स्व-सहायता समूह द्वारा के संचालन मे अध्यक्ष माया साहू, सचिव ब्रिजबाई मानिकपुरी, कोषाध्यक्ष अहिल्या साहू एवं कल्पना महिला स्व-सहायता समूह के अध्यक्ष कुसूम बाई साहू, सचिव भूमिका साहू का अथक प्रयास है एवं दोना समूहों मे कुल 14 सदस्य हैं। इसके मार्गदर्शन के लिए शासन स्तर पर सभी बड़े अधिकारी निरंतर उपस्थित रहते हंै, जिसके कारण इनके अंदर कुछ करने की इच्छा प्रबल है। -
बेमेतरा 03 जून : कोरोना संक्रमण के फैलाव की रोकथाम के उद्देश्य से नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग नवा रायपुर द्वारा बीते दिनों जारी आदेश के तहत स्ट्रीट फूड वेंडर (पथ विक्रेताओं, खान-पान केन्द्र) केवल पार्सल की सुविधा के साथ दुकान लगाने की अनुमति होगी। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने सभी कलेक्टरों, नगर निगमों के आयुक्त तथा नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को उक्त निर्देश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। -
बेमेतरा 03 जून : छ.ग. शासन की मंशानुरूप राज्य में व्यापक पैमाने पर आगामी माह से वृक्षारोपण का मुहिम चलाया जाना है, इस हेतु बेमेतरा जिले में भी आवश्यक तैयारियां की जानी हैै। वृक्षारोपण की तैयारी हेतु बैठक दिनांक 08 जून .2020 को प्रातः 11 बजे कलेक्टोरेट बेमेतरा के दृष्टिसभा कक्ष में आयोजित है। कलेक्टर श्री शिव अनंत तायल ने एक परिपत्र जारी कर कहा है कि वृक्षारोपण की योजना पर दो तरह से कार्य करना होगा, जिसमें 01 भाग महत्वपूर्ण सड़कों, राष्ट्रीय राजमार्गो, स्टेट हाईवे के दोनों किनारों पर पौधारोपण किया जाये। इन पौधों में बरगद व पीपल के वृक्ष लगायें जाये। सामूहिक फार्मिंग के तहत मुनगा, नीबू, आॅवला, करौंदा इत्यादि पौधे लगाये जावेंगे। इसके लिए जिला मुख्यालय व ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि के बड़े-बड़े पैचेस में 5 एकड़ व उससे अधिक भूमि का चिन्हांकन कर सभी अनुविभागीय अधिकारी दिनांक 08 जून 2020 तक अपना प्रस्ताव नक्शा खसरा सहित देंगे।
राष्ट्रीय राजमार्ग व स्टेट हाईवे के दोनों किरानों पर कितने वृक्ष बेमेतरा जिले की सीमा के अंतर्गत कराये जा सकते है, इसकी जानकारी कार्यपालन अभियंता, लोक निर्माण विभाग व (एनएचएआई) NHAI देंगे। लगाये गये पौधों की सुरक्षा हेतु (थ्री गार्ड)TREE GUARD की सप्लाई हेतु स्वयं सहायता समूहों का चयन वनमण्डलाधिकारी व मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत बेमेतरा के द्वारा किया जावेगा एवं नियत दिनांक 08 जून 2020 तक अपना प्रस्ताव देंगे। सहायक संचालक उद्यानिकी, फलदार वृक्षों के रोपण का प्रस्ताव देंगे, जिसमें मुनगा, नीबू, आॅवला, करौंदा ये फलदार वृक्ष शामिल होंगे। मुनगे का पौधा स्वास्थ्य की दृष्टि से उपयोगी होता है। अतः मुनगे के पौधे जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों, शालाओं, आश्रमों, पुलिस थाना, तहसील कार्यालय, ग्राम पंचायत भवनों, चिकित्सालयों व अन्य सभी शासकीय कार्यालयों के परिसर में लगाई जावेगी। वृक्षों की सुरक्षा संबंधित विभाग की होगी।फलों के पौधे की फेंसिंग (Fencing) का कार्य इसकी सुरक्षा हेतु संबंधित कार्यालय/विभाग द्वारा किया जावेगा। इसके अतिरिक्त (रीवर साईड प्लांटेशन) River Side Plantation का भी कार्य लिया जावेगा, जिसमें जिले की तीन नदियों शिवनाथ, हाफ व खारून नदी के किनारों में वृक्षारोपण व्यापक स्तर पर किया जावेगा। (स्थल चयन व रोपे जाने वाले पौधों की संख्या का आंकलन, कार्यपालन अभियंता, जल संसाधन विभाग व प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना पीएमजीएसवाई (PMGSY) द्वारा किया जावेगा। इसी तरह नगरीय क्षेत्रों में (प्लांटेशन) PLANIATION का कार्य संबंधित मुख्य नगर पालिका अधिकारी, द्वारा किया जावेगा। सड़क के मध्य स्थित डिवाइडरों में स्थान उपलब्धता के आधार पर वृक्षारोपण भी किया जावेगा। (कार्यवाही कार्यपालन अभियंता, लोकनिर्माण विभाग व समस्त, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका/नगर पंचायत, जिला बेमेतरा) तद््नुसार सर्व विभाग प्रमुख जिला बेमेतरा को उपरोक्त संदर्भ में वृक्षारोपण की तैयारी हेतु बैठक दिनांक 08 जून .2020 को प्रातः 11 बजे दृष्टिसभा कक्ष में आयोजित है। -
अब तक 24 हजार वर्मी कम्पोस्ट खाद का बिक्री
बेमेतरा 03 जून : राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन NRLM (बिहान) अन्तर्गत विकासखण्ड साजा जिला बेमेतरा के ग्राम पंचायत टिपनी के जय महामाया महिला स्व सहायता समूह वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण कर रही है। साथ ही स्वसहायता समूह के सदस्य ग्रामीणों को पारंपरिक खाद बनाने का प्रशिक्षण भी दे रहे हैं। स्वसहायता समूह से जुड़े समूह का मानना है कि वर्मी कम्पोस्ट खाद रासायनिक खाद की अपेक्षा भूमि के लिए ज्यादा उपयोगी है। इससे भूमि को कोई नुकसान नहीं होता है बल्कि इसके उपयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। और फसल की पैदावार भी अच्छी होती है।
ग्राम टिपनी के महामाया स्वसहायता समूह का विगत 7 माह से जैविक खाद बनाने का काम चल रहा है। जैविक खाद बनाने से पहले इसका प्रशिक्षण समूह के अध्यक्ष श्रीमती इन्द्ररानी देवांगन , सचिव श्रीमती क्रांती साहू एवं स्वसहायता समूह के सदस्यों को थानखम्हरिया के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी श्री बलवंत सिन्हा द्वारा दिया गया था , जिसमें जनपद पंचायत के सहायक विकास विस्तार अधिकारी श्री एस.के. चौबे एवं पी.आर.पी. श्रीमती वीणा मार्कण्डेय उपस्थित थे । महामाया समूह से जुड़े 12 महिला वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने के काम से जुड़े हुए हैं।
अभी तक स्व सहायता समूह द्वारा 14 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाकर 10 रू- प्रति किलो की दर से ग्राम पंचायत के ही किसानो 14000/-रू- में विक्रय किया जा चुका है तथा 4 ट्राली बेस्ट डी कम्पोस्ट खाद ( उपचारित गोबर खाद) की खरीदी 2500 प्रति ट्राली की दर से 10000/- रू- का ग्राम पंचायत टिपनी के ही किसानो ने ही स्वसहायता समूह से कर कर लिये है। किसानो नेे इन कम्पोस्ट खाद की खरीदी कर अपने खेतो, व बाड़ी में किए गए फसल उत्पादन में इस प्राकृतिक खाद का छिड़काव कर रही है जो बोये गये फसलो के लिए काफी लाभदायक साबित हो रहा है।
तैयार करने की विधि- महिला स्व सहायता समूह इस तरह बना रहे प्राकृतिक खाद
यह जैविक खाद पुरानी प्रचलित प्राकृतिक खाद ही है। इसे तैयार करने में मेहनत तो काफी ज्यादा लगती है लेकिन खाद बनने के बाद यह फसल व पौधों के लिए काफी लाभदायक होती है। समूह द्वारा कम्पोस्ट खाद्य बनाने के लिए 2 टैंक तैयार किए गए हैं। सबसे पहले बड़ी मात्रा में सूखी पत्तियों को टैंक में डाला जाता है। इन पत्तों को डेढ़ माह तक सड़ाया जाता है। फिर खाली बेड में नीम के पत्ते एवं अनाज के भूसा डालकर गोबर का घोल बनाकर छिड़काव किया जाता है और फिर निर्धारित मात्रा में केंचुआ खाद्य डाला जाता है जो सूखे पत्तों व गोबर के मिश्रण को खाकर उसे 30 से 45 दिन में वर्मी कम्पोस्ट खाद्य में तब्दील कर देते हैं। एक टैंक से एक बार में 10 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट प्राप्त होती है। खाद्य के निर्माण में प्रति किलो 4 रुपए का व्यय होता है जबकि इसकी बिक्री प्रति किलो रुपए 8 से 10 रुपए की दर से होती होता है और इस तरह समूह को प्रति किलो बिक्री में 4 से 6 रुपए का लाभ प्राप्त हो रहा है। वर्मी कम्पोस्ट निर्माण में समूह के सदस्यों को नियमित आजीविका प्राप्त हो रही है। वर्मी कम्पोस्ट में नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटेशियम का आदर्श प्रतिशत मौजूद होता है जो भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाता है जो कि पर्यावरण के लिए भी अच्छा है। -
बेमेतरा 02 जून : छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के संक्रमण के कारण प्रवासी मजदूरों को क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया है। इनके साथ केन्द्रों में उनके बच्चे भी रह रहे हैं। राज्य सरकार ने इन प्रवासी मजदूरों के बच्चों की नियमित शिक्षा की व्यवस्था के लिए उन्हें स्कूलों में प्रवेश दिलाने का निर्णय लिया है। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव ने इस संबंध में कार्यवाही के लिए जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया है।
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा ने जिला कलेक्टरों से कहा है कि प्रवासी मजदूरों के बच्चों के नियमित शिक्षा के लिए उनकी जानकारी निर्धारित प्रपत्र में एकत्रित किया जाना आवश्यक है। इस प्रपत्र में बच्चे का नाम, आयु, जन्मतिथि, लिंग, पिता का नाम, माता का नाम, कहां से छत्तीसगढ़ वापस आए हैं, निवास स्थान का पूरा पता ग्रामीण क्षेत्र के लिए - गांव, पंचायत, विकासखण्ड, जिला तथा शहरी क्षेत्र के लिए मकान नंबर, मोहल्ला, वार्ड, शहर, जिला, बच्चा कितने वर्ष का और किस कक्षा में पढ़ता है, इस वर्ष किस कक्षा में प्रवेश लेना है, माता-पिता छत्तीसगढ़ में रहेंगे अथवा काम के लिए बाहर जाएंगे, बच्चा छत्तीसगढ़ में रहेगा अथवा माता-पिता के साथ बाहर जाएगा, कि जानकारी एकत्र की जाए। जिला कलेक्टरों से कहा गया है कि क्वारेंटाइन सेंटर छोड़ने के पूर्व प्रत्येक क्वारेंटाइन सेंटर में प्रपत्र अनुसार जानकारी एकत्र करा ली जाए। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शीघ्र ही इस जानकारी की ऑनलाइन एन्ट्री के लिए साफ्टवेयर उपलब्ध कराया जाएगा।
तब तक यह जानकारी प्रत्येक क्वारेंटाइन सेंटर में एक पंजी में तैयार कराएं। जिला कलेक्टरों से कहा गया है कि यह सुनिश्चित करें कि सभी की जानकारी तैयार हो जाए। जिससे कोई भी बच्चा स्कूल में प्रवेश से वंचित न रह जाए। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारियों को भी आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। -
स्पोट्स काॅम्प्लेक्स, स्टेडियम, सार्वजनिक पार्क 7 जून तक रहेगें बन्द
बेमेतरा 02 जून : गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण नियंत्रण हेतु लाॅकडाउन उपायों को चरणबद्ध रूप से खोलने एवं 30 जून 2020 तक लाॅकडाउन संशोधित रूप में लागू करने के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री शिव अनंत तायल ने एक आदेश जारी कर बेमेतरा जिले के लिए निम्नानुसार दिशा-निर्देश सर्व साधारण की जानकारी हेतु जारी करते हुये यह स्पष्ट किया जाता है कि ऐसी सभी दुकानें/संस्थायें/प्रतिष्ठान/सेवाओं को जो भारत सरकार, गृह मंत्रालय व छ.ग. शासन द्वारा प्रतिबंधित नहीं है, उनके संचालक की अनुमति निम्नलिखित शर्तो के अधीन प्रदाय की जाती है। दुकानों/संस्थायें/प्रतिष्ठान/सेवाओं को भारत सरकार व राज्य शासन द्वारा कोरोना वायरस (कोविड-19) के रोकथाम हेतु जारी समस्त निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा।
दुकानों/संस्थायें/प्रतिष्ठान/सेवाओं का संचालन सप्ताह के छः दिन (रविवार बंद) प्रातः 7 बजे से सायं 5 बजे तक होगा। दुकान परिसर के बाहर पर्याप्त मात्रा में पानी व हैण्ड सेनिटाईजर रखना अनिवार्य होगा। अनुमति प्राप्त ढाबों इत्यादि में ग्राहकोें को सामाग्री टेक अवे (Take Away) व आनलाईन डिलीवरी के सिद्धांत पर दी जावेगी तथा परिसर में स्वच्छता रखना अनिवार्य होगा। अंतर-जिला टैक्सी/आटो/ई-रिक्शा/निजी वाहनों के परिचालन व आवागमन हेतु आनलाईन ई-पास प्राप्त करना अनिवार्य होगा। आॅनलाईन ई-पास के बिना अंतर-जिला परिचालन की अनुमति नहीं होगी। यात्रा के दौरान मास्क का उपयोग व सोशल-डिस्टेंसिंग के प्रावधानों का पालन करना अनिवार्य होगा। यह महत्वपूर्ण होगा कि जितनी सीट की क्षमता है उससे अधिक सवारी का परिवहन नहीं किया जावेगा। उल्लंघन की दशा में परमिट निरस्त किया जा सकेगा।
सड़क किनारे सामान बेचने वालों (फेरी वालों) के लिए स्थानीय निकायों द्वारा नियत स्थान और समय का निर्धारण कर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा तथा 02 ठेलो के मध्य 20 फीट की दूरी अनिवार्य रूप से रखी जावे। नाॅन वेंडिंग जोन (Non-Vending Zone) में किसी तरह व्यापार-व्यवसाय की अनुमति नहीं होगी। विवाह संबंधी कार्यक्रमों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुये अधिकतम 50 व्यक्तियों की उपस्थिति की अनुमति होगी, जो संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय दण्डाधिकारी द्वारा प्रदान की जावेगी। अंत्येष्ठि/अंतिम संस्कार जैसे आयोजनों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होगा तथा अधिकतम 20 व्यक्तियों की उपस्थिति की अनुमति होगी, जो संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय दण्डाधिकारी द्वारा प्रदान की जावेगी।
समस्त प्रतिष्ठानों/ओद्यौगिक संस्थानों/व्यवसायिक संस्थाओं एवं कार्यालयों में थर्मल स्केनर/हैण्ड सेनिटाईजर/मास्क की उपलब्धता अनिवार्य रूप से रखी जावेगी। कार्यालय परिसर व सभी स्थलों पर स्वच्छता का ध्यान रखना आवश्यक होगा। दुकानों में एक बार में अधिकतम 05 ग्राहकों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुये प्रवेश दिया जा सकेगा। रात्रि 9 बजे से सुबह 5 बजे का समय कफ्र्यू का होगा, जिसमें किसी भी प्रकार की गतिविधि का संचालन नहीं होगा। परंतु कोई भी व्यक्ति अनावश्यक रूप से व गैर-जरूरी कार्य हेतु सायं 07ः00 बजे के पश्चात घर से बाहर नहीं निकलेगा।
10 साल से कम उम्र के बच्चें, गर्भवती महिलाओं एवं 65 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति मात्र मेडिकल ईमरजेंसी कारणों से ही घर से बाहर निकल सकेंगे।सार्वजनिक स्थल पर पान, गुटखा व शराब का सेवन नहीं किया जा सकेगा। व्यक्तियों के अंतर्राज्यीय बस परिवहन के बार में पूर्व में जारी प्रतिबंध जारी रहेगा तथा इस संबंध में ई-पास के माध्यम से अनुमति प्राप्त होने पर आवागमन हो सकेगा, यही प्रक्रिया अंतर-जिला परिवहन के बारे में भी लागू होगी। समस्त स्पोटर्स काम्पलेक्स, स्टेडियम व सार्वजनिक पार्क 07 जून तक बंद रहेगी। राज्य के भीतर व अंतर्राज्यीय बस सेवा परिवहन विभाग द्वारा पृथक से जारी आदेश के अनुरूप संचालित होंगे। क्लब, बार संचालन के बारे में वाणिज्यकर (आबकारी विभाग) पृथक से आदेश करेगा। उक्त किसी भी कंडिका का उल्लंघन होने पर दुकान/प्रतिष्ठान/संस्थान/सेवाओं के विरूद्ध कार्यवाही किया जाकर सील की जा सकेगी। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा। - बेेमेतरा 01 जून : महामारी कोरोना (कोविड-19) के संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के लिए ग्रामीण श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया कराने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (महात्मा गांधी नरेगा) के तहत प्रदेश भर में व्यापक काम शुरु किए गए हैं। इन कार्यों में प्रदेशभर में प्रतिदिन लगभग 22 से 25 लाख जॉब कार्डधारी श्रमिको को रोजगार प्राप्त हो रहा है। ऐसी स्थिति में नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19) से निपटने और इसके संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए तैयार किए गए विभिन्न जन-जागृति के संदेशों के प्रसार हेतु महात्मा गांधी नरेगा के कार्यस्थल प्रभावी साबित होंगे। इस संदर्भ में भारत सरकार एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग छत्तीसगढ़ शासन से ‘क्या करें और क्या नही‘ दिशा-निर्देश प्राप्त हुए है, जिनका कड़ाई से पालन करने के साथ-साथ आम जनमानस में इसका प्रचार-प्रसार भी किया जाना है।
क्या करें और क्या नहीं के मुख्य बिन्दु
सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू, खैनी इत्यादि न चबाएं और न ही थूकें, सार्वजनिक स्थानों पर न्यूनतम 1 मीटर (3-फीट) की भौतिक, शारीरिक दूरी बनाए रखें, श्वसन और हाथ की स्वच्छता सहित व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें, हाथ से बने एवं पुनः उपयोग में लाये जा सकने वाले मास्क से हर समय चेहरा ढके, मास्क न होने पर साफ-सुथरे कपड़े, गमछे से चेहरा ढके, आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें, छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को ढके, अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएं, साबुन और पानी उपलब्ध न हो तो, कम से कम 60 प्रतिशत अल्कोहल-आधारित हैंड सेनिटाइजर का उपयोग करें,घर के अंदर या बाहर स्वच्छता नियमित रखें और स्पर्श वाली सतहों को कीटाणुरहित करें, अनावश्यक यात्रा से बचे, कोरोना को हराने वालों या उससे लड़ने वालों को स्वीकार करें, उनका तिरस्कार न करें, सामाजिक आयोजनों और भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर रहें, बिना हाथ मिलाये और गले मिले, हाथ जोड़कर अभिवादन करें और स्वीकारें।
जिला पंचायत बेमेतरा सीईओ श्रीमती रीता यादव ने प्रत्येक सप्ताह महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत कार्य प्रारंभ करने के पूर्व कार्यस्थल पर उपरोक्त संदेशों का वाचन ग्राम रोजगार सहायक, पंचायत सचिव के माध्यम से करने तथा कार्य संपादन के दौरान इसका पालन अनिवार्य रूप से करवाने के निर्देश जनपद पंचायत बेमेतरा, नवागढ़, साजा एवं बेरला के सीईओ को दिये है। इससे महात्मा गांधी नरेगा श्रमिकों के साथ-साथ आम ग्रामीणजन के व्यवहार में भी कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के संदर्भ में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगें। -
बेमेतरा 30 मई 2020ः-संभागयुक्त दुर्ग श्री जी.आर. चुरेन्द्र ने कल देर शाम बेमेतरा जिले के विकासखण्ड बेरला के ग्राम-बहेरा के शासकीय पाॅलिटेकनिक एवं सांकरा के हाईस्कूल मे बनाये गये क्वारेंटाइन सेन्टर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होने अधिकारियों से क्वारेंटाइन सेन्टर मे सभी आवश्यक मूलभूत सुविधाओं के संबंध मे जानकारी ली। प्रवासी श्रमिको के गृह जिले मे वापसी के बाद क्वारेंटाइन सेन्टर मे रखा गया है। उन्होने मजदूरों से आत्मीय चर्चा भी की संभागायुक्त ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपंद पंचायत बेरला को क्वारेंटाइन सेंटर मे सभी आवश्यक जरुरी सुविधाओं का विशेष ध्यान रखे जाने का निर्देश दिए। कमिश्नर श्री चुरेन्द्र ने आगामी वर्षा ऋतु के दौरान शासकीय पाॅलिटेकनिक काॅलेज मे वृक्षारोपण करने के निदेश दिए। इस अवसर पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री दुर्गेश वर्मा, जनपद पंचायत सीईओ श्री सीपी मनहर तहसीलदार श्रीमती हीरा गवर्ना उपस्थित थे।