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विगत छह माह के स्वास्थ्य जानकारी को हज कमिटी के वेबसाइट में करना होगा अपलोड
बेमेतरा : हज में जाने वाले इच्छुक लोगों को अपनी स्वास्थ्य की जानकारी ऑनलाइन देनी होगी। हज 2021 के आवेदकों को अपनी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी हज कमेटी ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर ऑनलाइन अपलोड करनी होगी। छत्तीसगढ़ राज्य हज कमेटी के कार्यपालन अधिकारी श्री साजिद मेमन ने इस संबंध में बताया कि हज कमेटी ऑफ इंडिया मुम्बई ने गुरूवार 27 मई को सर्कुलर जारी कर कहा है कि हज 2021 के लिए सउदी हुकुमत द्वारा निर्धारित की गई उम्र के मापदंड अनुसार आवेदन करने के लिए पात्र आवेदकों को उनके स्वास्थ्य संबंधी जानकारी को हज कमेटी की वेबसाइट पर अपलोड करना होगा। ऑनलाइन हेल्थ वेरीफिकेशन के तहत हर आवेदकों को कोविड-19 से बचाव के लिए उनके द्वारा ली गई वैक्सीन के डोज का विवरण, वैक्सीन का नाम और उसका सर्टिफिकेट अपलोड करना होगा। इसके साथ ही विगत 6 माह में किसी भी बीमारी से हास्पिटल में दाखिला न होने संबंधी जानकारी और कोविड संक्रमण काल को दृष्टिगत रखते हुए हज 2021 के लिए प्रस्थान करने की सहमति ऑनलाइन के माध्यम से जल्द से जल्द जमा कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं।छत्तीसगढ़ हज कमेटी के कार्यपालन अधिकारी ने यह भी बताया कि हज कमेटी ऑफ इंडिया मुम्बई द्वारा आवेदकों को एसएमएस के माध्यम से वांछित सूचना का प्रेषण किया जा चुका है। जिन्हें सूचना प्राप्त नहीं हुई है, ऐसे आवेदक जल्द से जल्द राज्य हज कमेटी कार्यालय के दूरभाष क्रमांक 0771-4266646 से संपक्र कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ राज्य हज कमेटी द्वारा सभी हज आवेदकों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द हज कमेटी ऑफ इंडिया की वेबसाइट www.hajcommittee.gov.in में ऑनलाइन हेल्थ वेरीफिकेशन कराएं और वांछित दस्तावेज अपलोड करें, जिससे हज 2021 के लिए सउदी हुकुमत से प्राप्त होने वाले निर्देशानुसार कार्यवाही समय सीमा में पूरी की जा सके। -
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खेती-बाड़ी के लिए खाद्-बीज मे काम आयेगी राशि
बेमेतरा : राज्य सरकार की राजीव गांधी किसान न्याय योजना लाॅकडाउन के समय बेमेतरा जिले के लघु-सीमांत किसानों को आर्थिक संबल दे रही है। कृषि आदान सहायता राशि के रुप मे जिले के नवागढ़ विकासखण्ड के सुदुरवर्ती ग्राम-मोहलाईन के वरिष्ठ नागरिक एवं किसान बिसौहा राम साहू को किसान न्याय योजना के अंतर्गत 21 हजार 375 रु. की राशि उनके बैंक खाते मे जमा हुुई है। सुरेश कुमार साहू को 23 हजार 262 रु. की राशि उनके बैंक खाते मे जमा हुुई है। इसी तरह मोहलाईन (नारायणपुर) निवासी सुशील साहू को 23 हजार 125 रु. की राशि उनके बैंक खाते मे जमा हुई है। उन्होने अपना धान, उपार्जन केन्द्र गुंजेरा मे बेचा था। सुशील साहू ने कहा कि प्रदेश के किसान हितैषी मुख्यमंत्री स्वयं किसान है और किसानों की पीड़ा को समझते हैं। इसी तरह बेमेतरा विकासखण्ड के ग्राम-दाढ़ी के किसान सुरेन्द्र तिवारी के बैंक खाते मे 18 हजार 570 रु. की राशि बैंक खाते मे जमा हुई है। इस पैसे का उपयोग वे खेती-बाड़ी के काम मे लायेंगे।
साजा विकासखण्ड के ग्राम मुंगलाटोला निवासी संतोष वर्मा ने किसानों के खाते मे आॅनलाईन राशि जमा किये जाने पर खुशी जताते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण काल मे मुख्यमंत्री ने अपने वादे को पूरी प्रतिबद्धता और पूर्ण जवादारी के साथ निभाया है। ग्राम-चक्रवाय, पो.आ. मारो के किसान श्री झम्मन कुमार बघेल को इस योजना के तहत उनके खाते मे प्रथम किश्त 21 हजार 230 रु. की राशि जमा हुई है। बीते खरीफ सीजन 2020-21 मे धान उपार्जन केन्द्र-मारो मे उन्होने अपना धान बेचा था जिसके तहत उनके बैंक खाते मे अन्तरण राशि प्राप्त हुई है। इन सभी किसानों ने छ.ग. के संवेदनशील मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को धन्यवाद देते हुए कहा कि लाॅकडाउन के इस संकट कें घड़ी मे प्रदेश सरकार ने सही समय पर बैंक खाते मे पैसे दिए है। जून-जुलाई मे खेती-बाड़ी का काम शुरु हो जाता है, और किसानों को खेती-बाड़ी के लिए खाद-बीज की जरुरत होती है, ऐसे समय मे पैसे आने से उनको अपने खेतों के लिए उन्नत बीज एवं खाद् खरीदने मे आसानी होगी। ताकि वे उन्नत खेती करके अपने परिवार का भरण-पोषण कर सके। उन्होने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने किसानो की समस्यांओं को समझा और राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत लाॅकडाउन के कठिन दौर से गुजर रहे किसानो के खातों मे धान उपार्जन की राशि अंतरित की गई जिससे उनको अर्थिक रुप से मदद् मिली है। -
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किसान 01 जून से 30 सितंबर तक करा सकेंगे पंजीयन
सभी श्रेणी के भू-स्वामी और कृषक होंगे पात्र
योजना में शामिल फसलों के उत्पादक कृषकों को ही मिलेगी आदान सहायता राशि
बेमेतरा : राज्य में फसल विविधीकरण, उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि फसल के काश्त लागत की प्रतिपूर्ति कर किसानों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत खरीफ 2021 से लागू प्रावधानों के क्रियान्वयन को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी गई है। कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग मंत्रालय रायपुर द्वारा आज जारी दिशा-निर्देश के अनुसार इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को अनिवार्य रूप से पंजीयन कराना होगा। पंजीयन राजीव गांधी किसान न्याय योजना के पोर्टल ीजजचेरूध्ध्तहादलण्बहण्दपबण्पद पर 01 जून से लेकर 30 सितंबर 2021 के मध्य पंजीयन किया जा सकता है।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत सभी श्रेणी के भू-स्वामी और वन पट्टा धारी कृषक पात्र होंगे। संस्थागत भू-धारक, रेगहा, बटाईदार और लीज खेती करने वाले कृषक इस योजना के पात्र नहीं होंगे। इस योजना के तहत खरीफ 2021 से धान के साथ खरीफ की प्रमुख फसल मक्का, कोदो-कुटकी, सोयाबीन, अरहर तथा गन्ना उत्पादक कृषकों को प्रतिवर्ष प्रति एकड़ के मान से 9000 रूपए आदान सहायता राशि दी जाएगी। वर्ष 2020-21 में जिस रकबे से किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया गया था। यदि वह धान के बदले कोदो-कुटकी, गन्ना, अरहर एमक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान अन्य फोर्टिफाइड धान, केला, पपीता लगाता है अथवा वृक्षारोपण करता है तो उसे प्रति एकड़ 10000 रूपए के मान से आदान सहायता मिलेगी। वृक्षारोपण करने वाले कृषकों को 3 वर्ष तक आदान सहायता दी जाएगी।
राज्य में कृषि के क्षेत्र में अधिक निवेश तथा इसको लाभ के व्यवसाय के रूप में पुनस्र्थापित करते हुए जीडीपी में कृषि क्षेत्र की सहभागिता में वृद्धि के उद्देश्य वाली यह योजना खरीफ 2021 से प्रदेश के सभी जिलों में लागू होगी। इस योजना का क्रियान्वयन राज्य स्तर पर आयुक्त एवं संचालक कृषि तथा जिला स्तर पर कलेक्टर की देखरेख में उपसंचालक कृषि द्वारा किया जाएगा। इस योजना के तहत पंजीकृत कृषक को अपने आवश्यक दस्तावेज जैसे ऋण पुस्तिका, बी-1, आधार नंबर, बैंक पासबुक की छायाप्रति के साथ निर्धारित प्रपत्र में भरे हुए आवेदन का सत्यापन कृषि विस्तार अधिकारी से कराना होगा। जिसे निर्धारित समयावधि में संबंधित प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति में जमा कर कृषक वहां से पावती प्राप्त कर सकेगा। संयुक्त खातेदार का पंजीयन नम्बरदार नाम से किया जाएगा। इस हेतु संबंधित कृषकों को आवेदन पत्र के साथ समस्त खाताधारकों की सहमति सह-शपथ पत्र तथा अन्य आवश्यक अभिलेख प्रस्तुत करना होगा। आदान सहायता पंजीकृत कृषक नंबरदार के खाते में अंतरित की जाएगी। जिसका बटवारा आपसी सहमति से खातेदार करेंगे।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत सम्मिलित फसल के रकबे के निर्धारण हेतु भुइया पोर्टल में संधारित गिरदावरी के आंकड़े को ही अधिकृत रूप से उपयोग किया जाएगा। सभी फसलों का कृषकवार, खसरावार बोए गए फसल के क्षेत्राच्छादन की जानकारी राजस्व विभाग द्वारा गिरदावरी के माध्यम से की जाएगी। गिरदावरी के आंकड़ों में त्रुटि अथवा भिन्नता पाए जाने पर प्रचलित निर्देश एवं प्रक्रिया के अनुसार राजस्व विभाग द्वारा सुधार का कार्य किया जाएगा। राजस्व रिकार्ड में दर्ज रकबा एवं किसान द्वारा बोए गए वास्तविक रकबे में भिन्नता पाए जाने पर संबंधित अधिकारी तथा पर्यवेक्षण करने वाले अमलों की जवाबदेही तय कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
योजना अंतर्गत पोर्टल में पंजीकृत कृषकों को नोडल बैंक के माध्यम से किस्तों में आदान सहायता राशि सीधे उनके बैंक खाते में अंतरित की जाएगी। इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन, निगरानी एवं अंतर विभागीय समन्वय का दायित्व मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय अनुश्रवण समिति के जिम्मे होगी, जब कि जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति योजना का क्रियान्वयन निगरानी और शिकायतों का निराकरण करेगी। योजना के अंतर्गत हितग्राही के सत्यापन की जिम्मेदारी कृषि विभाग के जिला एवं मैदानी स्तर के अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में शासन के निर्देशानुसार करेंगे। -
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बेमेतरा : निजी क्षेत्र, किसानों, शासकीय विभागों एवं ग्राम पंचायतों की भूमि पर इमारती-गैर इमारती प्रजातियों के वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करने तथा किसानों की आय में वृक्षारोपण के माध्यम से वृद्धि करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना एक जून से शुरुआत हो गई है। किसानों को धान के बदले गैर वनीय क्षेत्रों मे इमारती-गैर इमारती, फलदार वृक्ष, बांस एवं लघु वनोपज तथा औषधीय पौधों का वृक्षारोपण करने पर प्रति एकड़ दस हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। जिन किसानों ने खरीफ वर्ष 2020 में धान की फसल ली हो, यदि वे धान की फसल के बदले अपने खेतों में वृक्षारोपण करते हैं तो उन्हें आगामी तीन वर्षों तक प्रतिवर्ष दस हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। योजना का लाभ लेने के लिए छत्तीसगढ़ के सभी नागरिक निजी भूमि की उपलब्धतानुसार तथा सभी ग्राम पंचायतें एवं संयुक्त वन प्रबंधन समितियां पात्र होंगे। योजनांतर्गत वन अधिकार पत्र प्राप्त भूमि पर भी हितग्राहियों की सहमति से इमारती, फलदार, बांस, लघुवनोपज एवं औषधीय पौधों का रोपण किया जा सकेगा। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए रोपण के छह माह के भीतर संबंधित वन परिक्षेत्र कार्यालय में पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। ग्राम पंचायतों एवं संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के पास उपलब्ध राशि से यदि वाणिज्यिक वृक्षारोपण किया जायेगा तो एक वर्ष बाद सफल वृक्षारोपण की दशा में संबंधित ग्राम पंचायतों एवं संयुक्त वन प्रबंधन समितियों को शासन की ओर से दस हजार रूपए प्रति एकड़ की दर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना अंतर्गत जिन किसानों ने खरीफ 2020 में धान की फसल ली हो तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य योजनांतर्गत धान का विक्रय करने के लिए विधिवत पंजीयन कराया हो तथा धान का विक्रय किया हो, ऐसे किसानों को धान के बदले अपने खेतों में वृक्षारोपण करते हुए उन्हें तीन वर्षों तक दस हजार रूपए प्रति एकड़ प्रतिवर्ष की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। किसान के द्वारा किए गए वृक्षारोपण के साथ इन्टरक्राॅपिंग में धान को छोड़कर अन्य फसल ली जा सकेगी। योजनांतर्गत लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को निर्धारित समयावधि में संबंधित पोर्टल में पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। अपंजीकृत किसानों को योजनांतर्गत प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने की पात्रता नहीं होगी। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एवं विहित अधिकारी द्वारा पंजीकृत रकबे का गिरदावरी कर सत्यापन किया जाएगा। वृक्षारोपण की उपयुक्त प्रजाती चयन के संबंध में उचित परामर्श किसानों को आवश्यकतानुसार दिए जाएंगे। योजनांतर्गत निर्धारित राशि प्रति एकड़ की दर से किसानों के खाते में डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया जाएगा। - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाकलेक्टर ने ली जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति की बैठक

बेमेतरा : बच्चों को न्यूमोकोकल बीमारी से बचाने के लिए न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (पी.सी.वी.) को नियमित टीकाकरण कार्यक्रम मे शामिल किया जा रहा है। इससे बच्चों को निमोनिया तथा दिमागी इंफेक्शन से सुरक्षा प्रदान करने मे मदद मिलेगी जो न्यूमोकोकस बैक्टिरिया द्वारा होने वाली बीमारियां हैं। कलेक्टर एवं जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष श्री शिव अनंत तायल की अध्यक्षता मे आज जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की गई। कलेक्टर ने कहा कि टीकाकरण के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद् ली जायेगी। कलेक्टोरेट सभाकक्ष मे आयोजित बैठक मे जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एस के शर्मा ने बताया कि जिले मे 1500 बच्चों के टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होने बताया कि निमोनिया 5 साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु का एक प्रमुख कारण है जो कई कारणों से हो सकता है। न्यूमोकोकस बैक्टिरिया से होने वाले निमोनिया का मुख्य कारण है। अपने बच्चों को पी.सी.वी. के तीन टीके पहला टीका डे़ढ़ माह मे दूसरा टीका साढ़े तीन माह मे और बूस्टर टीका 09 महीने पर लगवायें। बीमारी से सुरक्षा के लिए सुनिश्चित करें की आपके बच्चंे की पी.सी.वी. की कोई भी खुराक नही छूटे। डाॅ. शर्मा ने बताया कि पी.सी.वी. एक सुरक्षित वैक्सीन है, अन्य वैक्सीन की तरह ही इससे भी आपके बच्चें को टीकाकरण के बाद हल्का बुखार या टीका देने के स्थान पर लालीपन हो सकता है।
बैठक मे बताया गया कि यह निमोनिया से सांस के रास्ते से होने वाला संक्रमण है जिसकी वजह से फेफड़ों मे सूजन आ सकती है। इससें सांस लेने मे मुश्किल होती है और शरीर मे आॅक्सीजन की कमी होती है। पी.सी.वी. के टीकाकरण से बच्चों मे न्यूमोकोकस के कारण होने वाली बीमारियों और मृत्यु को रोका जा सकेगा। दो साल से छोटे बच्चों मे गंभीर न्यूमोकोकल बीमारी का खतरा रहता है लेकिन इसका सबसे अधिक खतरा एक साल से छोटे बच्चांे मे होता। टीकाकरण से इससे बचा जा सकता है।
जिला टीकाकरण अधिकारी डाॅ. शरद कोहाड़े ने कम्प्यूटर आधारित प्रस्तूतिकरण के जरिए विस्तार से जानकारी दते हुए बताया कि पी.सी.वी. वैक्सीन नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत सभी सरकारी अस्पताल, डिस्पेसरी, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं टीकाकरण सत्रों मे बच्चों को मुफ्त मे लगाई जायेगी। बैठक मे जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती रीता यादव, महिला एवं बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री बिद्याधर पटेल, मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री होरी सिंह ठाकुर, जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्रीमती अनुपमा तिवारी, महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी एवं खण्ड चिकित्सा अधिकारी (बीएमओ) उपस्थित थे। -
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बेमेतरा : बेमेतरा जिले मे कुछ शर्तों के साथ 25 मई से अनलाॅक घोषित किया गया है। दुकानों के संचालन का समय प्रातः 06 बजे से शाम 06 बजे तक निर्धारित है। कलेक्टर श्री शिव अनंत तायल ने जिले के सभी विभाग प्रमुखों को निर्देशित किये हैं कि प्रत्येक शासकीय कार्यालय प्रातः 10ः30 बजे से सायं 05ः30 बजे तक अब पूर्व की भांति संचालित होंगे और अधिकारियों/कर्मचारियों की उपस्थिति शत-प्रतिशत रहेगी, यह देखने मे आ रहा है कि जिले के कुछ विभाग नियमित रुप से कार्यालय संचालित नही कर रहे हैं, यह स्थिति ठीक नही है। कलेक्टर ने कहा कि कोविड गाइडलाइन के पालन के साथ ही कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर नियमों का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा। जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क की अनिवार्यता एवं साबुन से हाथ धोना,सेनेटाइजर का सतत उपयोग शामिल है। -
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बेमेतरा : कलेक्टर श्री शिव अनंत तायल ने जिले के सभी विभाग प्रमुखों को निर्देश दिए हैं कि कोरोना वायरस से मृत शासकीय सेवकों के संबंध मे विभागवार जानकारी निर्धारित प्रारुप जिसमें-मृत शासकीय सेवक का नाम, पदनाम कार्यालय/विभाग का नाम, मृत्यु का दिनांक सहित उक्त जानकारी कलेक्टोरेट स्थित वित्त शाखा मे यथाशीघ्र प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। -
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बेमेतरा : आगामी मानसून को देखते हुए बाढ़, अतिवृष्टि जैसी आपदाओं से बचाव के लिए आज शाम जिला पंचायत सभाकक्ष में जिला स्तरीय बाढ़ आपदा प्रबंधन समिति की बैठक हुई जिसमें कलेक्टर श्री शिव अनंत तायल ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने जिले में अतिवृष्टि के चलते बाढ़ की स्थिति से निबटने के लिए विभागीय अधिकारियों को कार्ययोजना तैयार करने के लिए निर्देशित किये।
कलेक्टर श्री तायल ने अधिकारियों को निर्देशित किये है कि वे जिले के शिवनाथ नदी के किनारे अमोरा घाट, नांदघाट, करमसेन, टोहड़ी, सिमगा के निकटवर्ती ग्राम खम्हरिया, चेटुवा, नदी के किनारें वाले गांवों में अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लोगों को बाढ़ से बचाव और प्रबंधन के बारे में जानकारी दी जाये। वर्षाऋतु के दौरान अत्याधिक वर्षा होने पर सिंचाई विभाग के अधिकारी नियमित रूप से जानकारी से अपडेट होकर जानकारी देते रहेंगें, इसके लिए उन्हें राजनांदगांव एवं दुर्ग जिला प्रशासन से संपर्क में रहना होगा। बाढ आने पर लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुॅचाने एवं आवश्यक सामग्री की व्यवस्था के सम्बध में गांव वालों से पहले से ही बातचीत कर लें।पुलिस अधीक्षक श्री दिव्यांग कुमार पटेल ने कहा कि बीते साल बारिश सीजन मे नांदघाट तहसील के निचले हिस्से मे बाढ़ आयी थी। ऐसे गांवों को चिन्हांकन कर गांव को पहले से ही खाली करवा लिया जाये। मोटरबोट की व्यवस्था आपात स्थिति से निपटने के लिए रहेगी। एसपी ने कहा कि डूबान प्रभावित गांवों मे थाना एवं चैकी प्रभारियों द्वारा पहले से ही बैठक लेकर ग्रामीणों को समझाईश दी जायेगी।
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि विगत वर्षों की सूचना के आधार पर शिवनाथ नदी के किनारे जिले मे ऐसे ग्राम हैं जो बाढ़ से प्रभावित होते हैं। इसी तरह मोटरबोट चालकों एवं गोताखोरों की सूची सहित अतिरिक्त स्टाफ की भी जानकारी राहत शाखा में उपलब्ध कराने के निर्देश जिला सेनानी होमगार्ड को दिए। कलेक्टर ने निर्देश दिये है कि ऐसे सभी संभावित बाढ़ प्रभावित गांवों में ग्रामीणों की बैठक बुलाकर ग्रामीणों जनों से व्यापक चर्चा कर ली जाये। बाढ आने के बाद होने वाली बीमारियों से बचाव के इंतजाम पहले से कर लिए जायें तथा पर्याप्त दवाईयों का स्टाक स्वास्थ्य केन्द्रों में रहे।ं दवा का छिड़काव करने के लिए पहले व्यवस्था कर ली जाये। लोगों को शुद्व पेयजल के इंतजाम सुनिश्चित किये जायें, और लोगों को बाढ के बाद फैलने वाली बीमारियों के बारे में बताया जायें साथ ही राहत शिविरों में कोविड-19 से बचाव, पर्याप्त मास्क, सेनेटाइजर, शारीरिक सामाजिक दूरी एवं कोविड-19 लक्षणों वाले व्यक्तियों को अलग रखने हेतु उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
जिलाधीश ने राजस्व आपदा अधिकारियों को भी बाढ आपदा के संबंध में व्यापक निर्देश दिए उन्होने बाढ से होने वाली विभिन्न हानियों के लिए लोगों को राहत पहुंचाने उन्हें आर्थिंक सहायता अनुदान प्रदान करने के लिए पहले से ही तैयारी कर ली जायें। बैठक मे जिला पंचायत सीईओ श्रीमती रीता यादव, अपर कलेक्टर श्री संजय कुमार दीवान, एएसपी श्री विमल कुमार बैस, जिले के सभी एसडीएम, कार्यपालन अभियंता, जलसंसाधन विभाग, लोक निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार उपस्थित थे। -
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बेमेतरा : राजीव गांधी किसान न्याय योजना के दायरे में शामिल करने के निर्णय के बाद जिले के कोदो-कुटकी लगाने वाले किसानों में उत्साह देखने को मिल रहा है। शासन द्वारा खरीफ मौसम धान के साथ-साथ लघु धान्य के फसल कोदो एवं कुटकी को राजीव गांधी किसान न्याय योजना में शामिल किया गया है जिसके अंतर्गत कोदो एवं कुटकी का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3 हजार रूपये प्रति क्विंटल तय किया गया है।
उप संचालक कृषि ने बताया कि बेमेतरा जिले में खरीफ मौसम वर्ष 2020 में कुल 718 हेक्टयर क्षेत्र में कोदो एवं कुटकी की फसल कृषकों द्वारा ली गयी थी। वर्तमान में छ.ग. शासन की घोषणा से चालू खरीफ मौसम में कोदो-कुटकी का रकबा जिले में बढ़ने की संभावना है। इसे देखते हुये कृषि विभाग द्वारा बीज निगम पथर्रा में 450 क्विंटल कोदो बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करायी गयी है। जिसे किसान भाई 4 हजार 590 रूपये प्रति क्विंटल की दर से क्रय कर सकते है। शासन की महत्वाकांक्षी योजना को देखते हुये चालू खरीफ मौसम 2021 में कृषि विभाग द्वारा आत्मा योजनान्तर्गत 1520 एकड़ क्षेत्र में कोदो फसल की उन्नत फसल प्रदर्शन आयोजित करायी जा रही है। इस हेतु जिले के 1520 कृषकों का चयन कर उन्हे प्रति एकड़ 4 किग्रा. कोदो बीज एवं 120 किग्रा. वर्मी खाद का निःशुल्क वितरण फसल प्रदर्शन हेतु किया जाना तय किया गया है।
इसके साथ ही छ.ग. शासन द्वारा खरीफ वर्ष 2021 में न्युनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय करने वाले कृषकों को फसल बदलकर धान के बदले कोदो, कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, अन्य दलहन एवं तिलहन, सुगंधित धान या फोर्टिफाईड चावल उगाने पर 10 हजार रूपये प्रति एकड़ एवं धान के साथ ही खरीफ की सभी प्रमुख फसलों मक्का, सोयाबीन, गन्ना, कोदो-कुटकी तथा अरहर के उत्पादकों को भी प्रति वर्ष 9 हजार रूपये प्रति एकड़ की दर से सब्सिडी तय की गयी है। इसके लिये कृषि विभाग द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। -
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बेमेतरा : बालक एवं कुमार श्रम (प्रतिषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986 की धारा 3 (1) के अनुसार किसी भी बालक (14 वर्ष से कम) की किसी भी तरह के उपजीविका अथवा प्रक्रिया में कार्य करने अथवा कार्य पर रखे जाने की अनुमति नही है तथा धारा 3 (ए) के अनुसार किसी भी किशोर (14 से 18 वर्ष) को अधिसूचित 107 खतरनाक उपजीविका अथवा प्रक्रिया में कार्य करने अथवा कार्य पर रखे जाने की अनुमति नही है। नियोजक द्वारा संस्थान के दृष्टिगोचर स्थल पर किया जाना अनिवार्य है।
श्रमायुक्त कार्यालय, नवा रायपुर ने समस्त नियोजक/प्रोपराईटर/संस्था प्रतिष्ठान प्रमुख (दुकान एवं वाणिज्यिक स्थापनाएं निजी अस्पताल एवं नर्सिग होम, टाॅकिज, होटल एवं रेस्टोरेन्ट, माल, समाचार पत्र संस्थान, निजी शैक्षणिक एवं कोचिंग संस्थान, टांसपोर्ट उपक्रम, निजी सुरक्षा एवं प्लेसमेंट एजेंसी/ठेकेदार, रियल स्टेट/कन्स्ट्रक्शन कंपनी इत्यादि) को निर्देश जारी किया गया है कि बालक एवं कुमार श्रम (प्रतिषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986 की धारा 3 (1) के अनुसार किसी भी किशोर (14 से 18 वर्ष) को अधिसूचित 107 खतरनाक उपजीविका अथवा प्रक्रिया में कार्य करने अथवा कार्य पर रखे जाने की अनुमति नही है। उक्त अधिनियम अंतर्गत परिसंकट मय प्रक्रियाएॅ (कारखाना अधिनियम, 1948) के अंतर्गत उल्लेखित संस्थान पूर्णतः प्रतिबंधित अधिसूचित की गई है। उक्त अधिनियम के उल्लंघन की स्थिति में बालक/किशोर श्रम नियोजकों को 6 माह से 2 वर्ष तका का कारावास अथवा 20,000 रूपये से 50,000 रूपये तक का जुर्माना अथवा दोनो से दण्डित किया जाना प्रावधानित है। उल्लेखनीय है कि बालक एवं कुमार श्रम (प्रतिषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986 संशोधित अधिनियम 2016 की की धारा 12 के अंतर्गत अधिनियम की धारा 3 एवं धारा 14 की संक्षिप्ति को अंतर्विष्ट करने वाली सूचना का प्रदर्शन नियोजक द्वारा संस्थान के दृष्टिगोचर स्थल पर किया जाना अनिवार्य है। उक्त सूचना का प्रदर्शन न करने वाले संस्थान के नियोजक को अधिनियम अंतर्गत एक माह का कारावास या 10,000 रूपये के जुमाने अथवा दोनो से दण्डित किये जाने का प्रावधान है अधिनियम की धारा 12 के अंतर्गत बाल श्रम निषेध सूचना का प्रदर्शन अपने संस्थान के मुख्य द्वार के दृष्टिगोचर स्थल पर सुगम दृश्य आकार में अनिवार्यतः प्रदर्शित करना है।? -
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बेमेतरा : बेमेतरा जिला में इस वर्ष 2 लाख 19 हजार 480 हेक्टेयर में खरीफ फसलों की खेती की जायेगी। पिछले वर्ष 2 लाख 19 हजार 970 हेक्टेयर में खरीफ फसलों की खेती की गयी थी। राज्य शासन की मंशा अनुसार किसानों को अधिक से अधिक लाभ दिलाने के लिये धान के रकबें में कमी की जायेगी और दलहन-तिलहन फसलों का रकबा बढ़ाया जायेगा। इस वर्ष 35 हजार 280 हेक्टेयर में दलहन और तिलहनों की फसले लगेगी जो कि पिछले वर्ष से 10 हजार 500 हेक्टेयर अधिक होगा। पिछले वर्ष 24 हजार 780 हेक्टेयर क्षेत्र में दलहन-तिलहनी फसलों की खेती की गयी थी। चालू खरीफ मौसम बेमेतरा जिले में धान के रकबे में 12 हजार 990 हेक्टेयर की कमी कर 1 लाख 73 हजार 730 हेक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल लेना प्रस्तावित है। इसी प्रकार धान, मक्का, ज्वार, कोदो-कुटकी एवं अन्य लघु मिलाकर जिले में चालू खरीफ मौसम 1 लाख 76 हजार 750 हेक्टेयर क्षेत्र में अनाज फसलें ली जायेगी।
उप संचालक कृषि श्री एम.डी. मानकर ने बताया कि बेमेतरा जिले में चालू खरीफ मौसम में 5 हजार 670 हेक्टेयर क्षेत्र में दलहनी एवं 29 हजार 610 हेक्टेयर क्षेत्र में तिलहनी फसले लगायी जायेगी। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष दलहनी फसलों का रकबा 980 हेक्टेयर एवं तिलहनी फसलों का रकबा 9 हजार 520 हेक्टेयर क्षेत्र में बढ़ेगा। जिले में चालू खरीफ मौसम में पूर्व वर्ष की भाॅति इस वर्ष भी 7 हजार 450 हेक्टेयर क्षेत्र में रेशेदार एवं अन्य फसले लगायी जायेगाी। आगामी मानसून को देखते हुये कृषि विभाग द्वारा किसानों को फसल बोने के लिये तैयार रहने की सलाह दी जा रही है। मौसम को देखते हुये आगामी दिनों में खेती-किसानी के काम में तेजी आयेगी और फसलों की बोनी भी शुरू हो जायेगी। -
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बेमेतरा : छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस (Mucormycosis) को नोटिफिएबल डिसीज घोषित किया गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बीते दिनों इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसके तहत छत्तीसगढ़ राज्य के सभी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं (शासकीय और निजी) को ब्लैक फंगस (Mucormycosis) की स्क्रिनिंग, पहचान, प्रबंधन के संबंध में छत्तीसगढ़ राज्य शासन/आई.सी.एम.आर./भारत सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों एवं समय-समय पर जारी संशोधित दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा।
राज्य के सभी स्वास्थ्य प्रदाताओं को ब्लैक फंगस (Mucormycosis) के संदेहास्पद या पुष्टिकृत प्रत्येक प्रकरण को संबंधित जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को सूचित करना अनिवार्य होगा। इसके तहत कोई भी व्यक्तिध्संस्था द्वारा ब्लैक फंगस (Mucormycosis) के लिए किसी भी प्रिंट, इलेक्ट्रानिक या अन्य प्रकार के मीडिया का उपयोग, स्वास्थ्य विभाग की अनुमति के बिना नहीं किया जाएगा। किसी भी व्यक्ति द्वारा इस नियम की अवज्ञा करने पर भारतीय दण्ड सहिता 1860 (45) की धारा 188 के तहत दण्डनीय उपराध माना जाएगाद्य यह अधिसूचना इसके प्रकाशन की तिथि से लागू होगी एवं आगामी एक वर्ष तक वैध रहेगी। -
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बेमेतरा : जिले के राजस्व अधिकारियों की मासिक समीक्षा बैठक सोमवार 31 मई को अपरान्ह 02 बजे संयुक्त जिला कार्यालय के सभाकक्ष मे आयोजित होगी। जिसमें तहसीलवार नामांतण, सीमांकन, बंटवारा, भू-अर्जन, अतिक्रमण हटाने, कोरोना महामारी के संक्रमण की रोकथाम की कार्यवाही आदि की समीक्षा की जायेगी। कलेक्टर ने अद्यतन जानकारी के साथ उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं।
आगामी मानसून 2021 मे प्राकृतिक आपदा (बाढ़ अतिवृष्टि) से बचाव एवं राहत व्यवस्था के संबंध मे आवश्यक बैठक 31 मई को ही शाम 04 बजे कलेक्टोरेट सभाकक्ष मे आयोजित होगी। बाढ़ आपदा की बैठक मे जिला सेनानी होमगार्ड, कार्यपालन अभियंता, जलसंसाधन विभाग, लोक निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, उप वन मण्डलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, उप संचालक कृषि एवं खाद्य अधिकारी सहित विभागीय अधिकारियों को उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं। -
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बेमेतरा : ग्रीष्म ऋतु के आगमन के साथ ही लू का प्रकोप भी बढ़ने लगा है। इस बीच कोविड-19 के संक्रमण से बचाव हेतु लाॅकडाउन से विरानी छायी हुई है। एक ओर कोविड-19 का संक्रमण तो दूसरी ओर लू का प्रकोप, ऐसे में शासन द्वारा लोगों को लू से बचने आवश्यक सुझाव दिये गये हैं। प्रशासन द्वारा आमलोगों से इसके बेहतर ढंग की पालन की अपेक्षा की गई है।
क्या करें-घर पर रहे और रेडियो सुनें टीवी देखें, स्थानीय मौसम और कोविड-19 की स्थिति पर अद्यतनध्परामर्श के लिए समाचार पत्र पढ़ें। जितना हो सके पर्याप्त पानी पिएं, भले ही प्यास न लगी हो। मिर्गी, हृदय, गुर्दे या लीवर से संभावित रोग वाले जो तरल प्रतिबंदित आहार लेते हो तरल पदार्थ लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श ले, हल्के, हल्के रंग के, ढीले सूती कपड़े पहनें, ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन) घोल, घर का बना पेय लस्सी. (तोरानी चावल) का पानी, नींबू का पानी, छाछ आदि का उपयोग करें। बाहर जाने से बचें, यदि बाहर जाना आवश्यक है, तो अपने सिर (कपड़े,टोपी या छाता) और चेहरे को कवर करें। जहां तक संभव हो किसी भी सतह को छूने से बचें। अन्य व्यक्तियों से कम से कम 1 मीटर की दूरी पर शारीरिक दूरी बनाए रखें। साबुन और पानी से बार-बार और ठीक से हाथ धोएं। साबुन और पानी उपलब्ध न हो तो हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें। घर के प्रत्येक सदस्य के लिए अलग-अलग तौलिये रखो। इन तौलियों को नियमित रूप से धोएं।
अन्य सावधानियां -जितना हो सके घर के अंदर रहें, अपने घर को ठंडा रखें, धूप से बचाव के लिए रात में पर्दे, शटर का उपयोग करें और खिड़कियां खोलें। निचली मंजिलों पर बने रहने का प्रयास करें। पंखो का उपयोग करें, कपड़ों को नम करें और अधिक गर्मी में ठंडे पानी में ही स्नान करें। यदि आप बीमार महसूस करते हैं - उच्च बुखार, लगातार सिरदर्द, चक्कर आना, मितली या भटकाव, लगातार खांसी, सांस की तकलीफ है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाये। जानवरों को छाया में रखें और उन्हें पीने के लिए भरपूर पानी दें।
क्या ना करें -लॉक-डाउन के दौरान बाहर न जाएं। यदि आपको आवश्यक कार्य के लिए बाहर जाना है तो दिन के शीतलन घंटों के दौरान अपनी सारणी निर्धारित करने का प्रयास करें। अत्यधिक गर्मी के घंटों के दौरान बाहर जाने से बचें, विशेष रूप से दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच। नंगे पैर या बिना चेहरे को ढके और बिना सिर ढककर बाहर न जाएं। व्यस्थतम समय (दोपहर) के दौरान खाना पकाने से बचें। खाना पकाने वाले क्षेत्रों (रसोई घरों) में दरवाजे और खिड़कियां खोल कर रखें, जिससे पर्याप्त रूप से हवा आ सके। शराब, चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड पेय, पीने से बचें जो शरीर को निर्जलित करते हैं। उच्च प्रोटीन, मसालेदार और तैलीय भोजन खाने से बचें, बासी खाना न खाएं। बिना हाथ धोए अपनी आंखों, नाक और मुंह को न छुएं। जो लोग बीमार हैं उनके साथ नजदीकी संपर्क से बचें। बीमार होने पर बाहर धूप में न जाएं, घर पर रहें।
नियोक्ता और श्रमिक क्या करें -कार्यस्थल पर स्वच्छ और ठंडा पेयजल प्रदान करें। श्रमिकों को सीधे धूप से बचने के लिए सावधानी बरतें। यदि उन्हें खुले में काम करना पड़ता है । जैसे कि (कृषि मजदूर, मनरेगा मजदूर, आदि) तो सुनिश्चित करें कि वे हर समय अपना सिर और चेहरा ढके रहें। दिन के समय निर्धारित समय सारणी निश्चित करे। खुले में काम करने के लिए विश्राम की अवधि और सीमा बढ़ाएं। गर्भवती महिलाओं या कामगारों की चिकित्सीय स्थिति पर विशेष ध्यान दें। सभी कार्यकर्ता चेहरे को ढककर रखे, एक-दूसरों से 1 से 1.5 मीटर की शारीरिक दूरी बनाए रखें और हाथ की सफाई का अभ्यास करवाए। बार-बार हाथ धोने के लिए साबुन और पानी दें। अपने हाथों को धोए बिना चेहरे को छूने से पहले सावधानी बरतने के निर्देश दें। दोपहर, रात के खाने के समय इस तरह से प्रावधान करें कि दो व्यक्तियों के बीच 1 से 1.5 मीटर की दूरी हो। स्वच्छता कर्मचारियों को अपने हाथों को ढंकना चाहिए। मास्क और दस्ताने पहनना चाहिए। दस्ताने पहनने के बाद मास्क को नहीं छूना चाहिए। उन्हें अपने हाथों को अच्छी तरह और बार-बार धोना चाहिए। हमेशा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। यदि कोई बीमार है तो उसे ड्यूटी पर्यवेक्षक को सूचित किया जाना चाहिए।
क्या ना करें - कार्यस्थल पर, धूम्रपान या तंबाकू न ही थूके और न ही चबाएं। एक-दूसरे से हाथ न मिलाएं या एक-दूसरों को गले न लगाएं। अपने चेहरे को विशेष रूप से आँखों, नाक और मुंह को न छुएं। जो लोग बीमार हैं उनके निकट संपर्क से बचें। बीमार होने पर काम पर न जाएँ रू घर पर ही रहें।
पुलिस/यातायात पुलिस कार्मिकः- दिन में ड्यूटी पर रहते हुए ठण्ड वाली जैकेट पहनें। अपने से कुछ दूरी पर लोगों/वाहनों को रोकें। आपके द्वारा जांचे जा रहे दस्तावेजों को न छुएं। जहां तक संभव हो किसी भी सतह को छूने से बचें। जहां तक संभव हो, अपना हाथ नियमित और अच्छी तरह से धोएं। यदि साबुन, पानी आसानी से उपलब्ध नहीं है तो हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें। अपने चेहरे को अनचाहे हाथों से न छुएं। हर समय फेस मास्क पहनें। उन्हें समय-समय पर बदलें और उपयोग किए गए मास्क को सुरक्षित रूप से फेकें। पर्याप्त पानी पीएं, जितनी बार संभव हो पानी पीएं, भले ही प्यास न लगी हो। सुरक्षात्मक साधनों का उपयोग करें - छाया में रहने का प्रयास करे, धूप का चश्मा और सनस्क्रीन का प्रयोग करे। जहां तक संभव हो युवा कर्मियों को दिन में यातायात ड्यूटी पर रखा जाना चाहिए। जब आप काम के बाद घर जाते हैं, तो स्नान करें और अपने इस्तेमाल किए कपड़ो को अच्छी तरह से धोएं।
वरिष्ठ नागरिकः-जितना हो सके घर के अंदर रहें। पार्क, बाजारों और धार्मिक स्थानों जैसे भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर न जाएँ। अपने घर को ठंडा रखें, पर्दे और पंखे या कूलर का उपयोग करें। नियमित रूप से हाथ धोने से, खासकर भोजन करने से पहले स्वच्छता बनाए रखें। यदि आप बीमार महसूस करते हैं और निम्न में से किसी एक का अनुभव करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर को बुलाएँ - उच्च शरीर का तापमान, शरीर में दर्द लगे। सिरदर्द, चक्कर आना, मतली या भटकाव लगना। सांस की तकलीफ होना। असामान्य रूप से भूख लगना। यदि आप एक वरिष्ठ नागरिक की देखरेख कर रहे है- नियमित रूप से हाथ धोने में उनकी मदद करें। समय पर भोजन और पानी का सेवन सुनिश्चित करें। उनके पास जाते समय अपनी नाक और मुंह ढकने के लिए फेस कवर का इस्तेमाल करे। यदि आप बुखार, खाँसी, साँस लेने जैसे चीजों से पीड़ित हैं, तो आपको वरिष्ठ नागरिक के पास नहीं जाना चाहिए। उस दौरान किसी और को उनके पास जाने के लिए कहे वो भी पूरी सावधानी के साथ। -
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बेमेतरा : बेमेतरा जिले मे कुछ शर्तों के साथ 25 मई से अनलाॅक घोषित किया गया है। दुकानों के संचालन का समय प्रातः 06 बजे से शाम 06 बजे तक निर्धारित है। इसके बावजूद भी कुछ व्यवसायी शाम 06 बजे के बाद भी दुकान का संचालन कर नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। उनके विरुद्ध जिला प्रशासन द्वारा वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। अपर कलेक्टर श्री एस. के. दीवान ने बताया कि जिले मे अनलाॅक घोषित होने से अब अन्य राज्यों/जिलों मे जाने हेतु ई-पास व अंतर्राज्यीय पास की आवश्यकता नही होगी।
25 मई 2021 से राज्य शासन द्वारा कंटेनमेंट जोन समाप्त करने के संबंध मे निर्देश प्राप्त होने पर अब ई-पास तथा अंतर्राज्यीय पास जारी करने की कार्यवाही समाप्त हो गई है। शासकीय कार्यालय भी प्रातः 10ः30 बजे से सायं 05ः30 बजे तक अब पूर्व की भांति संचालित होंगे और अधिकारियों/कर्मचारियों की उपस्थिति शत-प्रतिशत रहेगी, यह देखने मे आ रहा है कि जिले के कुछ विभाग नियमित रुप से कार्यालय संचालित नही कर रहे हैं, यह स्थिति ठीक नही है। अपर कलेक्टर ने कहा कि कोविड गाइडलाइन के पालन के साथ ही कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर नियमों का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा। जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग,मास्क की अनिवार्यता एवं साबुन से हाथ धोना,सेनेटाइजर का सतत उपयोग शामिल है। -
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बेमेतरा : जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति बेमेतरा द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-21 मे ऋण वितरण करने हेतु राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम की विभिन्न योजनाओं मे केवल अनुसूचित जनजाति के युवकों से कृषि/उद्योग/सेवा/परिवहन क्षेत्रों के संभावित व्यवसायों हेतु ऋण दिया जायेगा। इस हेतु इच्छुक आवेदकों से 10 जून 2021 शाम 05 बजे तक आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये हैं। कृषि अन्तर्गत योजनाओं मे ट्रेक्टर ट्राली योजना, डेयरी योजना, मछली पालन, बकरी पालन, वर्मी कम्पोष्ट, पोल्ट्री, स्व सहायता समूह (माइक्रों क्रेडिट योजना, मसाला, मछली पालन, पोल्ट्री, राइश मिल, दाल मिल) आदि शामिल हैं।उद्योग अन्तर्गत योजना मे टर्म लोन योजना (फेब्रिकेशन, बैकरी सीमेंट पोल एवं गमला ब्रिक्स) आदि। परिवहन अन्तर्गत गुड्स कैरियर योजना, पैसंेजर व्हीकल योजना आदि। सेवा अन्तर्गत टर्म लोन योजना मे किराना, ब्यूटी पार्लर, कम्प्यूटर सेन्टर, कोचिंग, फोटो कापी, स्टेशनरी, कपड़ा, स्व सहायता समूह (माईक्रो क्रेडिट योजना) कैटरिंग, दोना, पत्तल, मसाला व्यवसाय, बेकरी, आदिवासी महिला सशक्तिकरण (ब्यूटी पार्लर, टेलरिंग, जनरल स्टोर) आदि योजना संबंधित आवेदन पत्र कलेक्टोरेट कार्यालय जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति बेमेतरा कक्ष क्रमांक 82 से निःशुल्क प्राप्त और जमा किया जा सकता है। जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति के कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के लिए यह योजना जिले मे संचालित किया है। -
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बेमेतरा : बेमेतरा जिले में परियोजना बेरला अन्तर्गत 7 सेक्टरों हेतु रेडी टू ईट खाद्य सामग्री के प्रदाय हेतु स्थानीय महिला स्व सहायता समूहों से 15 अप्रैल 2021 को शाम 04ः00 बजे तक नवीन आवेदन आमंत्रित किये गये थे। चूंकि कोविड-19 प्रभावी होने के कारण 09 अप्रैल 2021 से जिले में सम्पूर्ण लाॅकडाऊन था जिसके कारण आवेदन पत्र प्राप्त नहीं किया जा सका।
जिला कार्यक्रम अधिकारी (म.बा.वि.) ने बताया कि उक्त 7 सेक्टरों हेतु पुनः आवेदन पत्र 10 जून 2021 तक आमंत्रित किया जाता है। पूर्व में प्राप्त आवेदन वर्तमान में मान्य रहेगा। उन्हे दोबारा आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी। नियम एवं शर्तें पूर्ववत रहेंगी। -
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मनरेगा कार्य स्थल पर ग्रामीणों को कोरोना से बचाव की दी जा रही है जानकारी
बेमेतरा : महात्मा गाँधी नरेगा अंतर्गत जिला बेमेतरा में ग्रामीण मजदूरो को रोजगार प्रदाय करने की पहल कर दी गयी है। गांव में ही रोजगार प्राप्त होने से ग्रामीण लोगों में ना केवल हर्ष व्याप्त है बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ हो रहा है, साथ ही कोरोना की इस दूसरी लहर में आम जनो को बचाने के लिए प्रशासन द्वारा लगाये गये लॉकडाउन उपरांत ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने का प्रयास जारी है चूँकि कोरोना महामारी से पूरा विश्व वर्तमान में प्रभावित है। बेमेतरा जिला एवं छत्तीसगढ़ राज्य भी वर्तमान में इस महामारी के प्रकोप से अछूता नहीं है। जिला कलेक्टर श्री शिव अनंत तायल एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बेमेतरा श्रीमती रीता यादव की अगुवाई में जिला प्रशासन द्वारा जिले में लॉकडाउन लगाया जा कर कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने में काफी हद तक सफलता प्राप्त हुई है। साथ ही कोरोना महामारी से लड़ने के लिए जिलाधीश द्वारा कार्य स्थलों में ही कोरोना जाँच का कार्य कराया जा रहा है एवं टीकाकरण हेतु पंजीयन आदि की कार्यवाही की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग बेमेतरा एवं जनपद पंचायत बेमेतरा के आपसी समन्वय से ग्राम पंचायत पंडरभठ्ठा एवं बिलाई में सफलतापूर्वक कोरोना जाँच का कार्य पूर्ण कराया गया है। ग्रामीण स्तर पर सम्भावित लक्षणों वाले व्यक्तियों को आवश्यक दवाईया मुहैया करायी जा रही है, साथ ही शासन द्वारा प्राप्त निर्देशानुसार अधिक से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन करने का प्रयास भी किया जा रहा है।
जिला कलेक्टर श्री शिव अनंत तायल के निर्देशानुसार सभी ग्राम पंचायतो में महात्मा गाँधी नरेगा अंतर्गत रोजगार मूलक कार्य चलाये जा रहे है। इस महामारी में आम जनों को हो रही आर्थिक समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए ग्रामीण परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए श्रीमती रीता यादव मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बेमेतरा के मार्गदर्शन में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत गांव-गांव में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कार्य प्रारंभ किए जा रहे हैं। वर्तमान में जिले में लगभग 65 हजार श्रमिक कार्यरत हैं जिनको महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत निजी डबरी, नाली निर्माण, तालाब गहरीकरण, तालाब निर्माण, भूमि सुधार, नाला सफाई आदि कार्यों में नियोजित कर रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बेमेतरा श्री रवि कुमार एवं श्री संदीप वारे कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा द्वारा श्रमिकों को पंचसुत्र (घर से बाहर निकलते समय और कम के दौरान मुह एवं नाक को साफ मास्क से ढककर रखे, कार्य स्थल पर दो गज दुरी बनाये, साबुन से बार बार हाथ धोते रहे, पौष्टिक आहार लेवे एवं गर्म पानी पिये, किसी प्रकार के लक्षण आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाँच करावे) का पालन करने की समझाईस दी गयी। मनरेगा कार्य स्थल पर ही ग्रामीणों को कोरोना वायरस से बचाव एवं अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है एवं किसी प्रकार के अफवाह में ना आने समझाई दी जा रही है। साथ ही आगामी वर्षा ऋतु को दृष्टिगत रखते हुए वर्षा जल को यथासंभव रोकने हेतु प्रयास किए जाने के लिए ग्रामीणों को उत्साहित किया गया जिससे भूमिगत जल में वृद्धि हो सके।
महात्मा गाँधी नरेगा अंतर्गत जनपद पंचायत बेमेतरा के ग्राम पंचायत पंडरभठ्ठा, झालम, बिलाई, खंड्सरा, अमोरा इत्यादि में चल रहे कार्यो के साथ साथ कोरोना जांच शिविर का आयोजन किया गया। कार्यों के निरीक्षण के दौरान संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव रोजगार सहायक एवं अन्य लोग उपस्थित रहे। -
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लॉकडाउन में थोड़ी छूट से बाजारों एवं बैंकों में उमड़ी भीड़, प्रशासन चिंतित
बेमेतरा : लॉकडाउन में थोड़ी छूट से बाजारों एवं बैंकों में उमड़ी भीड़ से प्रशासन चिंतित है। इस पर कलेक्टर श्री शिव अनंत तायल ने अप्रसन्नत जाहिर करते हुए सभी जिला वासियों से आग्रह किया है कि आप सभी कोविड के गाइडलाइन का अनिवार्य रूप से पालन करें नही तो और भी भयावह स्थिति निर्मित होंगी। उन्होंने दो टूक कहा अगर ऐसी ही स्थिती बनी रहीं और हम अपनें स्वभाव में परिवर्तन ना करें तो तीसरी लहर आने में जरा भी देर नही लगेगीं।जैसा कि चिकित्सा विशेषज्ञों ने तीसरी लहर की आशंका जाहिर की है इन आशंकाओं के बीच में इस तरह लापरवाही निश्चित ही हम सब पर भारी पड़ेगी और इसका खमियाजा पूरे समाज को ही भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में देखा गया है कि लोग अनावश्यक रूप से बाजारों में भीड़ कर रहें है। सोशल डिस्टनेसिंग का पालन नही कर रहे है ,जिससे ना केवल कोविड गाइडलाइन का उल्लंघन बल्कि हम संक्रमण को बढ़ाने में मदद कर रहें हैं। संक्रमण के विस्तार को रोकना केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नही है बल्कि प्रत्येक व्यक्ति का भी यह कर्तव्य है कि अपनें एवं पूरे समाज के लिए इन नियमों का पालन करें। आप सब के सहयोग एवं लगभग महीनें भर से ऊपर लॉक डाउन से जिलें में संक्रमण की दर में बड़ी मुश्किल से कमी आयी है।
जिसे यथासंभव हमें बनाये रखना है। इसके लिए आप सब का सहयोग अति आवश्यक है। आज की स्थिति में जो संक्रमण दर अप्रैल माह में लगभग 46 प्रतिशत था अब वह घटकर महज 4 प्रतिशत रह गया है। इसका यह मतलब नही है कि अब कोरोना नही होगा। अगर हमारे बीच कोई एक भी संक्रमित व्यक्ति रहेगा तो उसे एक से 100 बनने में देर नही लगती है। इसके लिए हमें कोविड गाइडलाइन के पालन के साथ ही कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर नियमों का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा। जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग,मास्क की अनिवार्यता एवं साबुन से हाथ धोना,सेनेटाइजर का सतत उपयोग शामिल है। सभी व्यपारियों बंधुओं से भी आग्रह हैं कि आप अपनें दुकानों में भी अनिवार्य रूप से इन नियमों का पालन करें एवं ग्राहकों को भी प्रेरित करें।
बच्चों, बुजुर्गों एवं महिलाओं को खतरा अधिक-श्री तायल ने कहा कोरोना से बच्चों, बुजुर्गों एवं गर्भवती महिलाओं को खतरा अधिक है। आप सभी लोग घर मे अति आवश्यक काम हो तो ही बाहर निकलें। घर के केवल एक युवा सदस्य ही बाहर निकले एवं वापस आकर अच्छे से हाथ धोकर सेनेटाइज कर के ही घर अंदर प्रवेश करें। किसी भी स्थिती में बच्चों, बुजुर्गों एवं गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर निकलनें ना दे।
टीकाकरण एवं टेस्टिंग अवश्य कराये-कलेक्टर ने कहा कि वर्तमान समय मे कोरोना एवं उसके दुष्प्रभाव से बचने के लिए टीकाकरण अवश्य कराएं। वैक्सीन ही एक मात्र रामबाण दवा है। टीकाकरण को लेकर उड़ाई जा रही किसी भी प्रकार के अपवाहों से दूर रहें। कोविड का टीका पूरी तरह से सुरक्षित है। किसी भी व्यक्ति मे लक्षण दिखने एवं किसी संक्रमित मरीज के सम्पर्क में आने पर टेस्टिंग अवश्य कराये । -
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बेमेतरा : प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में जिले की 102 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से कृषक सदस्यों को समितियों में भण्डारित रासायनिक खाद यूरिया, सुपर फास्फेट, डीएपी, इफ्को, पोटाश आदि का वितरण किया जा रहा है।
कलेक्टर श्री शिव अनंत तायल ने बताया कि इस वर्ष खाद के मूल्य में वृद्धि होने की वजह से सहकारी समितियों द्वारा कृषक सदस्यों को वृद्धि दर पर खाद का वितरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि खाद की वृद्धि दर में सब्सिडी (कमी) दिए जाने के संबंध में शासन से कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। उन्होंने कहा है कि शासन से आदेश मिलने पर सब्सिडी की राशि कृषक सदस्यों के ऋण खाता में समायोजित कर दी जाएगी। -
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बेमेतरा : छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ के महाप्रबंधक ने बताया कि राज्य के किसानों को अब डीएपी उर्वरक 1200 रूपए प्रति बोरी की दर पर प्रदाय की जाएगी । भारत सरकार द्वारा डीएपी उर्वरक पर 20 मई से सब्सिडी बढ़ाए जाने के कारण खाद की बढ़ी हुई कीमत में कमी आई है। ज्ञात रहे कि डीएपी उर्वरक निर्माता कंपनियों द्वारा खाद के दाम में एकाएक प्रति बोरी लगभग 900 रूपए की वृद्धि किए जाने के कारण इसका दाम 1200 रुपये प्रति बोरी से बढ़कर लगभग 1900 रुपये प्रति बोरी हो गया था, जो सरकार द्वारा सब्सिडी बढ़ाए जाने के कारण फिर से घटकर 1200 रूपए प्रति बोरी हो गया है ।
गौरतलब है कि खरीफ सीजन 2021 के लिए राज्य में डीएपी उर्वरक की आपूर्ति के लिए छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा आमंत्रित निविदा में निर्माता कंपनियों द्वारा प्रति बोरी डीएपी खाद की सप्लाई के लिए 1800 रुपए से लेकर 2026 रुपए की दर दी गई थी। राज्य स्तरीय उर्वरक क्रय समिति द्वारा राज्य में डीएपी उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु प्रदायकों से 1800 से लेकर 1950 रुपए एमआरपी प्रति बोरी की दर से डीएपी क्रय करने का निर्णय लिया गया था। छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ के महाप्रबंधक ने बताया कि 20 मई 2021 से पूर्व प्रदायकों द्वारा राज्य को 30,119 मेट्रिक टन डीएपी उर्वरक की आपूर्ति की गई थी। उर्वरक की उक्त मात्रा पर अतिरिक्त सब्सिडी के संबंध में भारत सरकार सेअभी दिशानिर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। सब्सिडी बढ़ाए जाने का निर्देश प्राप्त होते ही 20 मई से पूर्व प्रदायकों द्वारा प्रदाय की गई डीएपी उर्वरक की उक्त मात्रा पर भी 1200 रुपए प्रति बोरी की नवीन दर लागू की जाएगी। छत्तीसगढ़ राज्य में 20 मई के बाद प्रदायकों द्वारा प्रदाय की गई डीएपी उर्वरक की कीमत 1200 रुपए प्रति बोरी निर्धारित कर दी गई है और किसानों को 1200 रुपए प्रति बोरी में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। -
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बेमेतरा : कलेक्टर श्री शिव अनन्त तायल ने आज जिले के बेरला विकासखण्ड के अंतर्गत धान खरीदी केन्द्र कुसमी बेरला एवं खुडमुडा का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने धान के उठाव एवं इसकी सुरक्षा के निर्देश अधिकारियों को दिए। इस अवसर पर कृषि खाद्य एवं सहकारिता विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
ऐसे बच्चों को मिलेगी निःशुल्क स्कूली शिक्षा
बेमेतरा : कोरोनाकाल में कोविड संक्रमण के कारण अपने माता-पिता को खो देने वाले बच्चों के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने ऐसे बच्चों की भविष्य संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। कोरोना संक्रमित माता या पिता की मृत्यु हो जाने के कारण अनाथ हुए बच्चों की पूरी स्कूली शिक्षा का खर्च छत्तीसगढ़ सरकार उठायेगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की यह पहल बेसहारा बच्चों के लिए काफी लाभदायक और भविष्य निर्माण में सहायक सिद्ध होगी। राज्य शासन ने कोरोना से मृत व्यक्तियों के बेसहारा-अनाथ बच्चों को निःशुल्क स्कूली शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना-2021 लागू किया है। इस योजना अंतर्गत ऐसे बच्चे जिनके परिवार से कमाने वाले माता या पिता या दोनों की मृत्यु कोविड-19 के कारण हुई हो तथा उनके घर में कमाने वाले व्यस्क सदस्य न रहने के कारण भरण-पोषण की समस्या हो गई हो उनके बच्चों को स्कूली शिक्षा निःशुल्क मिलेगी, अनाथ हुए ऐसे बच्चों जो स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के लिए आयु संबंधी पात्रता रखता हो उनको कक्षा पहली से बारहवीं तक की स्कूली शिक्षा शासन द्वारा निःशुल्क प्रदान की जायेगी। ऐसे पात्र स्कूलों में प्रवेशित छात्रों को प्रतिमाह छात्रवृत्ति भी मिलेगी। कक्षा पहली से आठवीं तक प्रतिमाह पांच सौ रूपये तथा कक्षा नवमी से बारहवीं तक प्रतिमाह एक हजार रूपये की छात्रवृत्ति शासन द्वारा प्रदान की जायेगी।
छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना-2021 शैक्षणिक सत्र 2021-22 से लागू होगा। इस योजना अंतर्गत लाभार्थी को छत्तीसगढ़ का निवासी होना अनिवार्य होगा। पात्र बच्चों को प्रदेश के शासकीय स्कूलों में निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराई जायेगी। ऐसे पात्र बच्चों को राज्य शासन द्वारा संचालित स्वामी आत्मानंद अंगे्रजी माध्यम स्कूलों में प्रवेश की प्राथमिकता दी जायेगी। पात्र छात्रों को स्कूल शिक्षा के बाद भी उच्च शिक्षा के लिए शासन द्वारा प्रोत्साहन दिया जायेगा। प्रतिभावान छात्रों को व्यवसायिक पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए कोचिंग की भी सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए छात्र स्वयं या अभिभावक द्वारा अपने जिले के जिला शिक्षा अधिकारी को सीधे आवेदन कर सकते हैं। इस आशय की अधिसूचना स्कूल शिक्ष विभाग छ.ग. शासन द्वारा जारी कर दी गई है। -
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बेमेतरा : कलेक्टर श्री शिव अनंत तायल के मार्गदर्शन में जिले में कोविड-19 टीकाकरण कार्य वृहद पैमाने में गाइडलाइन का पालन करते हुए किया जा रहा है। शहरी और ग्रामीण अंचलों में टीकाकरण के लिए बनाए गए टीकाकरण केंद्रों में निरंतर टीकाकरण का कार्य 16 जनवरी से किया जा रहा है। जिले मे अब तक एक लाख 28 हजार 433 लोगों को वैक्सीन का प्रथम एवं द्वितीय डोज लगाया जा चुका है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सतीश कुमार शर्मा ने बताया कि 26 मई 2021 तक हेल्थ केयर वर्कर (एचसीउब्ल्यू) और फ्रंट लाईन वर्कर (एफएलडब्ल्यू) को प्रथम डोज 8357 व दूसरा डोज 7146 लगाया जा चुका है। जिले में 45 एवं 60 वर्ष से अधिक उम्र के 87 हजार 784 व्यक्तियों को वैक्सीन का प्रथम खुराक तथा वैक्सीन की दूसरी खुराक 9 हजार 534 लोगों को लगाया जा चुका है। इसी प्रकार 18 वर्ष से 44 वर्ष के 16 हजार 63 व्यक्तियों को प्रथम खुराक लगाया जा चुका है। टीकाकरण के प्रति युवाओं मे विशेष उत्साह देखा जा रहा है। डॉ शर्मा ने जिले वासियों से निर्धारित समय अवधि में वैक्सीनेशन करवाने एवं कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील की गई है।
सीएमएचओ डाॅ. शर्मा ने लोगों से अपील की है कि सोशल डिस्टेंस का पालन करें। भीड़-भाड़ वाले स्थानों मे न जायें, दो गज की दूरी मास्क है जरुरी नियम का पालन करें। समय-समय पर साबून से हाथ धोते रहें, सनेटाईसर का उपयोग करें। ताकि कोरोना का संक्रमण एवं फैलाव को रोका जा सके। डाॅ. शर्मा ने कहा कि कोरोना से बचने के लिए हमें और अधिक ऐहतियात बरतने की जरुरत है। लोग यह न समझें कि कोरोना टीका लगने के बाद हम सुरक्षित हैं बल्कि टीका के बाद हमें और अधिक सावधानी बरतने की जरुरत है। -
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मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने जिला प्रशासन के प्रयासों को सराहा
बेमेतरा : राज्य के बेमेतरा जिले में बेहतर प्रबंधन के चलते कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का प्रकोप काफी हद तक थम गया है। जिला मुख्यालय से लेकर ब्लॉक मुख्यालयों में कोरोना मरीजों के इलाज की व्यवस्था के चलते कोविड मरीजों को बेहतर सुविधा मिली है। जिले के संक्रमण दर में काफी कमी आने के साथ ही रिकवरी रेट लगभग 98.5 प्रतिशत है। जिले के लगभग 55 फीसद आबादी को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए टीकाकरण किया जा चुका है। कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम, संक्रमितों के इलाज एवं जरूरतमंदों की मदद के लिए जिला प्रशासन के प्रभावी प्रबंधन की सराहना की है।
उन्होंने कहा है कि जिले के अधिकारियों-कर्मचारियों ने इस महामारी की रोकथाम के लिए बड़ी मेहनत की है। संक्रमण रोकने की कामयाबी का श्रेय जिला प्रशासन को जाता है। उन्होंने जिले के ब्लॉक मुख्यालय साजा, थान-खम्हरिया, बेरला, नवागढ़ एवं बेमेतरा में कोविड मरीजों के इलाज के लिए डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल की स्थापना, ऑक्सीजन युक्त बिस्तर की व्यवस्था और आवश्यक उपकरण एवं दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था को सराहा और कहा कि सभी लोगों ने संकटकाल में मरीजों एवं जरूरतमंदों की खूब सेवा की है।
बेमेतरा जिले की आबादी लगभग 10 लाख है। यह जिला शिवनाथ नदी के आंचल में बसा एक कृषि प्रधान जिला है। जिले में कुल 699 गांव हैं। जिले में 150 स्वास्थ्य केन्द्र संचालित है। जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं संक्रमित मरीजों की पहचान एवं उपचार में स्वास्थ्य विभाग के जिला स्तरीय अमले के साथ-साथ ग्रामीण अंचल में पदस्थ स्वास्थ्य कार्यकर्ता, मितानिन सहित अन्य विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों ने अग्रणी भूमिका निभाई है। बेमेतरा छत्तीसगढ़ राज्य का एक ऐसा जिला है जिसके ब्लॉक मुख्यालयों में भी कोरोना मरीजों के इलाज के लिए डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में ऑक्सीजन युक्त बेड, कंसन्ट्रेटर सहित आवश्यक उपकरण की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है, ताकि ग्रामीण अंचल के लोगों को इलाज के लिए जिला मुख्यालय या अन्य शहरों में न जाना पड़े। जिले के सभी सामुदायिक केन्द्रों, स्वास्थ्य केन्द्रों एवं अन्य शासकीय भवनों में स्थापित कोविड केयर हॉस्पिटल में 620 बिस्तर तथा जिला मुख्यालय स्थित कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल में 320 ऑक्सीजन युक्त बेड की सुविधा उपलब्ध है। भर्ती मरीजों को पौष्टिक भोजन के साथ-साथ 24 घंटे एम्बुलेंस एवं निःशुल्क उपचार की सुविधा उपलबध है।
जिला प्रशासन बेमेतरा द्वारा कोविड के संबंध में जनसामान्य को जानकारी उपलब्ध कराने के लिए बीटको पोर्टल एवं मोबाइल एप्प संचालित है। जिले के समस्त फ्रंटलाइन वर्कर को कोरोना टीका की दोनों डोज लगाई जा चुकी है। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जिले में लक्षण वाले मरीजों की पहचान कर उन्हें कोरोना दवा किट उपलब्ध कराने के साथ ही उन्हें होम आइसोलेशन में रहने की समझाईश दी गई। कलेक्टर श्री शिव अनंत तायल ने बताया कि बेमेतरा जिले में प्रतिदिन एक हजार सेम्पल की टेस्टिंग की जा रही है। अब तक एक लाख 90 हजार कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं। पॉजिटिव पाए गए 18 हजार लोगों में से 16 हजार लोग उपचार के बाद स्वस्थ हो चुके हैं। जिले का रिकवरी रेट 98.5 प्रतिशत है। टीकाकरण के लिए गांव-गांव में कैम्प लगाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जनप्रतिनिधियों, समाजसेवी संस्थाओं एवं दान दाताओं की मदद से प्रवासी श्रमिकों के परिवहन एवं भोजन की व्यवस्था के साथ-साथ कोविड उपचार के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई है।


























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