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युवा पीढ़ी समाज की नींव, नशा से दूर रहें - कलेक्टर की अपील
बेमेतरा : कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा ने आज कलेक्ट्रेट के दिशा सभाकक्ष में अधिकारियों की बैठक लेकर “नशा मुक्त भारत अभियान” के अंतर्गत जिले को पूर्णतः नशा मुक्त जिला बनाने हेतु ठोस रणनीति के साथ कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक मार्गदर्शन, सुझाव और दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि समाज में फैल रही नशे की कुरीतियों पर पूर्ण रूप से रोक लगाना समय की आवश्यकता है।
कलेक्टर श्री शर्मा ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि नशा व्यक्ति और समाज दोनों के पतन का कारण बनता है। उन्होंने कहा कि “नशा, नाश की जड़ है। जहां नशा होता है, वहां विवेक समाप्त हो जाता है।” नशापान से घर-परिवारों में कलह और क्लेश उत्पन्न होता है, व्यक्ति की संवेदनशीलता खत्म हो जाती है और वह जघन्य अपराधों में संलिप्त हो सकता है।उन्होंने कहा कि नशापान से न केवल लोक शांति भंग होती है, बल्कि संपत्तियों का ह्रास और समाज में अशांति का माहौल भी बनता है। कलेक्टर ने विशेष रूप से युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज की युवा पीढ़ी देश और समाज की नींव है। युवाओं को नशे से दूर रहना चाहिए, क्योंकि यही पीढ़ी भारत के उज्ज्वल भविष्य की धुरी है। कलेक्टर श्री शर्मा ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिले में नशा उन्मूलन के लिए सघन जन-जागरण अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि संगोष्ठियों, जनसभाओं और स्कूल-कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन कर नागरिकों को नशापान से होने वाले दुष्प्रभावों से अवगत कराया जाए। उन्होंने जिले के सभी नागरिकों, युवाओं एवं समाज के विभिन्न वर्गों से संवेदनशील अपील की कि वे स्वयं नशापान से दूर रहें और दूसरों को भी इससे बचने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक अपनी सामाजिक सहभागिता सुनिश्चित कर नशा मुक्त समाज के निर्माण में योगदान दे।
बैठक के दौरान कलेक्टर श्री शर्मा ने अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि जिले में किसी भी प्रकार की अवैध या जहरीली शराब का विक्रय बिल्कुल नहीं होना चाहिए। इस दिशा में कठोर कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी शैक्षणिक संस्थानों स्कूलों और कॉलेजों के आसपास संचालित किसी भी नशा पान की दुकान पर प्रतिबंध लगाया जाए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों और युवाओं के हित में प्रशासन पूर्ण सख्ती से कार्य करेगा। कलेक्टर ने अंत में कहा कि नशा त्यागना ही नहीं, दूसरों को नशा छोड़ने के लिए प्रेरित करना भी एक सामाजिक जिम्मेदारी है। मिलकर ही हम नशामुक्त, स्वस्थ और सशक्त समाज का निर्माण कर सकते हैं।
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1.59 लाख किसानों ने कराया पंजीयन, 1.87 लाख हेक्टेयर रकबा हुआ दर्ज
बेमेतरा : आगामी धान खरीदी सीजन वर्ष 2025-26 के लिए राज्य शासन द्वारा एग्रीस्टैक प्रोजेक्ट के अंतर्गत किसान पंजीयन को अनिवार्य किया गया है। इस योजना के तहत प्रदेश भर के किसानों को एकीकृत (यूनिफाइड) किसान पोर्टल में पंजीकृत किया जा रहा है, ताकि उन्हें समर्थन मूल्य पर धान विक्रय की सुविधा मिल सके। पंजीयन की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2025 निर्धारित की गई है। जिले की सभी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों को निर्देशित किया गया है कि वे एकीकृत किसान पोर्टल के माध्यम से किसानों का नवीन पंजीयन एवं फसल रकबे का संशोधन कार्य प्राथमिकता के आधार पर संपादित करें। एग्रीस्टैक के माध्यम से किया गया पंजीयन ई-केवाईसी आधारित होता है, जिससे दोहराव की संभावना समाप्त हो जाती है और किसानों की वास्तविक पहचान सुनिश्चित होती है।
राज्य शासन द्वारा यह व्यवस्था इस उद्देश्य से की जा रही है कि कृषकों को शासकीय योजनाओं का लाभ पारदर्शी और निष्पक्ष रूप से प्राप्त हो सके। इसके लिए राज्य शासन ने एकीकृत किसान पोर्टल विकसित किया है, जिसमें प्रतिवर्ष 01 जुलाई से 31 अक्टूबर तक पंजीयन की प्रक्रिया संचालित की जाती है। इस वर्ष भी खरीफ सीजन हेतु यह प्रक्रिया निर्धारित अवधि में पूर्ण की जाएगी। इस बार किसान पंजीयन की प्रक्रिया में कृषि विभाग, खाद्य विभाग और राजस्व विभाग के बीच इंटर-डिपार्टमेंटल समन्वय को और अधिक सुदृढ़ किया गया है। खाद्य विभाग द्वारा धान खरीदी पोर्टल पर किसानों का डाटा एग्रीस्टैक की फार्मर रजिस्ट्री से ऐपीआई के माध्यम से प्राप्त किया जाएगा, जो पूरी तरह से ई-केवाईसी आधारित होगा। साथ ही, राजस्व विभाग द्वारा संधारित ‘भुइयाँ पोर्टल’ में दर्ज किसानों की भूमि जानकारी और गिरदावरी रिकॉर्ड को भी आधार सीडिंग के माध्यम से एकीकृत किया जा रहा है।
जिले के कॉमन सर्विस सेंटर के साथ-साथ सहकारी समितियों के माध्यम से भी किसान आईडी बनाई जा रही है। गत वर्ष धान विक्रय करने वाले कुल 1.57 लाख कृषकों की तुलना में इस वर्ष अब तक 1.59 लाख अर्थात् 101% कृषकों का पंजीयन धान खरीदी हेतु किया जा चुका है।साथ ही जिले के 1.64 लाख कृषकों की एग्रीस्टैक किसान आईडी भी बनाई जा चुकी है। अतः धान विक्रय हेतु इच्छुक सभी कृषकों से अपील की गई है कि वे सहकारी समितियों, सीएससी केंद्रों तथा संबंधित पटवारियों से संपर्क कर अपनी एग्रीस्टैक किसान आईडी बनवाएं। जिन किसानों द्वारा अभी तक अपने सभी खसरों को एग्रीस्टैक आईडी से नहीं जोड़ा गया है, वे तत्काल सहकारी समिति, पटवारी या तहसीलदार से संपर्क कर शेष खसरों को जोड़वाएं, ताकि सभी पंजीकृत खसरों में उत्पादित धान का विक्रय किया जा सके। जिले में पंजीकृत धान रकबा 1.87 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है, जो जिले के कृषकों की सक्रिय भागीदारी और प्रशासनिक टीम की तत्परता को दर्शाता है।
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नवम्बर से बिना एचएसआरपी नंबर प्लेट के नहीं होंगे परिवहन संबंधी कार्य
बेमेतरा : परिवहन विभाग छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा 1 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट एचएसआरपी लगाना अनिवार्य किया गया है। इस संबंध में जिला परिवहन अधिकारी, बेमेतरा (छ.ग.) द्वारा जानकारी दी गई कि जिले में 1 अप्रैल 2019 के पूर्व लगभग 49 हजार वाहन पंजीकृत हैं। 28 अक्टूबर 2025 तक कुल 21,496 वाहनों के मालिकों द्वारा एचएसआरपी नंबर प्लेट लगवाने हेतु ऑनलाइन आवेदन किया जा चुका है। 1 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत 49 हजार वाहनों की तुलना में केवल 43 प्रतिशत वाहन मालिकों द्वारा ही एचएसआरपी नंबर प्लेट हेतु ऑनलाइन आवेदन किए गए हैं, जबकि शेष वाहन मालिकों द्वारा अब तक आवेदन नहीं किया गया है। अब तक 12,569 वाहनों में ही एचएसआरपी नंबर प्लेट लगाई गई है, जो अपेक्षाकृत कम है।
विभाग द्वारा बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद कई वाहन स्वामियों द्वारा अपने वाहनों में एचएसआरपी नंबर प्लेट नहीं लगाई गई है। इस पर गंभीरता से ध्यान देते हुए विभाग द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि अब राज्य के सभी परिवहन कार्यालयों में एचएसआरपी नंबर प्लेट लगाए बिना किसी भी वाहन से संबंधित कार्य नहीं किया जाएगा।
एचएसआरपी नंबर प्लेट लगाने के अनेक फायदे
केंद्रीय मोटरयान अधिनियम, 1988 के प्रावधान के तहत देशभर के वाहनों के नंबर प्लेट में एक - पता आती है। प्लेट एल्यूमिनियम की होने के कारण इसकी टूटने की संभावना कम रहती है। प्लेट के परावर्तक गुण के कारण रात्रि में प्रकाश पड़ने पर स्पष्ट दृष्टिगोचर होती है। वाहन के निर्माता द्वारा एचएसआरपी नंबर प्लेट लगाई जाती है, जिससे इसे निकालना या बदलना कठिन होता है और वाहनों के विभिन्न अपराधों में दुरुपयोग की संभावना समाप्त होती है। वाहन के नंबर प्लेट के अलावा एक विशिष्ट पहचान कोड (लेज़र कोड) से लैस रहता है। अतः परिवहन विभाग द्वारा सभी वाहन स्वामियों से अपील की गई है कि वे तत्काल अपने वाहनों में एचएसआरपी नंबर प्लेट लगवाएं। इसके लिए नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी), लोक सेवा केंद्र अथवा परिवहन सुविधा केंद्र के माध्यम से तुरंत ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं तथा प्लेट लगवाने की प्रक्रिया पूरी करें। विभाग द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया है कि 1 नवम्बर 2025 से जिन वाहनों में एचएसआरपी नंबर प्लेट नहीं लगी होगी, उनके परिवहन संबंधी कार्य नियमानुसार कार्यालय में नहीं किए जाएंगे।
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बेमेतरा : बेमेतरा जिले के समस्त शासकीय हाई एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालयों (बालक शालाओं को छोड़कर) में बालिकाओं के लिए 30 दिवसीय ’’रानी लक्ष्मी बाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम’’ आयोजित किया जाना है। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य विद्यालयीन छात्राओं को आत्मरक्षा के कौशलों में दक्ष बनाना और उनमें आत्मविश्वास का विकास करना है। प्रशिक्षण प्रदाय हेतु मार्शल आर्ट्स की विभिन्न विधाओं (जैसे कराटे, ताइक्वांडो, जूडो, कुंगफू आदि) में निपुण मास्टर्स से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इच्छुक एवं योग्य अभ्यर्थी अपना आवेदन पत्र 2 नवम्बर 2025 तक निर्धारित प्रारूप में जिला शिक्षा अधिकारी, बेमेतरा के कक्ष क्रमांक 05 में जमा कर सकते हैं।प्रशिक्षण कार्य पूर्ण अवधि (30 दिवस) तक संपन्न कराने वाले चयनित मास्टर्स को एकमुश्त मानदेय राशि ₹5000/- प्रदान की जाएगी। प्रशिक्षण बालिकाओं हेतु है, इसलिए महिला प्रशिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि इस पहल से न केवल बालिकाओं में आत्मरक्षा की भावना विकसित होगी बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने की दिशा में यह कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। -
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बेमेतरा : जिले के समस्त संकुल शैक्षिक समन्वयकों की बैठक 25 अक्टूबर 2025 को शासकीय बालक उच्च माध्यमिक विद्यालय, बेमेतरा में आयोजित की गई। बैठक में शिक्षा व्यवस्था को अधिक सुदृढ़, स्वच्छ एवं अनुशासित बनाने हेतु विस्तृत निर्देश दिए गए। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि स्वच्छ एवं हरित विद्यालय का मूल्यांकन सीऐसी द्वारा किया जाएगा। सभी विद्यालयों में भवन की रंगाई-पुताई का कार्य 30 अक्टूबर तक पूर्ण कर फोटोग्राफ साझा करने के निर्देश दिए गए।विद्यालयों को एजुकेशनल फोटो एवं वीडियो ग्रुप में जोड़ा जाएगा, साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि फोटो के बैकग्राउंड में कूड़ा-कचरा न हो और जूते-चप्पल व्यवस्थित रखे जाएँ। इसके अतिरिक्त, ब्हेबीववसण्पद पोर्टल में सभी शिक्षकों को ऑनलाइन अवकाश अनिवार्य रूप से दर्ज करने और संस्था प्रमुख द्वारा अग्रेषित करने के निर्देश दिए गए। विद्यालयों की मूलभूत सुविधाओं की जानकारी अद्यतन करना भी आवश्यक बताया गया, क्योंकि इन्हीं के आधार पर मरम्मत एवं निर्माण कार्यों की स्वीकृति दी जाएगी।बैठक में यह भी तय किया गया कि 14 नवंबर को एफएलएन मेला प्रत्येक प्राथमिक एवं बालवाड़ी से संबद्ध विद्यालयों में आयोजित होगा, जिसमें गतिविधि आधारित स्टाल लगाए जाएंगे। वहीं 7 दिसंबर को उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत असाक्षरों की परीक्षा आयोजित होगी, जिसमें शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। युक्तिकरण प्रक्रिया के तहत मर्ज विद्यालयों में वरिष्ठतम विद्यालय के प्राचार्य को संस्था प्रभारी बनाया जाएगा और विद्यालय का संचालन उन्हीं के निर्देशन में होगा।विद्युत देयक का भुगतान भी वरिष्ठ विद्यालय को किया जाएगा। साथ ही 1 से 5 नवंबर तक विद्यालयों में लाइटिंग कार्य किए जाने तथा सभी कर्मचारियों को अपनी सेवा पुस्तिका का सत्यापन दिसंबर 2025 तक संपरीक्षक एवं कोष लेखा कार्यालय से कराना अनिवार्य किया गया। प्रत्येक कर्मचारी को अपने सेवा पुस्तिका के प्रत्येक पृष्ठ पर हस्ताक्षर कर परिवार विवरण, नामिनी एवं वार्षिक वेतन वृद्धि की जांच करनी होगी, ताकि वेतनमान में किसी प्रकार की त्रुटि न रहे। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी श्री गेंदराम चतुर्वेदी, जिला मिशन समन्वयक (समग्र शिक्षा) श्री राजकुमार वर्मा, एम.आई.एस. प्रशासक श्री खिरामन साहू, तथा प्राचार्य शा.बालक उ.मा.वि. बेमेतरा श्री टी.डी. जांगड़े उपस्थित रहे। -
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जनदर्शन में विभिन्न शिकायत एवं समस्याओं से संबंधित 32 आवेदन प्राप्त हुए
बेमेतरा : कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा की उपस्थिति मे आज मंगलवार क़ो कलेक्टरेट के दृष्टि सभा कक्ष मे जनदर्शन आयोजित की गई। जिसमे जिले के अलग-अलग क्षेत्र के लोग अपनी-अपनी मांग, समस्याएं एवं शिकायतें लेकर आये। इस दौरान जनदर्शन मे आने वाले सभी लोगों की समस्याओं का निराकरण भी किया गया। आज के जनदर्शन में कलेक्टर ने लोगों की समस्याओं को गौर से सुना और संबंधित अधिकारियों से दूरभाष पर और समक्ष बुलाकर संबंधित आवेदनों का त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिए।
कुछ आवेदन मौके पर ही निराकरण किए गए। आज जनदर्शन में विभिन्न शिकायत एवं समस्याओं से संबंधित 32 आवेदन प्राप्त हुए। तात्कालिक महत्व की समस्याओं का जहां त्वरित निराकरण किया। वहीं गंभीर और जांच के आवेदनों को टीएल पंजी पर दर्ज करके, इनका निराकरण करने के निर्देश संबंधित अफसरों को दी।
इस दौरान जनदर्शन में दूरदराज के गांवों से अपनी समस्याओं के समाधान हेतु पहुंचे लोगों में से तहसील साजा के ग्राम बेंदरची निवासी नगपुरिहा ने साजा सोमईकला चिल्फी बेंदरची मार्ग में प्रभावित भूमि का मुआवजा दिलाने के संबंध में आवेदन दिया, तहसील थान खम्हरिया के ग्राम पप्पू बंजारे ने एग्रीस्टेक पोर्टल मे खसरा डालने पर भी नाम नही दिखाने के संबंध में आवेदन दिया, तहसील बेमेतरा के ग्राम लावातरा निवासी देवचरण ने नामांतरण एवं प्रमाणीकरण करने के संबंध में आवेदन दिया, तहसील दाढ़ी के ग्राम सेमरिया निवासी मनहरण सिंह ने सरपंच एवं उनके पति के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही किये जाने के संबंध में आवेदन दिया,तहसील बेमेतरा के ग्राम जिया के समस्त ग्रामवासी ने भूपेन्द्र वर्मा के द्वारा प्रस्तुत आवेदन पर आपत्ति दर्ज कर उक्त आवेदन पर निरस्त किये जाने के संबंध में आवेदन दिया, तहसील बेमेतरा के ग्राम फरी के समस्त ग्रामवासी ने सुखा राहत राशि दिलाये जाने के संबंधम में आवेदन दिया, इसी प्रका तहसील बेमेतरा के ग्राम लावातरा निवासी सफुरा बाई ने पेशी खरीज करने के संबंध में आवेदन दिया।इसके अलावा आम नागरिकों ने निराश्रित पेंशन दिलाने, बैटरी चलित ट्रायसायकल हेतु, प्रधानमंत्री आवास दिलाने, कटा हुआ रकबा जोड़ने, खाद गड्ढा को हटाये जाने, आम रास्ता खुलवाने, वृद्धापेंशन हेतु, दिव्यांगता पेंशन दिलाये जाने आदि से संबंधित आवेदन प्राप्त हुए है। कलेक्टर ने ग्रामीणों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और उनके निराकरण के लिए ग्रामीणों को आश्वासन दिलाया। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ प्रेमलता पदमाकर, सर्व एसडीएम सहित विभिन्न विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे। -
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बेमेतरा : जनपद पंचायत बेरला के अंतर्गत संचालित सभी ग्राम पंचायतों में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के पंजीकृत श्रमिकों के लिए ई-केवाईसी अभियान जारी है। इस अभियान का उद्देश्य योजना के तहत कार्यरत सभी मजदूरों का ई-केवाईसी पूर्ण कराना है, जिससे भविष्य में किसी भी प्रकार की तकनीकी या भुगतान संबंधी कठिनाई उत्पन्न न हो।जनपद पंचायत बेरला के सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम रोजगार सहायक के माध्यम से पंजीकृत श्रमिकों का ई-केवाईसी कार्य तेजी से किया जा रहा है। इस संबंध में सभी ग्राम पंचायतों को 25 अक्टूबर 2025 तक ई-केवाईसी कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि जिन श्रमिकों का ई-केवाईसी पूर्ण नहीं होगा, उन्हें भविष्य में मनरेगा अंतर्गत कार्य करने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।
ई-केवाईसी के लिए आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड एवं जॉब कार्ड शामिल हैं। मजदूर इन दोनों दस्तावेजों के साथ अपने ग्राम पंचायत कार्यालय में जाकर ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करा सकते हैं। ई-केवाईसी का विशेष महत्व इस बात में निहित है कि इससे मनरेगा योजना के लाभ का सीधा और पारदर्शी हस्तांतरण मजदूरों के बैंक खातों में किया जा सकेगा। साथ ही योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी। जनपद पंचायत बेरला ने सभी जॉब कार्डधारियों से अपील की है कि वे शीघ्र अपने ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूर्ण कर लें, जिससे उनके रोजगार और भुगतान में कोई व्यवधान न हो। किसी प्रकार की समस्या या सहायता की आवश्यकता होने पर श्रमिक संबंधित ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक या सचिव से संपर्क कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, जनपद पंचायत बेरला के मनरेगा प्रकोष्ठ कार्यालय में भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। ई-केवाईसी कराना अनिवार्य है। सभी श्रमिक अपने आधार कार्ड के माध्यम से ई-केवाईसी अवश्य पूर्ण कराएं, ताकि योजना के लाभ में किसी प्रकार की बाधा न आए और उन्हें निरंतर रोजगार का लाभ मिलता रहे।
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छत्तीसगढ़ राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष ने की विभागीय योजनाओं, कार्यक्रमों और सेवाओं की समीक्षा बैठक
बेमेतरा : छत्तीसगढ़ राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री नेहरू राम निषाद ने आज जिला कार्यालय के दिशासभा कक्ष में विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं, कार्यक्रमों और सेवाओं की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में उन्होंने विभागवार लक्ष्यों, कार्य योजनाओं और योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति की जानकारी ली।
श्री निषाद ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए संचालित सभी महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों तक सुनिश्चित रूप से पहुंचना चाहिए। उन्होंने कहा कि शासन की मंशा समाज की अंतिम पंक्ति तक योजनाओं को पहुँचाकर प्रत्येक व्यक्ति को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाना है ताकि सभी नागरिक सुखमय जीवन यापन कर सकें। उन्होंने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग का प्रमुख उद्देश्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की निगरानी करना और उनमें आ रही बाधाओं को दूर करना है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित हो रही हैं, वहीं छत्तीसगढ़ राज्य में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में समाज के सभी वर्गों - अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिलाएं और किसान कृ के उत्थान, विकास और कल्याण के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
श्री निषाद ने कहा कि जब जिला विकसित होगा, तब राष्ट्र भी समृद्ध होगा इस अवधारणा को ध्यान में रखकर सभी अधिकारी ‘विजन छत्तीसगढ़ 2047’ के लक्ष्यों की प्राप्ति में अपनी भूमिका संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ निभाएं। उन्होंने यह भी कहा कि विकसित भारत, सशक्त भारत के निर्माण की दिशा में सभी अधिकारी जनकल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुँचाने में सक्रिय भूमिका निभाएं। बैठक में आयोग के अध्यक्ष ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे सभी पात्र हितग्राहियों का चिन्हांकन कर उन्हें योजनाओं से लाभान्वित करें, साथ ही योजनाओं की जानकारी जनसमुदाय तक व्यापक रूप से पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि जानकारी के अभाव में योजनाओं से वंचित नागरिकों तक पहुँच बनाना प्रशासन की जिम्मेदारी है, जिससे वे आत्मनिर्भर और सशक्त बन सकें।
इस अवसर पर आयोग की उपाध्यक्ष श्रीमती चंद्रकांति वर्मा ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस उद्देश्य और भावना से अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया गया है, उसकी पूर्ति के लिए सभी अधिकारी समर्पित भाव से कार्य करें। उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग के हितग्राहियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना, उन्हें योजनाओं का लाभ दिलाना और समग्र विकास सुनिश्चित करना सभी विभागों की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत” के सपनों को साकार करने की दिशा में सभी अधिकारी सद्भावना और समर्पण के साथ कार्य करें। बैठक में आयोग के सचिव श्री संकल्प साहू, श्री मिश्रा, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती प्रेमलता, अपर कलेक्टर श्री प्रकाश भारद्वाज सहित सभी विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। यह बैठक न केवल योजनाओं की समीक्षा का माध्यम बनी, बल्कि अधिकारियों के लिए समाज के वंचित वर्गों के कल्याण हेतु संवेदनशील और जिम्मेदार दृष्टिकोण अपनाने का भी प्रेरणास्रोत बनी। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ प्रेमलता पदमाकर, सर्व एसडीएम सहित जिला अधिकारी उपस्थित थे।
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बेमेतरा : दीपावली के पावन पर्व के अवसर पर कलेक्ट्रेट परिसर बेमेतरा में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के अंतर्गत एक विशेष “दीपावली मेला स्टॉल” का आयोजन किया गया। इस स्टॉल का संचालन जिला पंचायत बेमेतरा द्वारा किया गया, जिसमें जिले के विभिन्न विकासखंडों में सक्रिय स्व-सहायता समूहों की महिला सदस्यों द्वारा स्वयं निर्मित सामग्री का प्रदर्शन एवं विक्रय किया गया। मेले में ग्रामीण महिलाओं द्वारा तैयार किए गए पारंपरिक एवं आकर्षक उत्पाद जैसे - अगरबत्ती, धूपबत्ती, दिया-बत्ती, फैंसी दीये, एवं मिट्टी से निर्मित दीपावली सजावट की वस्तुएँ प्रदर्शित की गईं। इन हस्तनिर्मित वस्तुओं ने न केवल पारंपरिक कला का परिचय दिया, बल्कि ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की भावना को भी उजागर किया।
यह स्टॉल 15 एवं 16 अक्टूबर 2025 को संचालित किया जा रहा है। आयोजन के पहले दिन, 15 अक्टूबर को कुल ₹5,900 की सामग्री का सफल विक्रय हुआ, जिससे महिलाओं में उत्साह और आत्मविश्वास देखने को मिला। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री नेहरू राम निषाद ने स्टॉल का भ्रमण कर स्व-सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों की सराहना की और बनाये गए उत्पादों का क्रय भी किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और स्थानीय उत्पादों को बाजार से जोड़ने का एक उत्कृष्ट माध्यम हैं। उनके साथ श्रीमती चंद्रकांति वर्मा, उपाध्यक्ष एवं श्री संकल्प साहू, सचिव भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में उपस्थित जिला पंचायत एवं महिला स्व-सहायता समूहों के प्रतिनिधियों ने बताया कि इस पहल से समूह की महिलाओं को अपने उत्पादों के लिए एक सशक्त विपणन मंच मिला है। आने वाले समय में ऐसे आयोजनों के माध्यम से जिले के अन्य समूहों को भी प्रोत्साहन देने की योजना है। इस आयोजन ने “बिहान” मिशन के उस उद्देश्य को साकार किया है, जिसके अंतर्गत ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर, सशक्त एवं आर्थिक रूप से सक्षम बनाना है।
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बेमेतरा : ग्राम देवरी, परियोजना बेरला, जिला बेमेतरा की रहने वाली लीला निषाद आज अपने गाँव की अन्य महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बन चुकी हैं। कभी कुपोषण और एनीमिया से जूझने वाली लीला अब स्वस्थ जीवनशैली और संतुलित आहार की मिसाल हैं और इसका श्रेय वह राष्ट्रीय पोषण माह अभियान को देती हैं, जिसने उनके जीवन की दिशा ही बदल दी।
शुरुआती जीवन और संघर्ष
लीला निषाद की शादी वर्ष 2016 में ग्राम देवरी निवासी भागीरथी निषाद के साथ हुई थी। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी - पति मजदूरी कर किसी तरह घर चलाते थे। विवाह के एक वर्ष बाद लीला गर्भवती हुईं, लेकिन उचित जानकारी, पोषण और देखभाल के अभाव में उन्होंने अस्वस्थ एवं कुपोषित बच्चे को जन्म दिया। दुर्भाग्यवश, जन्म के कुछ दिनों बाद ही बच्चे की मृत्यु हो गई। इस घटना से लीला मानसिक रूप से टूट गईं और धीरे-धीरे उनका स्वास्थ्य भी गिरने लगा। जांच के दौरान पता चला कि वह एनीमिया से ग्रस्त हो चुकी हैं।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से मिली नई दिशा
एक दिन उनके गाँव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती अमरौतिन साहू ने उन्हें घर के बाहर बुलाया और कहा कि “आज आंगनबाड़ी केंद्र में राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत पोषण मेले का आयोजन किया गया है, जिसमें सभी ग्रामवासी आमंत्रित हैं। पहले तो लीला झिझकीं, लेकिन कार्यकर्ता दीदी के आग्रह पर वे आंगनबाड़ी केंद्र पहुँचीं। वहाँ उन्होंने पहली बार हरी सब्जियों, अनाज, दालों, फलों और स्थानीय पौष्टिक खाद्य पदार्थों की सुंदर प्रदर्शनी देखी।
पोषण मेले में स्वास्थ्य कर्मियों व कार्यकर्ताओं ने समझाया कि गर्भवती महिला के लिए संतुलित आहार कितना आवश्यक है। आयरन, कैल्शियम, फोलिक एसिड व एल्बेन्डाजोल जैसी दवाओं का नियमित सेवन क्यों ज़रूरी है। स्वच्छता, हाथ धोने की आदत और समय पर जांच कराने के लाभ क्या हैं। इस कार्यक्रम से लीला को यह एहसास हुआ कि कुपोषण और बीमारी अज्ञानता से पैदा होती है, और जानकारी ही सबसे बड़ा इलाज है। उन्होंने तय किया कि अब से वह संतुलित आहार और स्वच्छता पर विशेष ध्यान देंगी।
इसके बाद लीला नियमित रूप से आंगनबाड़ी केंद्र आने लगीं। वे पोषण माह की हर गतिविधि जैसे पोषण परामर्श सत्र, हरी सब्जी प्रतियोगिता, पौष्टिक आहार प्रदर्शनी में उत्साहपूर्वक भाग लेने लगीं। धीरे-धीरे उनके व्यवहार, सोच और जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव आने लगा। वर्ष 2019 में जब लीला पुनः गर्भवती हुईं, तब वे तीन माह की गर्भवती थीं। लेकिन इस बार वे पहले से तैयार थीं। उन्होंने संतुलित आहार लिया, नियमित टीकाकरण कराया, आयरन व कैल्शियम सप्लीमेंट का सेवन किया, और सबसे महत्वपूर्ण स्वच्छता व स्वास्थ्य को जीवन का हिस्सा बना लिया।
31 मार्च 2020 को लीला ने एक स्वस्थ बालिका को जन्म दिया। बच्ची को गोद में लेते हुए उनकी आँखों में खुशी के आँसू थे। उन्होंने मन ही मन कहा सचमुच राष्ट्रीय पोषण माह ने मुझे नई जिंदगी दी है। यह केवल एक योजना नहीं, बल्कि एक जन आंदोलन है जिसने हमारे गाँव की महिलाओं को स्वस्थ जीवन का मार्ग दिखाया है। आज लीला निषाद न केवल स्वयं स्वस्थ व आत्मनिर्भर हैं, बल्कि वे अन्य महिलाओं को भी पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करती हैं। वे हर वर्ष राष्ट्रीय पोषण माह के आयोजन में सक्रिय भागीदारी निभाती हैं और अपने अनुभव साझा करती हैं। उनकी कहानी इस बात का प्रमाण है कि जब सरकार की योजनाएं जनसहभागिता से जुड़ती हैं, तो वे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाती हैं।
राष्ट्रीय पोषण माह अभियान ने लीला निषाद जैसी कई महिलाओं के जीवन में नई रोशनी लाई है। यह केवल पोषण का पर्व नहीं, बल्कि स्वस्थ भारत की दिशा में सामूहिक संकल्प का प्रतीक बन चुका है।
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श्रीमती वीणा त्रिपाठी ने लगाया 3 किलोवाट का सोलर रूफटॉप, केंद्र और राज्य सरकार की डबल सब्सिडी से मिला लाभ
बेमेतरा : प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना ने आम नागरिकों के जीवन में बड़ा परिवर्तन लाया है। यह योजना अब महिलाओं को भी ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में सशक्त बना रही है। बेमेतरा शहर के बस स्टैंड क्षेत्र की निवासी श्रीमती वीणा त्रिपाठी ने अपने घर की छत पर 3 किलोवाट क्षमता का सोलर रूफटॉप प्लांट स्थापित कर न केवल बिजली बिल में राहत पाई, बल्कि अब वे स्वयं ‘ऊर्जा दाता’ बन गई हैं। सिर्फ एक माह में उनके सोलर प्लांट ने 300 यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन किया है। उन्होंने बताया कि अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में भेजने से उन्हें आय का भी लाभ मिलेगा। “अब हर माह बिजली बिल की चिंता खत्म हो गई है, बल्कि सौर ऊर्जा से होने वाली आमदनी परिवार की बचत में सहायक है,” श्रीमती त्रिपाठी ने मुस्कुराते हुए कहा।
डबल सब्सिडी से दुगुना लाभ
प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के अंतर्गत 3 किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट पर केंद्र सरकार से ₹78,000 तथा राज्य सरकार से ₹30,000 की सब्सिडी प्राप्त होती है। इस प्रकार उपभोक्ता को कुल ₹1,08,000 की आर्थिक सहायता मिलती है। डबल सब्सिडी के कारण अब उपभोक्ताओं के लिए सौर ऊर्जा अपनाना आसान हो गया है, जिससे बिजली पर निर्भरता घट रही है। हर घर बनेगा ऊर्जा उत्पादन केंद्र श्रीमती त्रिपाठी का कहना है कि “यदि हर घर इस योजना का लाभ उठाए, तो बेमेतरा जिला स्वयं बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बन सकता है।” उन्होंने बताया कि यह योजना न केवल बिजली बिल में राहत देती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान सुनिश्चित करती है।योजना का लाभ कैसे लें
योजना का लाभ लेने के लिए नागरिक https://pmsuryaghar.gov.in पोर्टल पर जाकर अपनी बिजली उपभोक्ता संख्या और मोबाइल नंबर से पंजीकरण कर सकते हैं। इसके बाद अधिकृत वेंडर का चयन कर सोलर रूफटॉप प्लांट स्थापित किया जा सकता है। उपभोक्ताओं को वेंडर बदलने की सुविधा भी उपलब्ध है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है।ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में सार्थक पहल
केंद्र एवं राज्य सरकार की यह संयुक्त पहल छत्तीसगढ़ को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर सिद्ध हो रही है। “हर घर सौर - हर घर रोशन” का लक्ष्य अब साकार हो रहा है, और श्रीमती वीणा त्रिपाठी जैसी प्रेरक महिलाएं इस परिवर्तन की मिसाल बन रही हैं।मुख्य बिंदु
केंद्र और राज्य सरकार से कुल ₹1,08,000 की सब्सिडी, 3 किलोवाट सोलर रूफटॉप से प्रति माह 300$ यूनिट उत्पादन, बिजली बिल से राहत और अतिरिक्त आमदनी का अवसर, महिला उपभोक्ता बनीं ‘ऊर्जा दाता’ आत्मनिर्भरता की ओर सशक्त कदम योजना से ऊर्जा आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा -
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कलेक्टर रणबीर शर्मा के निर्देशन में बेमेतरा जिले में जल संरक्षण कार्यों को नई दिशा
ग्राम पंचायत तिलई में डबरी निर्माण से बढ़ी सिंचाई सुविधा - हितग्राही किसानों ने बदली अपनी आर्थिक स्थिति
बेमेतरा : कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा के निर्देशन एवं नेतृत्व में बेमेतरा जिले में जल संरक्षण और ग्रामीण रोजगार सृजन के लिए निरंतर प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। जिले में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के तहत विभिन्न ग्राम पंचायतों में तालाब निर्माण, गहरीकरण, रिचार्ज पिट, बोल्डर चेकडैम, स्टॉपडैम, एवं डबरी निर्माण जैसे कार्यों को प्राथमिकता से कराया जा रहा है। इन कार्यों का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण अंचलों में जल संवर्धन, सिंचाई सुविधा का विस्तार और कृषि उत्पादन क्षमता में वृद्धि करना है। इसी क्रम में जनपद पंचायत बेरला के ग्राम पंचायत तिलई में भी जल संरक्षण संबंधी कार्यों के अंतर्गत डबरी निर्माण कराया गया। इस कार्य से ग्राम के किसानों को सिंचाई सुविधा प्राप्त हुई, जिससे उनकी कृषि उत्पादन में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
ग्राम पंचायत तिलई के कृषक श्री महेन्द्र और श्री राकेश कुमार ने बताया कि पहले वे वर्षा पर निर्भर खेती करते थे। बेमौसम बारिश और पानी की कमी के कारण हर साल फसलें खराब हो जाती थीं, जिससे आय का कोई स्थायी स्रोत नहीं रह जाता था। जब ग्राम सभा में मनरेगा के तहत हितग्राही मूलक डबरी निर्माण की जानकारी दी गई, तो उन्होंने आवेदन कर योजना का लाभ लेने का निर्णय लिया। ग्राम पंचायत द्वारा प्रस्ताव तैयार कर जनपद पंचायत बेरला को प्रेषित किया गया, स्वीकृति के पश्चात् कार्य प्रारंभ हुआ। डबरी निर्माण पूर्ण होने के बाद अब किसान अपने खेतों की सिंचाई स्वयं के जलस्रोत से कर पा रहे हैं। साथ ही डबरी में मछली पालन भी शुरू किया गया है, जिससे आय के अतिरिक्त साधन उपलब्ध हुए हैं। ग्रामीणजन बताते हैं पहले खेती केवल एक सीजन में ही होती थी, अब पूरे वर्ष भर सब्जी, धान और तिलहन की फसलें ले पा रहा हूँ। डबरी निर्माण से खेतों में नमी बनी रहती है और सिंचाई की दिक्कत खत्म हो गई है। मछली पालन से भी आमदनी बढ़ी है। अब मैं अपने परिवार की जरूरतें पूरी करने के साथ-साथ बचत भी कर पा रहा हूँ। ग्रामीण श्री राकेश ने बताया कि डबरी से उनके खेतों में पानी की उपलब्धता बढ़ने से उत्पादन में लगभग 30-40% की वृद्धि हुई है। अब वे गांव के अन्य किसानों को भी इस योजना का लाभ उठाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा ने कहा कि जल संरक्षण बेमेतरा जिले की विकास नीति का एक प्रमुख हिस्सा है। जिले के सभी जनपद पंचायतों में जल स्रोतों के संरक्षण, पुनर्भरण एवं विस्तार के लिए मनरेगा और अन्य विभागीय योजनाओं के माध्यम से कार्य किए जा रहे हैं। इन कार्यों से ग्रामीणों को न केवल रोजगार मिला है बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार हुआ है। हमारा उद्देश्य ‘हर खेत को पानी’ और ‘हर हाथ को काम’ के लक्ष्य को साकार करना है। मनरेगा के साथ-साथ जल संसाधन विभाग, कृषि विभाग, ग्रामीण विकास विभाग एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के समन्वय से जिले के कई ग्रामों में तालाब गहरीकरण, सोख्ता गड्ढा निर्माण, जल पुनर्भरण संरचना एवं नाला रोक बांध (नाला बंधन) जैसे कार्य भी किए जा रहे हैं। इन प्रयासों से भूमिगत जलस्तर में वृद्धि, सिंचाई क्षमता विस्तार और पर्यावरण संरक्षण को भी बल मिला है। बेमेतरा जिला प्रशासन द्वारा संचालित यह अभियान जल संरक्षण और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक प्रेरक उदाहरण बन रहा है।
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बेमेतरा : राज्य शासन के वित्त विभाग द्वारा जारी निर्देशानुसार 16 अप्रैल 2025 के तहत सभी हितग्राही मूलक योजनाओं के लाभार्थियों का ई-केवायसी कराना अनिवार्य किया गया है। इसी के परिपालन में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा महतारी वंदन योजना के हितग्राहियों का ई-केवायसी कराए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं। वर्तमान में योजना अंतर्गत प्रदेश में कुल 69 लाख 26 हजार 466 पात्र हितग्राही पंजीकृत हैं। इनमें से लगभग 4.25 लाख हितग्राहियों का ई-केवायसी किया जाना शेष है, जबकि शेष हितग्राही पहले ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से ई-केवायसी करा चुके हैं।
सीएससी केंद्रों के माध्यम से होगा ई-केवायसी कार्य
बायोमेट्रिक आधारित ई-केवायसी कराने हेतु बायोमेट्रिक डिवाइस की आवश्यकता को देखते हुए राज्य शासन द्वारा सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेस इंडिया लिमिटेड, छत्तीसगढ़ को इस कार्य का दायित्व सौंपा गया है। प्रदेशभर में लगभग 22 हजार सीएससी केंद्र संचालित हैं तथा 4564 ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल केंद्र भी स्थापित हैं। इन केंद्रों के माध्यम से सभी पात्र हितग्राहियों का ई-केवायसी कराया जाएगा।
पोर्टल में हितग्राहियों की सूची उपलब्धमहतारी वंदन योजना के पोर्टल में जिला, परियोजना, पर्यवेक्षक एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के लॉगिन में ई-केवायसी कराए जाने वाले हितग्राहियों की सूची उपलब्ध कराई गई है। आंगनबाड़ी केंद्र के नजदीक स्थित सीएससी केंद्र में ही संबंधित हितग्राहियों का ई-केवायसी कराया जाएगा। हितग्राहियों का ई-केवायसी कार्य 23 सितंबर 2025 से प्रारंभ होकर 15 दिवसों के भीतर पूरा किया जाना है। निर्धारित अवधि में शत-प्रतिशत ई-केवायसी सुनिश्चित करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार किया जाएगा और सीएससी केंद्रों के बाहर बैनर लगाए जाएंगे। यदि किसी कारणवश कोई हितग्राही निर्धारित तिथि तक ई-केवायसी नहीं करा पाता है, तो उसके लिए 23 से 26 सितंबर 2025 के मध्य संबंधित बाल विकास परियोजना कार्यालय में प्रक्रिया पूरी की जा सकेगी।
फील्ड अमले को दिए गए स्पष्ट निर्देश
निर्देश दिए गए हैं कि बिना उचित कारण के किसी भी हितग्राही का ई-केवायसी बाल विकास परियोजना कार्यालय में ले जाकर न कराया जाए। सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और पर्यवेक्षकों को इस संबंध में स्पष्ट मार्गदर्शन देने हेतु बैठक आयोजित की जाएगी, ताकि समय-सीमा में कार्य पूर्ण हो सके। राज्य स्तर पर जिलावार, विकासखंडवार, ग्रामवार एवं आंगनबाड़ी केंद्रवार हितग्राहियों की सूची एवं एपीआई डेटा सीएससी राज्य प्रमुख को उपलब्ध कराया गया है। इसके आधार पर संबंधित क्षेत्रों के सीएससी ऑपरेटरों को सूची दी जा रही है। सभी स्तरों पर समन्वय स्थापित कर कार्य कुशलता पूर्वक संपन्न कराने के निर्देश दिए गए हैं।
निःशुल्क और सुरक्षित होगी प्रक्रिया
हितग्राहियों का ई-केवायसी पूर्णतः निःशुल्क किया जाएगा। सीएससी ऑपरेटर किसी भी स्थिति में हितग्राहियों से शुल्क नहीं लेंगे। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया है कि ई-केवायसी के दौरान किसी भी हितग्राही की व्यक्तिगत जानकारी या डेटा विभाग की अनुमति के बिना साझा नहीं किया जाएगा। राज्य प्रमुख, सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेस इंडिया लिमिटेड, छत्तीसगढ़ को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि सभी केंद्रों में पर्याप्त स्टाफ, आवश्यक उपकरण एवं इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध रहे ताकि हितग्राहियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। इस संबंध में निरीक्षण और समीक्षा बैठक के दौरान विशेष ध्यान दिया जाएगा।
लंबित भुगतान केवल ई-केवायसी पूर्ण होने पर
निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि जिन हितग्राहियों का ई-केवायसी लंबित रहेगा, उन्हें भुगतान तभी किया जाएगा जब उनका ई-केवायसी पूरा हो जाएगा। अतः प्रदर्शित सूची के सभी हितग्राहियों का ई-केवायसी अनिवार्य रूप से निर्धारित समय में कराना आवश्यक है।
सत्यापन हेतु एप लिंक जारी होगा
सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत पहले से ई-केवायसी कराए गए तथा महतारी वंदन योजना के सामान्य हितग्राहियों के सत्यापन हेतु अलग से एप लिंक जारी किया जाएगा। इस प्रकार शासन ने समयबद्ध रूप से सभी हितग्राहियों का ई-केवायसी पूर्ण कराने के निर्देश जारी किए हैं, ताकि योजना के लाभ पात्र हितग्राहियों तक सुगमता से पहुंच सकें।
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प्रधानमंत्री सूर्य बिजली घर योजना से हितग्राहियों को लाभान्वित करें
राजस्व प्रकरणों के निराकरण में प्राथमिकता सुनिश्चित करें
विभागीय प्रयोजन के लिए आबंधित राशि का सदुपयोग करें
अवैध रेत उत्खनन, अवैध शराब विक्रय पूर्णतः प्रतिबंध करें
आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को विभिन्न गतिविधियों में परंपरागत करें
’सांसद खेल महोत्सव की तैयारी की समीक्षा’
समय-सीमा के प्रकरणों को प्राथमिकता से निराकृत करने के निर्देश
बेमेतरा : कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा ने जिला कार्यालय के सभा कक्ष, (दिशा भवन) में जिलाधिकारियों की बैठक लेकर शासन की विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं के क्रियान्वयन की गहन समीक्षा की। कलेक्टर श्री शर्मा ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी अधिकारी अपने दायित्व का निर्वहन गंभीरता पूर्वक करें। उन्होंने कहा कि शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और सुचित्रा सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि शासन की मंशानुरूप तय समय-सीमा में निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति हो यह सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने स्पष्ट रूप से निर्देशित करते हुए कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन और प्रगति में अपेक्षित कमी पर संबंधित अधिकारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही किया जाएगा।
कलेक्टर श्री शर्मा ने धान खरीदी की तैयारी की समीक्षा करते हुए कहा कि जिले के सभी किसान बिना किसी परेशानी के धान विक्रय कर सकें, ऐसी व्यवस्था बनाएं। उन्होंने कहा कि किसानों से धान खरीदी शासन की महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। इसे प्राथमिकता में शामिल करें। उन्होंने कहा कि कोई भी किसान धान बेचने के लिए परेशान ना हो। कलेक्टर ने कहा कि किसी किसान को धान विक्रय करने में वंचित होने की दशा में संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर श्री शर्मा ने प्रधानमंत्री सूर्य बिजली घर योजना अंतर्गत अधिक से अधिक हितग्राहियों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि सभी बिजली उपभोक्ताओं को प्रधानमंत्री बिजली सूर्य घर योजना से होने वाले लाभ से भली भांति अवगत कराया जाएं। कलेक्टर ने कहा कि प्रधानमंत्री बिजली सूर्य घर योजना बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी महत्वाकांक्षी योजना है। योजना अंतर्गत हितग्राहियों को सब्सिडी मिलने के साथ ही बिजली बेचकर मुनाफा कमाने का एक सशक्त माध्यम साबित होगा।
कलेक्टर ने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के अनेकों हितग्राहियों को योजना अंतर्गत शामिल कर लाभान्वित करने के निर्देश दिए। उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों के सर्वांगीण विकास की दिशा में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बच्चों के शैक्षणिक गतिविधियों के साथ ही विभिन्न गतिविधियों में शामिल कर परंपरागत बनाने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने कहा कि बच्चों को अच्छी नियत के साथ उनके भविष्य संवारने की दिशा में सार्थक कदम उठाया जाए। उन्होंने कहा कि बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल गतिविधियों से जोड़कर उनके भविष्य सुदृढ़ करें। बैठक में स्पष्ट रूप से निर्देशित करते हुए कहा कि जिले में कहीं भी अवैध रेत उत्खनन एवं अवैध रूप से शराब विक्रय की शिकायत नहीं आनी चाहिए। कलेक्टर ने कहा कि ऐसी शिकायत मिलने पर तत्काल संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि अवैध रेत उत्खनन और अवैध शराब विक्रय होने की शिकायत मिलने पर संबंधित अधिकारी के विरुद्ध जवाबदेही तय किया जाएगा।
कलेक्टर श्री शर्मा ने सांसद खेल महोत्सव की तैयारी की समीक्षा करते हुए सभी संबंधित अधिकारियों को महोत्सव को सफल बनाने के लिए निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने स्थानीय स्तर पर आयोजन को लेकर सभी तैयारियां पूर्ण कर लेने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि विभागों में लंबित प्रकरणों का निराकरण निर्धारित समयसीमा में कर लें। उन्होंने राजस्व अधिकारियों से कहा कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण में गंभीरता का परिचय दें। राजस्व से संबंधित प्रकरण जैसे नामांतरण, सीमांकन, बंटवारा, भू अर्जन के प्रकरणों का निराकरण संबंधित हितग्राही के हित को ध्यान में रखकर अविलंब करने के निर्देश दिए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि विभागीय प्रयोजन के लिए आवंटित राशि का सुचिता के साथ सदुपयोग करते हुए योजनाओं का क्रियान्वयन करें। उन्होंने कहा कि शासकीय राशि का वास्तविक प्रयोजन के लिए ही राशि खर्च करें। कलेक्टर ने कहा कि शासकीय प्रयोजन के लिए आवंटित राशि में अनियमितता पाए जाने पर संबंधित अधिकारी के विरुद्ध जवाबदेही तय करते हुए कड़ी कार्रवाई किया जाएगा। उन्होंने शासन के मंशानुरूप जनहित के कार्यों को प्राथमिकता देते हुए राशि का उपयोग करने और निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
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जनदर्शन में विभिन्न शिकायत एवं समस्याओं से संबंधित 46 आवेदन प्राप्त हुए
बेमेतरा : कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा की उपस्थिति मे आज मंगलवार क़ो कलेक्टरेट के दृष्टि सभा कक्ष मे जनदर्शन आयोजित की गई। जिसमे जिले के अलग-अलग क्षेत्र के लोग अपनी-अपनी मांग, समस्याएं एवं शिकायतें लेकर आये। इस दौरान जनदर्शन मे आने वाले सभी लोगों की समस्याओं का निराकरण भी किया गया। आज के जन चौपाल में कलेक्टर ने लोगों की समस्याओं को गौर से सुना और संबंधित अधिकारियों से दूरभाष पर और समक्ष बुलाकर संबंधित आवेदनों का त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिए। कुछ आवेदन मौके पर ही निराकरण किए गए। आज जनदर्शन में विभिन्न शिकायत एवं समस्याओं से संबंधित 46 आवेदन प्राप्त हुए। तात्कालिक महत्व की समस्याओं का जहां त्वरित निराकरण किया। वहीं गंभीर और जांच के आवेदनों को टीएल पंजी पर दर्ज करके, इनका निराकरण करने के निर्देश संबंधित अफसरों को दी।
इस दौरान जनदर्शन में दूरदराज के गांवों से अपनी समस्याओं के समाधान हेतु पहुंचे लोगों में से तहसील नवागढ़ के ग्राम नांदल निवासी सुनिता बाई साहू ने प्रधानमंत्री उज्जवला गैस कनेक्शन आधार लिंक को हटाने के संबंध में आवेदन दिया, तहसील बेरला के ग्राम सिंघौरी निवासी बुतकुंवर साहू ने स्वीकृत आवास की प्रथम किस्त जारी नही होने के संबंध में आवेदन दिया, तहसील नवागढ़ के ग्राम बाघुल के समस्त ग्रामवासी ने वर्तमान पंचायत सचिव को हटाने के संबंध में आवेदन दिया, तहसील भिभौंरी के ग्राम भालेसार निवासी त्रिवेणी साहू ने आनलाइन भूमि की स्थिति सुधार करने के संबंध मे आवेदन दिया, इसी प्रकार तहसील थानखम्हरिया के ग्राम कुरदा निवासी रामकुमार सिन्हा ने आर.आई. एवं पटवारी के विरूद्ध तत्काल कार्यवाही करने के संबंध में आवेद दिया। इसके अलावा आम नागरिकों ने निराश्रित पेंशन दिलाने, बैटरी चलित ट्रायसायकल हेतु, प्रधानमंत्री आवास दिलाने, कटा हुआ रकबा जोड़ने, खाद गड्ढा को हटाये जाने, आम रास्ता खुलवाने, वृद्धापेंशन हेतु, दिव्यांगता पेंशन दिलाये जाने आदि से संबंधित आवेदन प्राप्त हुए है। कलेक्टर ने ग्रामीणों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और उनके निराकरण के लिए ग्रामीणों को आश्वासन दिलाया। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ प्रेमलता पदमाकर, सर्व एसडीएम सहित विभिन्न विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।
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जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेकर पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए संचालित महत्वाकांक्षी योजनाओं की समीक्षा करेंगे
बेमेतरा : छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री नेहरू राम निषाद 15 सितंबर को जिले के एक दिवसीय पर रहेंगे। श्री निषाद के साथ आयोग के उपाध्यक्ष श्रीमती चंद्रकांती वर्मा, सचिव श्री संकल्प साहू, सहायक अनुसंधान अधिकारी श्रीमती अनीता डेका लटे साथ में रहेंगे। निर्धारित कार्यक्रम अनुसार वे कवर्धा जिला से प्रस्थान कर 10ः15 बजे जिला बेमेतरा आएंगे। वे यहां 10ः30 बजे सर्किट हाउस बेमेतरा में पिछड़ा आयोग के जनप्रतिनिधियों से भेंट मुलाकात करेंगे। दोपहर 12ः00 बजे कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में अधिकारियों की बैठक लेकर पिछड़ा वर्ग के लोगों के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं, सेवाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा करेंगे। अध्यक्ष श्री निषाद दोपहर 3ः00 बजे मीडिया प्रतिनिधियों को संबोधित करेंगे।
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प्रतिभागियों को सुबह 8 से 10 बजे तक अनिवार्य रूप से कराना होगा पंजीयन सत्यापन
बेमेतरा : खेल और युवा प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने हेतु सांसद खेल महोत्सव 2025 के अंतर्गत नगर पालिका परिषद बेमेतरा द्वारा निकाय स्तरीय खेल महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन 14 एवं 15 अक्टूबर 2025 को स्वामी विवेकानंद स्टेडियम, बेमेतरा में प्रातः 8:00 बजे से प्रारंभ होगा। कार्यक्रम का उद्देश्य जिले में खेल भावना को बढ़ावा देना, युवाओं को खेलों के माध्यम से अनुशासन, टीम भावना और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का संदेश देना है। इस दो दिवसीय खेल महोत्सव में नगर क्षेत्र के विभिन्न वार्डों के प्रतिभागी उत्साहपूर्वक हिस्सा लेंगे।
आयोजन के दौरान कबड्डी, खो-खो, दौड़, लंबी कूद, गेड़ी दौड़, रस्साकस्सी, वॉलीबॉल जैसे खेलों की प्रतियोगिताएं रखी गई हैं। बालक एवं बालिका वर्ग के प्रतिभागी अपने-अपने वर्गों में प्रतिस्पर्धा करेंगे। सभी पंजीकृत प्रतिभागियों को निर्देशित किया गया है कि वे प्रातः 8:00 बजे से 10:00 बजे के मध्य स्टेडियम पहुंचकर अपना पंजीयन सत्यापन अवश्य कराएं। सत्यापन नहीं कराने की स्थिति में प्रतिभागियों को खेल प्रतियोगिता से वंचित किया जा सकता है। गेड़ी खेल में भाग लेने वाले प्रतिभागियों के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए हैं कि वे अपनी स्वयं की गेड़ी साथ लेकर आएं, क्योंकि आयोजन समिति द्वारा गेड़ी की व्यवस्था नहीं की जाएगी।
आयोजन समिति ने प्रतिभागियों से अनुरोध किया है कि वे समय का पालन करें, खेल भावना के साथ प्रतियोगिता में भाग लें और अनुशासन बनाए रखें। खेल महोत्सव के सफल संचालन हेतु नगर पालिका परिषद बेमेतरा द्वारा सभी आवश्यक व्यवस्थाएं — जैसे पेयजल, प्राथमिक उपचार, खेल सामग्री, और सुरक्षा प्रबंध — सुनिश्चित किए गए हैं।
कार्यक्रम में नगर पालिका अध्यक्ष, जनप्रतिनिधि, स्थानीय खेल अधिकारी एवं गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति अपेक्षित है। समापन अवसर पर विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार एवं प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे। इस अवसर पर जिला प्रशासन ने भी नागरिकों से अपील की है कि वे बड़ी संख्या में उपस्थित होकर खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करें और खेलों की इस जनभागीदारी में शामिल होकर “फिट इंडिया, यंग इंडिया” के संकल्प को साकार करें।
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बेमेतरा : दीपावली पर्व के मद्देनज़र पटाखा बिक्री के दौरान आगजनी की संभावनाओं को देखते हुए, जिले में संचालित सभी स्थायी एवं अस्थायी पटाखा दुकानों के लिए सुरक्षा संबंधी एडवाइजरी जारी की गई है। यह एडवाइजरी छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार महानिदेशक श्री अरुण देव गौतम, कलेक्टर बेमेतरा श्री रणबीर शर्मा तथा जिला अग्निशमन अधिकारी श्री नागेन्द्र कुमार सिंह द्वारा जारी की गई है।
जारी निर्देशों के अनुसार, सभी पटाखा दुकानें किसी भी ज्वलनशील पदार्थ जैसे कपड़ा, बांस, रस्सी या टेंट सामग्री से निर्मित नहीं होनी चाहिए। दुकानों का निर्माण केवल अज्वलनशील सामग्री जैसे टिन शेड या धातु संरचना से किया जाना अनिवार्य है। साथ ही, प्रत्येक दुकान के बीच कम से कम तीन मीटर की दूरी रखी जाए तथा उन्हें एक-दूसरे के सामने नहीं बनाया जाए, जिससे किसी भी दुर्घटना की स्थिति में आग फैलने की संभावना न्यूनतम रहे।
दुकानों में प्रकाश व्यवस्था हेतु तेल या गैस के लैम्प तथा खुली बिजली बत्ती का प्रयोग पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है। किसी भी पटाखा दुकान से 50 मीटर के दायरे में आतिशबाजी प्रदर्शन पर भी रोक लगाई गई है। विद्युत सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि तारों में कोई खुला ज्वाइंट न हो तथा प्रत्येक मास्टर स्विच में फ्यूज या सर्किट ब्रेकर लगा हो, जिससे शॉर्ट सर्किट की स्थिति में विद्युत प्रवाह स्वतः बंद हो सके। दुकानों के समीप ट्रांसफार्मर या हाई टेंशन लाइन नहीं होनी चाहिए। आग से निपटने के लिए प्रत्येक पटाखा दुकान में 5 किलोग्राम क्षमता का डी.सी.पी. अग्निशामक यंत्र अनिवार्य रूप से होना चाहिए, जिसकी मारक क्षमता लगभग छह फीट तक होती है। साथ ही दुकानों के सामने 200 लीटर क्षमता वाले पानी के ड्रम और बाल्टियों की व्यवस्था भी की जानी चाहिए। दुकान परिसर के सामने किसी भी प्रकार की बाइक या कार पार्किंग प्रतिबंधित होगी, ताकि आपातकालीन स्थिति में रास्ता अवरुद्ध न हो। इसके अतिरिक्त, अग्निशमन विभाग एवं एम्बुलेंस के फोन नंबर दुकानों के दृश्य स्थानों पर प्रदर्शित किए जाएं तथा अग्निशमन वाहन के मूवमेंट के लिए पर्याप्त स्थान छोड़ा जाए। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जांच के दौरान इन दिशा-निर्देशों का पालन नहीं पाए जाने पर छत्तीसगढ़ अग्निशमन एवं आपातकालीन नियमावली 2021 के तहत आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा ने दुकानदारों से अपील की है कि वे सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन करें और किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें, ताकि नागरिक सुरक्षित और हर्षाेल्लास पूर्ण दीपावली मना सकें।
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बेमेतरा : रेवेन्द्र सिंह वर्मा कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, ढोलिया (बेमेतरा) में ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव रावे एवं कृषि औद्योगिक अनुलग्नक का ओरिएंटेशन कार्यक्रम बड़े उत्साहपूर्वक आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम अधिष्ठाता डॉ. संदीप भंडारकर के मार्गदर्शन में तथा रावे कार्यक्रम समन्वयक डॉ. असित कुमार के नेतृत्व में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ सोमवार, 13 अक्टूबर 2025 को हुआ, जो एक सप्ताह तक महाविद्यालय परिसर में चलेगा। रावे कार्यक्रम के अंतर्गत ग्राम बिलाई, जिला बेमेतरा को प्रशिक्षण स्थल के रूप में चयनित किया गया है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार, चतुर्थ वर्ष के छात्र-छात्राओं को किसानों के साथ जुड़कर उनके खेतों में प्रायोगिक अनुभव प्राप्त करने हेतु यह विषय शामिल किया गया है। कार्यक्रम के दौरान अधिष्ठाता डॉ. संदीप भंडारकर ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि रावे कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को खेती की वास्तविक परिस्थितियों से जोड़ना, किसानों की समस्याओं को समझना और उनके समाधान में योगदान देना है। साथ ही यह कार्यक्रम छात्रों में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की क्षमता विकसित करने, कृषि-आधारित उद्योगों की कार्यप्रणाली से परिचित कराने तथा औद्योगिक प्रक्रियाओं का व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा।
रावे समन्वयक डॉ. असित कुमार ने विद्यार्थियों को इस कार्यक्रम की महत्ता बताते हुए कहा कि यह पहल छात्रों के आत्मविश्वास, संचार कौशल एवं व्यावसायिक दृष्टिकोण को मजबूत करती है। साथ ही यह उनमें उद्यमशीलता की भावना विकसित करती है और किसानों से स्वदेशी तकनीकों को सीखने के लिए प्रेरित करती है। इसके पश्चात डॉ. यू. के. ध्रुव ने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे किसानों से कृषि के गुर सीखें और व्यावहारिक अनुभवों से अपने ज्ञान को समृद्ध बनाएं। इस अवसर पर कृषि महाविद्यालय के चतुर्थ वर्ष के सभी छात्र-छात्राएं एवं प्राध्यापक गण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन आभार प्रदर्शन के साथ हुआ।
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बेमेतरा : जिले में खरीफ वर्ष 2025-26 के लिए गिरदावरी एवं डिजिटल क्रॉप सर्वे डीसीएस का सत्यापन कार्य कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा के निर्देशन में तेज़ी से जारी है। आधुनिक तकनीक के प्रयोग से पारदर्शिता एवं सटीकता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पीवी ऐप के माध्यम से डेटा का सत्यापन किया जा रहा है। जिला प्रशासन की इस पहल के तहत ग्राम मानपुर (तहसील नवागढ़) एवं ग्राम तेंदुभाटा (नादघाट तहसील) सहित अन्य ग्राम पंचायतों में गिरदावरी और डीसीएस का फील्ड सत्यापन कार्य किया जा रहा है। राजस्व अमला, कृषि विभाग और तकनीकी टीम द्वारा किसानों के खेतों का स्थल निरीक्षण कर फसल की वास्तविक स्थिति की जानकारी मोबाइल ऐप के माध्यम से दर्ज की जा रही है।
इस प्रक्रिया के अंतर्गत खेतों का जियो-टैगिंग, फसल की फोटो अपलोडिंग, तथा भू-खण्डवार विवरण का वास्तविक समय पर सत्यापन किया जा रहा है। इससे न केवल गिरदावरी डेटा की शुद्धता बढ़ेगी, बल्कि कृषि योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं इनपुट सब्सिडी वितरण में भी सटीक लाभार्थी पहचान सुनिश्चित होगी। कलेक्टर श्री शर्मा ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि प्रत्येक ग्राम में सत्यापन कार्य पूरी पारदर्शिता और समयबद्धता से पूर्ण किया जाए, ताकि किसानों को भविष्य में किसी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने यह भी कहा कि पीवी ऐप के उपयोग से अब फसल आंकलन में मानवीय त्रुटियों की संभावना नगण्य रहेगी और डिजिटल रिकॉर्ड भविष्य की योजनाओं के लिए मजबूत आधार बनेगा।
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 42 हजार करोड़ रुपये की कृषि परियोजना का किया शुभारंभ
बेमेतरा : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कर-कमलों से आज किसानों के लिए ऐतिहासिक दिवस रहा। प्रधानमंत्री जी ने देश के किसान भाई-बहनों को ₹42,000 करोड़ की कृषि परियोजना का उपहार देते हुए “पी.एम. धन-धान्य कृषि योजना” एवं “दलहन आत्मनिर्भरता मिशन” का शुभारंभ किया। साथ ही कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की 1100 से अधिक परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया गया।
बेमेतरा में सीधा प्रसारण एवं कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन
इस अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के अंतर्गत कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा में कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सह एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्री विजेन्द्र राठी, सदस्य प्रदेश कार्यकारिणी समिति, भाजपा किसान मोर्चा एवं पूर्व जिला अध्यक्ष, भाजपा किसान मोर्चा उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथियों में श्री गोवेन्द्र पटेल, पूर्व सभापति कृषि स्थाई समिति, श्री राजू गायकवाड़, भाजपा मंडल अध्यक्ष, श्री भीम सिंह वर्मा, सरपंच ग्राम पंचायत बहेरा, श्री फेरहा राम साहू, सरपंच ग्राम पंचायत ढोलिया, श्री कमलेश सिंह वर्मा, सरपंच प्रतिनिधि ग्राम पंचायत झाल तथा श्री वी.के. टंडन, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, विकासखंड बेमेतरा उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ छत्तीसगढ़ महतारी के पूजन, अतिथियों के स्वागत एवं कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख श्री तोषण कुमार ठाकुर के उद्बोधन के साथ हुआ। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार किसान अपने परिवार की खाद्यान्न आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु विविध फसलों की खेती लघु स्तर पर करते हैं, उसी प्रकार देश स्तर पर भी तिलहनी एवं दलहनी फसलों की खेती का रकबा बढ़ाना आवश्यक है। फसल विविधिकरण से देश खाद्यान्न आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ सकता है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का वर्चुअल संबोधन
निर्धारित समय पर दिल्ली से आयोजित माननीय प्रधानमंत्री जी के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण कृषकों को दिखाया गया।
प्रधानमंत्री जी ने पी.एम. धन-धान्य कृषि योजना सहित 42,000 से अधिक परियोजनाओं का शिलान्यास किया और कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले किसानों को सम्मानित किया।उन्होंने कहा कि आज का दिन देश की कृषि आत्मनिर्भरता के इतिहास में एक मील का पत्थर है। ‘पी.एम. धन-धान्य कृषि योजना’ और ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ से देश के किसानों को नई ऊर्जा और नई दिशा मिलेगी। प्रधानमंत्री ने बताया कि देश में 10,000 से अधिक एफ.पी.ओ. (कृषक उत्पादक संगठन) बनाए गए हैं।
100 जिलों का चयन पी.एम. धन-धान्य कृषि योजना एवं दलहन आत्मनिर्भरता मिशन के लिए किया गया है, जो 36 अन्य योजनाओं के समन्वय से संचालित होगी।केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का संबोधन
केंद्रीय कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने उद्बोधन में कहा कि कृषि यंत्रों पर जी.एस.टी. की दरों में कमी की गई है तथा सरसों, कुसुम जैसी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने बताया कि उर्वरकों के मूल्यों में कमी कर किसानों की उत्पादन लागत घटाई जा रही है। अब तक ₹10,000 करोड़ से अधिक की ऋण राशि किसानों को प्रदान की जा चुकी है तथा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत ₹1 लाख 83 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि किसानों को दी गई है। उन्होंने किसानों से दलहनी फसलों के उत्पादन को बढ़ाने का आह्वान किया ताकि देश आत्मनिर्भर बने।
सीधे प्रसारण के उपरांत मुख्य अतिथि श्री विजेन्द्र राठी ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी द्वारा अमोरा घाट बैराज के माध्यम से ₹3.5 करोड़ की लागत से बेमेतरा जिले में सिंचाई हेतु जल उपलब्ध कराने के निर्णय की सराहना की।
उन्होंने कहा कि इससे जिले के किसानों को उन्नत खेती के लिए नए अवसर प्राप्त होंगे और कृषि में सकारात्मक परिवर्तन आएगा।श्री गोवेन्द्र पटेल ने कहा कि देश को दलहन एवं तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनना अत्यंत आवश्यक है। देश में दाल व तेल का आयात होने से आर्थिक नुकसान होता है। किसानों को धान के रकबे में कमी कर दलहन व तिलहन की खेती बढ़ाने की दिशा में कदम उठाना चाहिए। वहीं श्री वी.के. टंडन, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी ने कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते हुए कृषकों को उनका लाभ लेने हेतु प्रेरित किया।
तकनीकी सत्र एवं कृषक-वैज्ञानिक परिचर्चा
कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. जितेन्द्र कुमार जोशी, श्रीमती रजनी डी. अगाशे, डॉ. लव कुमार एवं श्री डोमन सिंह टेकाम ने कृषकों के साथ वैज्ञानिक परिचर्चा की। उन्होंने किसानों की तकनीकी समस्याओं के समाधान बताए तथा रबी फसलों की तैयारी, कम वर्षा की स्थिति में कम पानी वाली फसलों की उन्नत खेती के सुझाव दिए। साथ ही पशुपालन, मत्स्य पालन, मशरूम उत्पादन जैसे सहायक व्यवसाय अपनाने पर भी बल दिया, जिससे कम वर्षा या असामान्य मौसम में भी किसानों को अतिरिक्त आय प्राप्त हो सके।
प्रदर्शन इकाइयों का भ्रमण एवं समापन
कार्यक्रम के अंत में कृषकों को कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा की विभिन्न प्रदर्शन इकाइयों का भ्रमण कराया गया। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र एवं कृषि विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, जनप्रतिनिधि तथा जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों के 200 से अधिक कृषकगण उपस्थित रहे।
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बेमेतरा : कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा के निर्देशन में बेमेतरा जिले के सभी 425 ग्राम पंचायतों में खरीफ वर्ष 2025-26 की गिरदावरी और DCS (Digital Crop Survey) का प्रकाशन का कार्य किया जा रहा है। जिले के 678 ग्रामों में DCS कार्य किया गया, जबकि 30 ग्रामों में मैन्युअल गिरदावरी की प्रक्रिया पूर्ण कर लिया गया है। सभी ग्राम पंचायतों में गिरदावरी और DCS सूचियों का प्रकाशन किया जा रहा है तथा ग्राम सभाओं में इन सूचियों का पठन भी कराया जा रहा है, ताकि किसान अपनी फसल संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकें। साथ ही, किसानों की जानकारी के लिए समाचार पत्रों और अन्य माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है।
जिला बेमेतरा के समस्त किसान बंधुओं को सूचित किया जाता है कि खरीफ वर्ष 2025-26 की मैन्युअल गिरदावरी व dcs कर फसलों को ऑनलाइन “भुईया पोर्टल” में इन्द्राज किया गया । इस सूची की एक प्रति ग्राम पंचायत भवन में चस्पा की गई है, जिसे किसानगण देख सकते हैं।
किसान अपने मोबाइल से Google में “CG Bhuiya” सर्च कर भी अपनी फसलों का विवरण ऑनलाइन देख सकते हैं। यदि किसी किसान को सूची में फसल का नाम, रकबा या खसरा विवरण में कोई त्रुटि प्रतीत होती है, तो वे दिनांक 14 अक्टूबर 2025 तक संबंधित पटवारी कार्यालय या तहसील कार्यालय में आवश्यक सुधार हेतु आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।
यह भी अवगत कराया जाता है कि प्रकाशित सूची में धान फसल को छोड़कर अन्य फसलों या पड़त भूमि दर्ज खसरा नंबरों का विवरण ही दर्शाया गया है। अर्थात सूची में जो खसरा नंबर नहीं दर्शाए गए हैं, उनमें धान फसल पहले से दर्ज है।
कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा ने जिले के समस्त किसानों से अपील की है कि वे प्रकाशित गिरदावरी सूचियों का ध्यानपूर्वक अवलोकन करें और यदि कोई त्रुटि दिखाई दे तो समयसीमा के भीतर सुधार हेतु आवेदन अवश्य करें। उन्होंने कहा कि केंद्र/राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजना कृषक उन्नति योजना का लाभ शत प्रतिशत लाभ पहुचाने व सभी किसानों के खाते को एक ही पोर्टल पर एग्रिस्टेक पोर्टल पर पंजीयन तथा DCS कार्यो में पारदर्शिता किसानों को आगामी समर्थन मूल्य खरीदी और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करने में सहायक होगी।
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मुख्यमंत्री ने बेमेतरा जिलेवासियों को दी ₹140 करोड़ 96 लाख रुपये से अधिक की विकासात्मक सौगात
बेसिक स्कूल मैदान में आयोजित भव्य कार्यक्रम में 47 कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन संपन्न
मुख्यमंत्री का बेमेतरा विधानसभा में प्रथम आगमन, जिलेवासियों में दिखा उत्साह और उल्लास
अमोरा मे बैराज सिचाई सुविधा, बसनी मे मिडिल स्कूल एवं 33/11 केवी विद्युत् उपकेंद्र सहित विभिन्न कार्यों कि स्वीकृति कि दी सौगात
बेमेतरा : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का आज पहली बार बेमेतरा विधानसभा में आगमन हुआ। उनके आगमन पर जिलेवासियों में अभूतपूर्व उत्साह और उमंग देखने को मिला। मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने प्रथम प्रवास को जिलेवासियों के लिए अविस्मरणीय बनाते हुए ₹140 करोड़ 96 लाख 09 हजार रुपये से अधिक की विकासात्मक सौगात दी। मुख्यमंत्री ने बेसिक स्कूल मैदान में आयोजित भव्य कार्यक्रम में 47 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया, जिसमें 27 कार्यों का भूमिपूजन एवं 20 कार्यों का लोकार्पण शामिल था। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, सांस्कृतिक मंत्री राजेश अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री गुरु खुशवंत साहेब, सांसद विजय बघेल, छग रजक कर बोर्ड के अध्यक्ष प्रहलाद रजक, पंडरिया विधायक भावना बोहरा बेमेतरा विधायक दीपेश साहू साजा विधायक ईश्वर साहू, आईजीपी दुर्ग रेंज दुर्ग श्री राम गोपाल गर्ग, कलेक्टर रणबीर शर्मा, एसएसपी रामकृष्ण साहू, नगर पालिका अध्यक्ष श्री विजय सिन्हा, जिला पंचायत सीईओ श्रीमती प्रेमलता, जिला पंचायत के अध्यक्ष कल्पना योगेश तिवारी जनपद पंचायत की अध्यक्ष हेमा जयप्रकाश, जिला अध्यक्ष अजय साहू, पूर्व विधायक अवधेश चंदेल पूर्व संसदीय सचिव लाभचंद बाफना, तेलघानी बोर्ड के अध्यक्ष जितेंद्र साहू, पूर्व भाजपा अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा, ओमप्रकाश जोशी, एवं स्थानीय व जिले के जनप्रतिनिधि जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी/कर्मचारी, जनप्रतिनिधि एवं जिले के नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ शासन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पारदर्शिता और जनता के विश्वास पर खरा उतरते हुए चहुंमुखी विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि शासन का लक्ष्य राज्य में तेजी से विकास कार्यों को अमलीजामा पहनाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार गठन के बाद से ही जनता से किए गए वादों को पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 21 क्विंटल धान की खरीदी की जा रही है। किसानों को दो वर्षों का बकाया बोनस दिया गया है और 18 लाख आवासहीन परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महतारी वंदन योजना के तहत प्रति माह ₹1000 की आर्थिक सहायता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में तेंदूपत्ता संग्राहकों से ₹6500 प्रति मानक बोरा की दर से खरीदी की जा रही है तथा आम नागरिकों को अयोध्या तीर्थधाम का दर्शन कराने का अवसर दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि शासन पारदर्शिता और संकल्पबद्धता के साथ प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क, पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा और नगरीय सुविधाओं के क्षेत्र में तेजी से कार्य हो रहे हैं, जिससे जनता को प्रत्यक्ष लाभ मिल रहा है। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने बेमेतरा विधानसभा क्षेत्र की प्रमुख मांगों को पूरा करते हुए ग्राम अमोरा में शिवनाथ नदी पर बैराज निर्माण एवं जलसिंचाई सुविधा विकसित करने की स्वीकृति प्रदान की। साथ ही ग्राम बसनी में मिडिल स्कूल स्थापना की भी घोषणा की, जिससे ग्रामीण अंचलों में शिक्षा और सिंचाई दोनों क्षेत्रों में नई दिशा मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार गांवों को आत्मनिर्भर बनाने और किसानों को सशक्त करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
विभागीय प्रदर्शनी का मुख्यमंत्री ने किया अवलोकन, योजनाओं की सराहना की
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने विकास कार्यों के लोकार्पण एवं भूमिपूजन कार्यक्रम से पूर्व विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए विभागीय स्टालों का अवलोकन किया।
इस अवसर पर उन्होंने कृषि, उद्यानिकी, मत्स्य, जिला पंचायत, क्रेडा (पीएम सूर्य घर योजना), महिला एवं बाल विकास, लोक सेवा केंद्र और प्राथमिक सहायता केंद्र सहित कई विभागों के स्टालों का भ्रमण किया।
प्रदर्शनी में कृषि विभाग द्वारा आधुनिक कृषि उपकरण, उन्नत बीज, जैविक खाद और प्राकृतिक खेती की जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री ने किसानों से संवाद करते हुए कहा कि राज्य सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हरसंभव सहायता प्रदान कर रही है।
उद्यानिकी विभाग द्वारा फल, सब्जी, फूल उत्पादन एवं पौधशालाओं के मॉडल प्रदर्शित किए गए, जिनकी मुख्यमंत्री ने सराहना की। मत्स्य विभाग के स्टॉल में आधुनिक मत्स्य पालन तकनीक, जाल निर्माण और तालाब आधारित मत्स्य उत्पादन के मॉडल रखे गए थे।
क्रेडा विभाग के “प्रधानमंत्री सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना” स्टॉल पर मुख्यमंत्री ने विशेष रुचि दिखाते हुए कहा कि यह योजना आम नागरिकों को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरित करेगी।महिला एवं बाल विकास विभाग के स्टॉल पर “पोषण अभियान”, “प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना” और “हमर स्वस्थ लइका” जैसी योजनाओं का प्रदर्शन किया गया। मुख्यमंत्री ने महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों की सराहना की और आत्मनिर्भरता के इस मॉडल को आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया। लोक सहायता केंद्र और प्राथमिक सहायता केंद्रों में आयुष्मान कार्ड, पेंशन, राशन कार्ड, आधार जैसी सेवाओं की जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये केंद्र शासन की योजनाओं को सीधे जनता तक पहुंचाने का प्रभावी माध्यम बन चुके हैं।
अवलोकन के दौरान मुख्यमंत्री के साथ कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा, जनप्रतिनिधिगण, वरिष्ठ अधिकारी एवं बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने विभागीय कार्यों की सराहना करते हुए अधिकारियों को योजनाओं की अधिकतम पहुँच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने साझा किया विकास का संकल्प
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के कुशल नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में विकास कार्यों की नई गति आई है। उन्होंने कहा कि सरकार गांव, गरीब, किसान और महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता में रखकर काम कर रही है। खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल ने कहा कि राज्य सरकार पारदर्शिता के साथ सार्वजनिक वितरण प्रणाली का संचालन कर रही है, जिससे कोई भी परिवार भूखा नहीं रहे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा है कि विकास का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे।
सांसद श्री विजय बघेल ने कहा कि प्रदेश सरकार जनता से किए गए वादों को पूरी निष्ठा से पूरा कर रही है। उन्होंने कहा कि बेमेतरा जैसे ग्रामीण जिलों में तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं, जिससे आमजन को राहत और सुविधाएं मिल रही हैं। विधायक श्री दीपेश साहू ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का बेमेतरा विधानसभा में यह पहला दौरा ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा दी गई विकास की सौगातें जिले को प्रगति की नई दिशा देंगी और हर वर्ग को इसका लाभ मिलेगा।कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा ने कहा कि शासन की मंशानुरूप जिला प्रशासन पूरी तत्परता से कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि जिले में चल रहे विकास कार्यों को समयसीमा में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है ताकि योजनाओं का लाभ शीघ्र जनता तक पहुँच सके।
विकास कार्यों का संक्षिप्त विवरण
कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के कुल 47 कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया गया, जिनकी कुल लागत ₹140 करोड़ 96 लाख 09 हजार रुपये रही। जल संसाधन विभाग के 8 कार्य ₹30.64 करोड़। लोक निर्माण विभाग के 9 कार्य ₹71.07 करोड़, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के 2 कार्य ₹13.03 करोड़। जनपद पंचायतों, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों के अनेक कार्य ₹25 करोड़ से अधिक की लागत से पूरा जिले में विकास का नया अध्याय प्रारंभ कर रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ये सभी परियोजनाएं बेमेतरा जिले के ग्रामीण और नगरीय दोनों क्षेत्रों में सड़क, सिंचाई, पेयजल और शिक्षा सुविधाओं के व्यापक विस्तार की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होंगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने की नई घोषणाएँ - अमोरा में बैराज एवं सिंचाई सुविधा, बसनी में मिडिल स्कूल की सौगात
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज बेमेतरा प्रवास के दौरान जिलेवासियों को कई नई विकासात्मक घोषणाओं की सौगात दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण अंचलों के समग्र विकास और जनसुविधाओं के विस्तार के लिए निरंतर कार्य कर रही है, ताकि प्रत्येक गाँव को बुनियादी सुविधाओं से जोड़ा जा सके। मुख्यमंत्री ने इस दौरान बेमेतरा विकासखंड के ग्राम अमोरा में बैराज निर्माण एवं सिंचाई सुविधा विस्तार की घोषणा की। इस परियोजना के माध्यम से आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध होगा और सिंचाई क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इससे किसानों को रबी एवं खरीफ दोनों फसलों की बेहतर उत्पादन संभावनाएँ मिलेंगी।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री श्री साय ने बेमेतरा वी.स. में 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्र की स्थापना की भी घोषणा की, जिससे ग्रामीण अंचलों में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि बिजली गाँवों की प्रगति की रीढ़ है, और राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि हर खेत, हर घर तक विश्वसनीय बिजली पहुँचे। मुख्यमंत्री ने आगे ग्राम बसनी में नवीन मिडिल स्कूल की स्थापना की घोषणा करते हुए कहा कि शिक्षा ही विकास की असली आधारशिला है। नए विद्यालय से आसपास के गाँवों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुविधा उपलब्ध होगी और उन्हें अब दूरस्थ स्थानों पर पढ़ाई के लिए नहीं जाना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता गाँव-गाँव तक शिक्षा, सिंचाई, ऊर्जा और स्वास्थ्य जैसी आवश्यक सुविधाएँ पहुँचाने की है। उन्होंने कहा कि बेमेतरा जिले में किए जा रहे विकास कार्य प्रदेश के अन्य जिलों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेंगे। अमोरा एवं बसनी की घोषणाओं के साथ मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इन योजनाओं के शीघ्र क्रियान्वयन के निर्देश दिए।
कार्यक्रम में हुआ हितग्राही सम्मेलन, योजनाओं के लाभार्थियों को मिला सम्मान और सहयोग
कार्यक्रम के दौरान हितग्राही सम्मेलन का भी आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित हितग्राहियों को प्रतीक स्वरूप चेक और स्वीकृति पत्र वितरित किए गए। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने मंच से ही हितग्राहियों को प्रत्यक्ष लाभ का प्रतीक स्वरूप चेक एवं चाबियाँ प्रदान कीं। इस अवसर पर वय वंदन योजना के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिकों को लाभ प्रदान किया गया। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत चयनित हितग्राहियों को गृह प्रवेश की चाबियाँ सौंपी गईं। वहीं, महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता को सशक्त बनाने के उद्देश्य से लक्ष्मी महिला स्व-सहायता समूह को ₹3 लाख की राशि का चेक प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शासन की योजनाएं तभी सार्थक हैं जब उनका लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे। उन्होंने हितग्राहियों से संवाद कर योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी ली और उन्हें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
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बेमेतरा : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज बेमेतरा जिले के बेसिक स्कूल मैदान में आयोजित भव्य कार्यक्रम के दौरान विकास कार्यों के लोकार्पण एवं भूमिपूजन से पहले विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए विभागीय स्टालों का अवलोकन किया। इस अवसर पर उन्होंने जिले में संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी ली तथा अधिकारियों एवं हितग्राहियों से चर्चा कर योजनाओं के क्रियान्वयन की सराहना की।
कार्यक्रम स्थल पर कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, मत्स्य विभाग, जिला पंचायत, क्रेडा विभाग (पीएम सूर्य घर योजना), महिला एवं बाल विकास विभाग, लोक सेवा केंद्र तथा प्राथमिक सहायता केंद्र सहित कई विभागों के आकर्षक स्टॉल लगाए गए थे। प्रत्येक स्टॉल पर विभागीय योजनाओं की झलक दिखाने वाले मॉडल, पोस्टर, उपकरण एवं हितग्राही सामग्री प्रदर्शित की गई थी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कृषि विभाग के स्टॉल में नवीनतम कृषि उपकरण, उन्नत बीज, जैविक खाद और प्राकृतिक खेती के प्रदर्शन को देखा और किसानों से संवाद करते हुए कहा कि राज्य सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हरसंभव सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने उद्यानिकी विभाग द्वारा लगाए गए फल-फूल, सब्जी उत्पादन एवं पौधशालाओं के प्रदर्शन की भी सराहना की।
मत्स्य विभाग के स्टॉल में आधुनिक मत्स्य पालन तकनीक, जाल निर्माण और तालाब आधारित मत्स्य उत्पादन के मॉडल प्रस्तुत किए गए थे, जिनका मुख्यमंत्री ने गहन अवलोकन किया। उन्होंने जिला पंचायत और क्रेडा विभाग के स्टॉल पर जाकर “प्रधानमंत्री सूर्य घररू मुफ्त बिजली योजना” की जानकारी ली और बताया कि यह योजना आमजन को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरित करेगी।
महिला एवं बाल विकास विभाग के स्टॉल में “पोषण अभियान”, “प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना” और “हमर स्वस्थ लइका” जैसे जनकल्याणकारी कार्यक्रमों की झलक प्रस्तुत की गई। मुख्यमंत्री ने महिला स्व-सहायता समूहों से मुलाकात कर उनके द्वारा तैयार उत्पादों की प्रशंसा की और आत्मनिर्भरता के इस मॉडल को प्रोत्साहन देने का आश्वासन दिया। लोक सहायता केंद्र और प्राथमिक सहायता केंद्र के स्टॉलों पर नागरिक सेवाओं, हेल्थ कार्ड, आयुष्मान कार्ड, आधार, पेंशन, राशन कार्ड जैसी सेवाओं की जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जनसेवा केंद्र ग्रामीणों को सरकारी सेवाओं से जोड़ने का सशक्त माध्यम बन चुके हैं और इन केंद्रों के माध्यम से शासन की योजनाएँ अब सीधे लोगों तक पहुँच रही हैं।
अवलोकन के दौरान मुख्यमंत्री के साथ कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा, जनप्रतिनिधिगण, वरिष्ठ अधिकारी एवं बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी में शामिल सभी विभागों के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि बेमेतरा जिला समन्वित विकास की दिशा में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। उन्होंने अधिकारियों को आमजन तक योजनाओं की अधिकतम पहुँच सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
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बेसिक स्कूल मैदान में आयोजित भव्य कार्यक्रम में 47 कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन संपन्न
बेमेतरा : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज बेमेतरा जिले के बेसिक स्कूल मैदान में आयोजित भव्य कार्यक्रम में जिलेवासियों को ₹140 करोड़ 96 लाख 09 हजार रुपये से अधिक की विकासात्मक सौगात दी। कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के कुल 47 कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया गया, जिनमें 27 भूमिपूजन कार्य और 20 लोकार्पण कार्य शामिल हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि बेमेतरा जिले का समग्र विकास राज्य सरकार की प्राथमिकता है। सड़क, पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा और नगरीय सुविधाओं के क्षेत्र में तेजी से कार्य हो रहे हैं, जिससे जिले की जनता को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
कार्यक्रम के दौरान जल संसाधन विभाग, संभाग बेमेतरा (तांडुला जल संसाधन उपसंभाग क्र.04, जिला दुर्ग) के अंतर्गत 5 कार्यों का भूमिपूजन ₹2047.05 लाख की लागत से तथा 3 कार्यों का लोकार्पण ₹1017.38 लाख की लागत से किया गया। इस प्रकार विभाग के कुल 8 कार्य ₹3064.43 लाख की लागत से पूर्ण होंगे। इसी प्रकार कार्यालय उप संचालक कृषि, बेमेतरा के 1 कार्य का भूमिपूजन ₹50 लाख की लागत से किया गया।
लोक निर्माण विभाग, संभाग बेमेतरा के अंतर्गत 5 कार्यों का भूमिपूजन ₹3914.77 लाख की लागत से तथा 4 कार्यों का लोकार्पण ₹3192.32 लाख की लागत से किया गया, जिससे कुल 9 कार्य ₹7107.09 लाख की लागत से संपन्न होंगे। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 1 कार्य का लोकार्पण ₹357.05 लाख की लागत से किया गया।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, संभाग बेमेतरा के 2 कार्यों का लोकार्पण ₹1303.35 लाख की लागत से किया गया। जनपद पंचायत बेमेतरा के 5 कार्यों का भूमिपूजन ₹51.49 लाख में और 1 कार्य का लोकार्पण ₹25.70 लाख में किया गया, जिससे कुल 6 कार्य ₹77.19 लाख की लागत से संपन्न होंगे।
जनपद पंचायत बेरला के 2 कार्यों का भूमिपूजन ₹30 लाख की लागत से तथा 1 कार्य का लोकार्पण ₹42.40 लाख की लागत से किया गया, कुल 3 कार्य ₹72.40 लाख के होंगे। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, संभाग बेमेतरा के 4 कार्यों का भूमिपूजन ₹105.90 लाख में तथा 3 कार्यों का लोकार्पण ₹321.51 लाख में किया गया, जिससे कुल 7 कार्य ₹427.41 लाख की लागत से पूरे होंगे।नगर पालिका परिषद बेमेतरा के अंतर्गत 1 कार्य का भूमिपूजन ₹436.43 लाख तथा 1 कार्य का लोकार्पण ₹349.22 लाख की लागत से किया गया, कुल 2 कार्यों की लागत ₹785.65 लाख रही। इसी प्रकार छत्तीसगढ़ राज्य कृषि विपणन मंडी बोर्ड, रायपुर के 1 कार्य का भूमिपूजन ₹233.64 लाख और 1 कार्य का लोकार्पण ₹141.50 लाख की लागत से किया गया, कुल लागत ₹375.14 लाख रही।
नगर पंचायत बेरला के 1 कार्य का भूमिपूजन ₹16.02 लाख तथा 1 कार्य का लोकार्पण ₹163.59 लाख की लागत से किया गया, कुल लागत ₹179.61 लाख रही। नगर पंचायत निभौरी के 1 कार्य का भूमिपूजन ₹67.11 लाख और 1 कार्य का लोकार्पण ₹103.76 लाख की लागत से किया गया, कुल लागत ₹170.87 लाख रही। नगर पंचायत सुगमी के 1 कार्य का भूमिपूजन ₹80.79 लाख तथा 1 कार्य का लोकार्पण ₹45.10 लाख की लागत से किया गया, कुल लागत ₹125.89 लाख रही।
इस प्रकार जिले में कुल 27 भूमिपूजन कार्य ₹7033.20 लाख की लागत से तथा 20 लोकार्पण कार्य ₹7062.89 लाख की लागत से किए गए हैं। कार्यक्रम में कुल 47 कार्यों की लागत ₹14096.09 लाख रही, जो लगभग ₹140 करोड़ 96 लाख रुपये से अधिक की विकासात्मक सौगात के रूप में जिले को प्राप्त हुई है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि इन योजनाओं से जिले के ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार होगा और विकास की नई दिशा मिलेगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इन परियोजनाओं के माध्यम से जिले के ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में सड़क, पेयजल, सिंचाई और स्वास्थ्य सुविधाओं का व्यापक विस्तार होगा। उन्होंने जिले के अधिकारियों और नागरिकों को योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए बधाई दी।

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