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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर :राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर, संस्था अवाम ए हिन्द सोशल वेलफेयर कमेटी ने बालिकाओं को शिक्षा पाठ्य सामग्री हेतु राशि, गर्म कपड़े प्रदान कर किया प्रोत्साहितराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर, समाजसेवी संस्था अवाम ए हिन्द सोशल वेलफेयर कमेटी द्वारा आज दिनांक 24 जनवरी 2022 को संस्था रामनगर कार्यालय में गरीब बालिकाओं को शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षा एवं पाठ्य सामग्री हेतु राशि प्रदान कर तथा गर्म कपड़े, स्वेटर वितरित कर प्रोत्साहित किया गया।संस्थापक, मो. सज्जाद खान ने बताया कि इस दिन को मनाने का उद्देश्य देश में बालिकाओं के साथ होने वाले भेदभाव के प्रति लोगों को जागरुक करना है। समाज में व्यापक अत्यधिक ग़रीबी के खिलाफ सामाजिक बुराई जैसे दहेज प्रथा जन्म दिया है जिसने महिलाओं की स्थिति को बद से बदतर (बहुत बुरा) बना दिया है। आमतौर पर माता-पिता सोचते है की लड़कियाँ केवल रुपये खर्च कराती है जिसके कारण वो लड़कियों को बहुत से तरीकों (कन्या भ्रूण हत्या, दहेज के लिये हत्या) जन्म से पहले या बाद में मार देते है, कन्याओं या महिलाओं को बचाने के लिये ये मुद्दे समाज से बहुत शीघ्र खत्म करने की आवश्यकता है।समाजिक लोगों के बीच उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिये और समाज में लड़कियों की स्थिति को बढ़ावा देने के लिये इसे मनाया जाता है। ये बहुत जरुरी है कि विभिन्न प्रकार के समाजिक भेदभाव और शोषण को समाज से पूरी तरह से हटाया जाये जिसका हर रोज लड़कियाँ अपने जीवन में सामना करती हैं। समाज में लड़कियों के अधिकारों की जरुरत के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिये एक समान शिक्षा और मौलिक आजादी के बारे में विभिन्न राजनीतिक और समुदायिक नेता जनता में भाषण देते हैं।इस कार्यक्रम में संस्थापक, श्री मोहम्मद सज्ज़ाद खान के साथ पं. अनिल शुक्ल, अरहम खान, योगेश्वर सिन्हा, फराज खान एवं अन्य सदस्य उपस्थित रहे। -
गन्ने और मक्के से एथेनॉल बनाने के लिए एथेनॉल प्लांट की स्थापना के कार्य में लाएं तेजी
सभी जिलों के आंगनबाड़ी केन्द्रों में महिलाओं और बच्चों को दिया जाएगा गर्म भोजन
प्रदेश में राशनकार्ड बनाने के लिए चलाया जाए अभियान
जल संसाधन विभाग में होगी 400 सब इंजीनियर्स की भर्ती
कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए शिक्षक पात्रता परीक्षा और व्यापम की परीक्षाएं 50 प्रतिशत बैठक क्षमता के साथ आयोजित की जाएं
कोविड-19 के कारण प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों पर कोई रोक नहीं
ओव्हरलोडिंग वाले वाहनों पर की जाए कार्रवाई
मुख्यमंत्री सुपोषण योजना से प्रदेश में कुपोषण की दर घटकर हुई 31.3 प्रतिशत
श्री धन्वन्तरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना से प्रदेशवासियों को हुई लगभग 5 करोड़ रूपए की बचत
छत्तीसगढ़ से अरवा चावल ही खरीदने के भारत सरकार के फैसले के परिप्रेक्ष्य में मुख्यमंत्री ने अरवा किस्मों को प्रोत्साहित करने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में फसल विविधिकरण को प्रोत्साहित करने के लिए विकासखण्ड स्तर पर कार्यशाला आयोजित कर किसानों को इसके लिए जागरूक करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न जिलों में जमीन की गुणवत्ता के अनुसार अधिक लाभ देने वाली फसलों को प्रोत्साहित किया जाए। इसके साथ ही साथ कृषि विभाग के मैदानी अमले के अधिकारी-कर्मचारी किसानों से सम्पर्क कर उन्हंे अधिक लाभ देने वाली फसलें लेने के लिए प्रोत्साहित करें। मुख्यमंत्री ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में राज्य सरकार की प्रमुख योजनाआंे की समीक्षा के दौरान ये निर्देश दिए। बैठक में कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू सहित विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिव, सचिव एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में कहा कि भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ से अरवा चावल ही खरीदने को कहा है। इसलिए उसना की सप्लाई कम की जाए और अरवा किस्मों को प्रोत्साहित किया जाए, इसके लिए किसानों के बीच प्रचार-प्रसार के साथ हाईब्रिड धान बीज विक्रेताओं की बैठक भी आयोजित की जाए। उन्होंने गन्ने और मक्के से एथेनॉल बनाने के लिए एथेनॉल प्लांट की स्थापना के कार्य में तेजी लाने, प्रदेश में राशनकार्ड बनाने के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए। श्री बघेल ने कहा कि कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए शिक्षक पात्रता परीक्षा और व्यापम की परीक्षाएं 50 प्रतिशत बैठक क्षमता के साथ आयोजित की जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड की तीसरी लहर से डरने की नहीं सतर्क रहने की आवश्यकता है। कोविड-19 के कारण प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। उन्होंने लोगों से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने का आग्रह किया है। बैठक में श्री बघेल ने ओव्हरलोडिंग वाले वाहनों पर कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए। बैठक में जानकारी दी गई कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से प्रदेश में कुपोषण की दर 6.4 प्रतिशत घटकर 31.3 प्रतिशत हो गई है। वर्ष 2015-16 में कुपोषण की दर प्रदेश में 37.7 प्रतिशत थी। बैठक में यह भी बताया कि श्री धन्वन्तरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना से प्रदेशवासियों को लगभग अब तक 5 करोड़ रूपए की बचत हुई है। बैठक में जल संसाधन विभाग में 400 सब-इंजीनियरों की भर्ती का निर्णय भी लिया गया।मुख्यमंत्री ने फसल विविधिकरण के संबंध में कहा कि कोदो, कुटकी, अरहर, बस्तर मंे सरसों, जशपुर में बागवानी फसलों तथा मैदानी इलाकों में दूसरी फसल लेने के लिए किसानों को प्रेरित करें। बेमेतरा जिले में गन्ना, बलरामपुर, बस्तर, जांजगीर, महासमुंद और धमतरी जिले में मक्के के उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि गन्ना और मक्के से एथेनॉल तैयार करने के लिए एथेनॉल प्लांट स्थापित करने के तेजी से प्रयास किए जाएं। इससे मक्का और गन्ने की खेती करने वाले किसानों को उनकी उपज का अच्छा मूल्य मिलेगा। उन्होंने अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि किसान जो फसल लेते हैं, उनका उन्हें अच्छा मूल्य मिले। श्री बघेल ने बेमेतरा और राजनांदगांव के गंडई क्षेत्र में कोदो की समर्थन मूल्य पर खरीदी प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं। श्री बघेल ने जलवायु और भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखकर चाय और काफी की खेती को प्रोत्साहित करने के निर्देश भी दिए।राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत धान के बदले अन्य फसलों के लिए किसानों द्वारा कराए गए पंजीयन की समीक्षा के दौरान जानकारी दी गई कि किसानों ने लगभग 14 हजार 864 हेक्टेयर में धान के बदले सुगंधित धान, गन्ना, तुअर, फोर्टिफाईड धान, मक्का, कोदो, उड़द, अन्य दलहन, केला और सोयाबीन की फसल लेने के लिए पंजीयन कराया है। इस योजना में कवर्धा जिले ने सबसे बेहतर प्रदर्शन किया है। मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना की समीक्षा के दौरान बताया गया कि इस वर्ष इस योजना के तहत वन विभाग द्वारा किसानों को सवा करोड़ पौधे निःशुल्क वितरित किए जाएंगे। इस योजना के तहत 987 क्षेत्रों के 2254 एकड़ रकबे में 5 लाख 30 हजार से अधिक पौधे लगाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने इस योजना से अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने के लिए किसानों से जिन फलदार वृक्षों के लिए मांग आ रही है, उसे ध्यान में रखकर फरवरी माह से तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा वृक्षारोपण करने वाले किसानों को तीन वर्ष तक 10 हजार रूपए प्रति एकड़ के मान से इनपुट सब्सिडी दी जाएगी। इस योजना का लाभ अधिक से अधिक किसानों को मिले।मुख्यमंत्री ने महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि सभी जिलों में गर्भवती महिलाओं, एनीमिक महिलाओं और शिशुवती महिलाओं तथा बच्चों को गर्म भोजन देना अनिवार्य किया जाए। बैठक में जानकारी दी गई कि मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के चलते प्रदेश में कुपोषण की दर 6.4 प्रतिशत कम होकर 31.3 प्रतिशत हो गई है। वर्ष 2015-16 में कुपोषण की दर 37.7 प्रतिशत थी। मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना के अंतर्गत विभिन्न हाट बाजारों में 14 लाख 86 हजार से अधिक लोगों का निःशुल्क उपचार किया गया है। इस योजना की मॉनिटरिंग के लिए वेबपोर्टल तैयार किया गया है। श्री धन्वन्तरी जेनेरिक मेडिकल योजना की समीक्षा के दौरान बताया गया कि इस योजना के तहत नगरीय निकायों में 105 दुकानें प्रारंभ की गई है। इस योजना के शुरू होने से अब तक नागरिकों को लगभग 5 करोड़ रूपए की बचत हुई है। -
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सम्रग शिक्षा अभियान रायपुर छत्तीसगढ़ के द्वारा संचालित व्यावसायिक पाठ्यक्रम में ट्रेनिंग पार्टनर इंडस एडुट्रैंन के द्वारा वर्तमान स्थिति के अनुसार विद्याथियों में कौशल विकास को निखारने हेतु विभिन्न गतिविधियों का 5 दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया।



जिसमें छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के 229 विद्यालयो के विद्यार्थियों द्वारा क्विज़ कॉम्पिटिशन,ड्रॉइंग एंड हैंडीक्राफ्ट, टैलेंट हंट (सिंगिंग, डांसिंग), कुकिंग कॉम्पिटिशन, डिबेट कॉम्पिटिशन में डिजिटली जुड़कर बच्चों ने अलग अलग गतिविधियों में अपने हुनर दिखाकर राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में अपनी जगह बनाई।
क्विज कॉम्पिटिशन में शासकीय कन्या उच्च.माध्यमिक विद्यालय पाटन दुर्ग की मीडिया एंड इंटरटेनमेंट की रुचि वर्मा ने राज्यस्तर में प्रथम स्थान प्राप्त किया एवं आकांक्षा वर्मा ने डिबेट प्रतियोगिता में तृतीय स्थान प्राप्त किया।
इस प्रतियोगिता में अलग अलग विद्यालयो के बच्चों के द्वारा बढ़ चढ़कर उत्साह पूर्वक भाग लिया गया जिसमें विभिन्न प्रतियोगिताओ में सुखमत यादव,दिव्या वर्मा,रिया दास,क्रिस टंडन,मौली शर्मा,मनु सिन्हा, फलिता बघेल,अल्फा फ़िजा,रेशमी सेन,दीपिका,ललित यादव,फुलेश्वर,कविता साहू,वैभव, प्राची एवं अन्य विद्याथियों ने राज्य में प्रथम,द्वितीय,तृतीय स्थान प्राप्त किया।

इस डिजिटल मानसून स्किल कैम्प का आयोजन सम्रग शिक्षा (Rmsa) के श्री.अजय देशपांडे (अस्सिस्टेंट डायरेक्टर) के मार्गदर्शन में इंडस एडुट्रैंन ट्रेनिंग पार्टनर के श्री. विशेष सैनी (वॉइस प्रेसिडेंट) इंडस एडुट्रैंन श्री.अमन सिंह (मैनेजर),श्री आँचल मिश्रा (अस्सिस्टेंट मैनेजर) श्री.हमाद सर, श्री. अनिल मेश्राम एवं श्री क्रांति दीक्षित (स्टेट कोऑर्डिनेटर छस्तीसगढ़, इंडस एडुट्रैंन) के द्वारा कराया गया। जिससे बच्चों में काफी उत्साह देखने को मिला।


दिया माली कच्छावा -
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रायपुर : कारगिल विजय दिवस के एक दिन पूर्व छत्तीसगढ़ हेल्प वेलफेयर सोसाइटी द्वारा सैनिक के सम्मान में एक पैगाम सैनिको के नाम कार्यकम का आयोजन किया गया रायपुर के बुढातालाब में आयोजित इस कार्यकम में देश के सैनिको के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए उन्हें पत्र प्रेषित किया गया है।
राजधानी के बुढातालाब उद्यान में सैर के लिए आये लोगो से छत्तीसगढ़ हेल्प हेल्प वेलफेयर सोसाइटी के कार्यकताओं ने आग्रह किया लगभग 250 लोगो ने सैनिको के नाम पत्र लिखा। कार्यकम में आये बच्चो का विशेष उत्साह हाथ और चेहरे में तिरंगा बनवाने का था व्ही दूसरी और यूवाओ की रूचि सेल्फी विथ सोल्जर में थी।
कार्यकम में अथिति के रूप में रायपुर दक्षिण के कांग्रेस नेता श्री कनहैयालाल अग्रवाल जी ओर कृषि विभाग के ऐडिओ श्री बी. एल. भगत जी उपस्थित थे ।
साथ ही संस्था के सदस्य नरेंद्र मिश्रा, गणेश यादव, इंद्रजीत पटेल, यशी चोहान, डॉ. दीपशिखा, दीपेश मौर्य, डॉ. अवंतिका,अजय राव,सुदीप्त डे, शुभांगी राहंगडाले, श्रेष्ठ राय,जुही सोनी, पीयूष जैन, वीरेंद्र पवार,दिलीप बिसेन एंम अन्य सभी कार्यकता उपस्थित थे ।दिया माली कच्छावा -
उरमापाल के कृषक भीमा की संवरी जिन्दगी
छत्तीसगढ़ में कृषि की नई तकनीक ने किसानों को समृद्धि की नई राह दिखाई है। प्रदेश के दूरस्थ जिला सुकमा जिले के उरमापाल के किसान भीमा को समृद्धि की इस नई राह को दिखाने में कृषि विभाग की आत्मा योजना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
सुकमा में छिन्दगढ़ विकासखण्ड के कृषकों द्वारा ही सबसे अधिक धान की खेती की जाती हैं। परन्तु अब इस क्षेत्र के किसान धान के अलावा भी अन्य फसल के माध्यम से अपनी आय में वृद्धि कर रहे हैं।भीमा मण्डावी जैसे युवाओं ने आधुनिक कृषि को अपनाकर न केवल स्वयं समृद्धि की राह पर कदम बढ़ाया है, बल्कि क्षेत्र के युवा कृषकों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत और मार्गदर्शक बन रहें हैं।
भीमा मण्डावी ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा संचालित एक्सटेंशन रिफॉर्म्स (आत्मा) योजनांतर्गत जिला स्तरीय प्रशिक्षण तथा विकासखण्ड स्तरीय प्रशिक्षण एवं शैक्षणिक भ्रमण के माध्यम से कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा कृषकों को आधुनिक तकनीक से अच्छी पैदावार लेने के तरीके सीखाए गए।
इसके साथ ही खेत में जैविक खाद के उपयोग से फसल उत्पादकता बढ़ाकर लाभ कमाने का प्रशिक्षण भी दिया गया। भीमा ने विकासखण्ड स्तरीय प्रशिक्षण में भाग लेकर आधुनिक खेती के बारे मे तकनीकी ज्ञान पाया और फिर अपने खेत पर उन तकनीक का प्रयोग करने लगे। वे अब आधुनिक कृषि का प्रशिक्षण लेने के साथ ही शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ भी उठा रहे हैं। इसका परिणाम यह हुआ कि खेती में अच्छी पैदावार से भीमा की आय लगभग दोगुनी हो गई।
भीमा अपने 2.5 एकड़ कृषि योग्य भूमि में 4 साल से साग भाजी की खेती करते हैं। उन्होंने बताया कि वे प्रति वर्ष बैंगन, भिंडी, टमाटर, बरबट्टी, लौकी, करेला आदि की फसल लेते हैं। पूर्व में खेती के लिए भीमा वर्षा पर निर्भर था। वर्षा आधारित खेती से वे थोड़ी बहुत सब्जियों का उत्पादन कर पाते थे जो केवल घर उपयोग मात्र ही होता था।
कड़ी मेहनत के बावजूद उन्हें आय में कोई लाभ नहीं मिल रहा था। वर्ष 2016 में क्रेडा विभाग के माध्यम से सौर सुजला योजना का लाभा मिला जिससे वर्षा पर उनकी निर्भरता खत्म हो गई और बड़ी आसानी से वह अपने खेत में लगे फसलों को आवश्यकतानुसार पानी उपलब्ध कराने लगे। सिंचाई में हुई इस सुविधा से भीमा अब साल में दो बार फसल का उत्पादन करने लगे हैं जिससे उन्हें अधिक आय प्राप्त होने लगी है।
उन्होंने कहा कि आत्मा योजना से उन्नत तकनीकी से खेती करने पर अन्य कृषक प्रभावित होकर इस नई तकनीक की ओर अग्रसर हो रहे हैं तथा कृषि कार्यों में पहले की अपेक्षा काफी सुधार होता जा रहा है। जिससे ग्राम उरमापाल के सभी किसान कृषि की बदलती परिस्थितियों को अपनाकर कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं का लाभ ले रहे हैं।
कृषक भीमा मण्डावी ने बताया कि गत वर्ष उन्होंने सब्जी बेचकर लगभग 90 हजार की शुद्ध आमदनी हुई थी जिसमें 15 हजार रूपए के बैंगन, 8 हजार रूपए की भिण्डी, 20 हजार रूपए बरबट्टी, 50 हजार रूपए की टमाटर की बिक्री हुई थी। इसके साथ ही केले की फसल से 1.5 लाख रूपए की शुद्ध आमदनी हुई थी।
इस वर्ष भी उन्होंने बैंगन, भिंडी, टमाटर, बरबट्टी, लौकी, करेला आदि की फसल ली है। जिसकी पैदावार शुरु हो चुकी है, अब तक उन्होंने 3 हजार की सब्जियाँ बेचकर की आमदनी की है। गतवर्ष की भाँति इस वर्ष भी अधिक आमदनी की उम्मीद है। नजदीकी गांव, स्थानीय बाजार से लेकर सुकमा तक उनके सब्जियों की मांग है, वहीं कई ग्राहक घर में ही आकर उनसे सब्जियां खरीदते हैं।
वे क्षेत्र के युवा कृषकों को भी अपने अनुभव साझा करते हुए उन्नत कृषि के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं साथ ही अपने कार्य को लगातार बेहतर करने की कोशिश कर रहे हैं।कृषक भीमा मण्डावी ने शासन प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार कृषकों के हित में कई योजनाएं क्रियान्वित कर रही हैं जिसका लाभ कृषकों को निश्चित तौर पर मिल रहा है। अब सुकमा के किसान भी धान और मक्का की फसल के अलावा भी अन्य फसलों की सफल खेती कर रहें हैं। जिससे उनकी आय में वृद्धि हो रही है और जीवनस्तर बेहतर हुआ है। -
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रायपुर राज्य सरकार ने कई निगम कमिश्नर सहित राज्य प्रशासनिक सेवा 10 अफसरों के ट्रांसफर आर्डर जारी किये हैं। जीएडी की तरफ से जारी ट्रांसफर आदेश में 5 निगमों के कमिश्नरों को तबादला किया गया है। बिलासपुर, राजनांदगांव, अंबिकापुर, धमतरी, दुर्ग निगम के आयुक्त को बदला गया है।
आशुतोष चतुर्वेदी राजनांदगांव नगर निगम के नये आयुक्त होंगे, वहीं प्रभाकर पांडेय अब अंबिकापुर के नये कमिश्नर होंगे। अजय कुमार त्रिपाठी को सरगुजा संयुक्त कलेक्टर से बिलासपुर का नया निगम आयुक्त बनाया गया है। वहीं डिप्टी कलेक्टर धमतरी मनीष मिश्रा को धमतरी का नया निगम आयुक्त बनाया गया है।
राजनांदगांव के निगम आयुक्त चंदकांत कौशिक को संयुक्त कलेक्टर धमतरी, दुर्ग निगम आयुकत इंद्रजीत वर्मा को कवर्धा संयुक्त कलेक्टर, आशीष कुमार टिकरिहा को धमतरी निगम आयुक्त से सूडा का सीईओ, हरीष मंडावी को अंबिकापुर निगम आयुक्त से दुर्ग का नया निगम आयुकत बनाया गया है। -
*नीति आयोग ने आकांक्षी जिलों में कोण्डागांव की उपलब्धियों को सराहा, 3 करोड़ का दिया अतिरिक्त आबंटन*
रायपुर, 02 जनवरी 2021/ लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्रकुमार ने अपने प्रभार वाले कोण्डागांव जिले में संचालित विकास मूलक गतिविधियों की सराहना की है। उन्होंने कहा है कि कोण्डागांव जिला सभी आकांक्षी जिलों में लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। जिले में चल रही विकास की गतिविधियों को नीति आयोग ने भी सराहा है। मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने इसके लिए जिसे के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी।
उल्लेखनीय है कि विगत दिनों भारत सरकार के नीति आयोग ने एक आकांक्षी जिले के रूप में चुनौतियों से निपटने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य के कोण्डागांव जिले द्वारा किए जा रहे प्रयासों और उपलब्धियों की सराहना करते हुए 3 करोड़ रुपए का अतिरिक्त आवंटन जारी करने का निर्णय लिया है। नीति आयोग ने सितंबर-अक्टूबर 2020 में कोंडागांव जिले द्वारा किए गए प्रदर्शन के आधार पर यह फैसला किया है। गौरतलब है कि नीति आयोग आकांक्षी जिलों द्वारा चुनौतियों से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों का आंकलन कर रैंकिंग के आधार पर राशि आबंटन करता है।
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अमिताभ कांत ने छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव को प्रेषित अपने पत्र में सेंट्रल प्रभारी अधिकारी (सीपीओ) समेत कोण्डागांव जिले की टीम को उनकी कड़ी मेहनत के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी है। - जल जीवन मिशन कार्य के तहत घरों में पेयजल आपूर्ति के लिए कार्य योजना तैयार: मंत्री गुरु रूद्रकुमार
सितंबर 2023 तक ग्रामीण क्षेत्रों में सभी घरों तक नल कनेक्शन देने का लक्ष्य
7080 करोड़ रूपए के विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए इम्पेनल्ड निविदाकारों की सूची जारी
रायपुर : राज्य के वनांचलों, अनुसूचित जाति बहुल गांवों और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले 42 लाख 54 हजार परिवारों को घर-घर नल कनेक्शन देने काम अगले तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य है। जल जीवन मिशन के तहत इन परिवारों को निशुल्क नल कनेक्शन दिए जाएंगे। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रुद्र कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में इस कार्य को तेजी से पूरा करने की कार्ययोजना लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा बनाई गई है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में शुध्द पेयजल की आपूर्ति के लिए कार्ययोजना के अनुसार निविदाकारों को प्रशासकीय स्वीकृति के आधार पर कार्य दिए जा रहे हैं।मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल सुविधा के लिए 9485.60 करोड़ रूपए के लागत वाले उच्चस्तरीय जलागार निर्माण, पाईप लाइन विस्तार, सिविल वर्क, घरेलू कनेक्शन, क्लोरिनेटर एवं पाॅवर पंप स्थापना के कार्य के लिए निविदाकारों को काम दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में पहली बार मंत्रिमण्डल के अनुमोदन के उपरांत निविदाकारों के लिए रूचि की अभिरूचि के माध्यम से दरें प्राप्त कर औचित्य दर प्रतिपादित की गई।
उन्होंने बताया कि राज्य के ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से तय समय-सीमा सितंबर 2023 तक पेयजल प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। द्वितीय चरण में जल जीवन मिशन के कार्यों के लिए दर अनुबंध (कान्ट्रेक्ट) करने वाले 1326 इम्पेनल्ड निविदाकारों की सूची विभाग द्वारा जारी की गई है, इन निविदाकारों को जल्द ही प्रशासकीय स्वीकृति के आधार पर 7080 करोड़ रुपए के कार्य दिए जाएंगे।
मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सभी विभागों को निर्माण कार्यों के लिए नए एसओआर लागू करने कहा था लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा सबसे पहले राज्य में अपना नया यूएसओआर-2020 जारी कर निर्माण-संधारण संबंधी कार्य में लागू किया गया है। नए एसओआर की दरें लागू होने से पेयजल आपूर्ति संबंधी अद्योसंरचना के निर्माण में कम राशि खर्च होगी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था के लिए पहली बार वृह्द स्तर पर टंकी निर्माण, पाईपलाइन बिछाने के कार्य और घरेलू कनेक्शन इत्यादि कार्य तेजी से होगा।
प्रमुख अभियंता श्री एम.एल. अग्रवाल ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए दर अनुबंध (कान्ट्रेक्ट रेट) करने वाले 1326 निविदाकारों में 872 सी और डी श्रेणी, 454 ए और बी श्रेणी के निविदाकार शामिल हैं। उन्होंने बताया कि सी और बी श्रेणी के निविदाकारों को यथासंभव उनके स्वयं के जिले में ही कार्य आबंटित किए जाएंगे - हाथी-मानव संघर्ष की आशंका निराधार, बेहतर होगा नियंत्रण
रायपुर : छत्तीसगढ़ के वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने कहा है कि लेमरू एलिफेंट रिजर्व से किसी भी गांव का विस्थापन नहीं होगा। उन्होंने विस्थापन की आशंकाओं को सिरे से खारिज करते हुए बताया कि न तो कोई गांव विस्थापित होगा न ही किसी के निजी और सामूहिक वनाधिकार पर कोई प्रभाव पड़ेगा।एलिफेंट रिजर्व से मानव- हाथी संघर्ष की आशंका को भी उन्होंने निराधार बताया और कहा कि इसके विपरीत हाथी रिजर्व मानव-हाथी संघर्ष को नियंत्रित करने में मदद करेगा। श्री अकबर ने जोर देकर कहा कि भूपेश बघेल की नेतृत्व वाली सरकार आदिवासियों और वनवासियों के सभी के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए कटिबद्ध है और कोई भी कार्य उनके हितों के खिलाफ नहीं किया जाएगा।
वन मंत्री श्री मोहम्म्द अकबर ने एक बयान जारी कर उस समाचार को असत्य बताया है जिसमें लेमरू एलीफेंट रिजर्व के कारण किसी गांव का विस्थापन या मानव हाथी संघर्ष बढ़ने की आशंकाएं बतायी गई हैं। श्री अकबर ने जोर देकर कहा है कि लेमरू एलीफेंट रिजर्व का गठन ’सरंक्षण रिजर्व’ के रूप में किया जा रहा है, जिसके तहत न कोई गांव विस्थापित होगा और न ही किसी भी तरह निजी वन अधिकार या सामुदायिक वन अधिकार पर इसका प्रभाव पड़ेगा। रिजर्व क्षेत्र में आने वाले गांवों को हेबीटेट विकास की अतिरिक्त राशि भी मिलेगी जिससे मानव हाथी संघर्ष पर नियंत्रण अधिक बेहतर होगा।
श्री अकबर ने इस तरह के समाचारों को गुमराह करने वाला बताया की एलीफेंट रिजर्व से हाथी एक ही क्षेत्र में एकत्रित किए जाएंगे। इस तरह का कोई भी कार्य कभी नहीं किया जाता। हाथी लंबी दूरी तय करने वाला प्राणी है और वह हमेशा एक जगह नहीं रहता है। 2011 में तमोरा पिंगला और सेमरसोत दोनों सरगुजा सर्कल और बादलखोल रायगढ़ सर्कल में एलीफेंट रिजर्व का गठन किया गया था और पिछले दस सालों में वहां मानव हाथी संघर्ष पर प्रभावी नियंत्रण में सहायता मिली है। उक्त क्षेत्र अभ्यारण है जबकि लेमरू का गठन संरक्षण रिजर्व के रूप में किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि वन प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 36 (ए) के तहत जो संरक्षण रिजर्व गठित किया जाता है, वहां कोई विस्थापन नहीं होता और निजी भूमि पर यह धारा लागू नहीं होती। शासकीय भूमि पर भी समस्त प्रकार के वन अधिकार, लघुवनोपज संग्रहण आदि बरकरार रहते हैं।
श्री अकबर ने आगे कहा कि रिजर्व क्षेत्र में आने पर भविष्य में इस क्षेत्र में कोई खनन परियोजना आदि के लिए विस्थापन नहीं होगा। लेमरू एलीफेंट के खिलाफ किया जा रहा दुष्प्रचार सही नहीं है वस्तुतः निजी स्वार्थवश कुछ लोग अनावश्यक ही यह भ्रम फैला रहे हैं इससे सभी आम नागरिकों को बचना चाहिए। - रायपुर : कांकेर जिला मुख्यालय में पत्रकारों के साथ घटित घटना के तथ्यों के अन्वेषण के लिए राज्य शासन द्वारा सम्पादक नवभारत श्री राजेश जोशी की अध्यक्षता में गठित पत्रकार दल 7 अक्टूबर और 8 अक्टूबर 2020 को कांकेर प्रवास में रहेगा।पत्रकार दल ने सभी नागरिकों से अपील की है कि जिस किसी व्यक्ति के पास घटना से संबंधित कोई तथ्य अथवा जानकारी है, तो वह उन्हें प्रस्तुत कर सकता है। जांच में पारदर्शिता बरतने के लिए जानकारी प्रस्तुत करने वाले हर व्यक्ति की वीडियोग्राफी भी करायी जाएगी।पत्रकार दल के अन्य सदस्य श्री अनिल द्विवेदी सम्पादक आज की जनधारा, श्री सुरेश महापात्र सम्पादक बस्तर इम्पेक्ट, सुश्री सगुफ्ता सिरीन सहायक सम्पादक राष्ट्रीय हिन्दी मेल, श्री रूपेश गुप्ता संवाददाता स्वराज एक्सप्रेस तथा श्री राजेश शर्मा ब्यूरो चीफ दैनिक भास्कर कांकेर हैं।
- 49.47 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत
रायपुर : लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रूद्रकुमार की पहल पर जल जीवन मिशन अंतर्गत बिलासपुर परिक्षेत्र के लिए 49.47 करोड़ रुपए की सौगात मिली है। उल्लेखनीय है कि राज्य शासन की मंशा के अनुरूप लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रूद्रकुमार ने ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर पेयजल व्यवस्था के लिए कार्यों में तेजी लाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा इस आशय का आदेश जारी कर बिलासपुर परिक्षेत्र के अधीनस्थ खंड कार्यालयों के लिए जल जीवन मिशन के तहत कुल 49 करोड़ 47 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की है। जिसके तहत जांजगीर को 9 करोड़ 68 लाख, बिलासपुर को 6 करोड़ 90 लाख, रायगढ़ को 6 करोड़ 63 लाख, सूरजपुर को 5 करोड़, मुंगेली 4 करोड़ 99 लाख, बैकुंठपुर 4 करोड़ 90 लाख, जशपुर 3 करोड़ 40 लाख, बलरामपुर को 3 करोड़, कोरबा को 2 करोड़ 57 लाख और अम्बिकापुर को 2 करोड़ 40 लाख रूपए की राशि स्वीकृत दी गई है। -
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत गठित राज्य स्तरीय सतर्कता एवं माॅनिटरिंग समिति की बैठक 7 सितम्बर को दोपहर एक बजे आयोजित की गयी है। यह बैठक वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री निवास में होगी। इस समिति में सांसद और विधायकगण सदस्य होते हैं,जिसमें इन अनुसूचित वर्गों पर हो रहे अत्याचारों से संबंधित प्रकरणों की समीक्षा की जाती है। राज्य स्तरीय समिति के सदस्यगण अपने जिले के एन.आई.सी. के वीडियो काॅन्फ्रेंस कक्ष में उपस्थित होकर बैठक में भाग लेंगे।
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर दी गई पोषण माह में प्रस्तावित कार्यक्रमों की जानकारी
रायपुर : प्रत्येक वर्ष 1 सितम्बर से 30 सितम्बर के बीच राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जाता है जिसका उद्देश्य जनसामान्य को पोषण के महत्व से परिचित करवाना एवं उनमें खानपान से सम्बंधित स्वास्थ्य व्यवहार को विकसित करना है। इस बार पोषण माह कोविड 19 अनुरूप व्यवहारों का पालन करते हुए डिजिटली जनआन्दोलन के रूप में मनाया जाएगा ।
इस बार पोषण माह में इन गतिविधियों पर रहेगा फोकस
1 गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान, उनका सन्दर्भन एवं प्रबंधन
2 डिजिटल पोषण पंचायत
3 गृह भ्रमण एवं ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस के माध्यम से समुदाय का संवेदीकरण
4 एनेमिया, डायरिया एवं फिट इंडिया जैसे कार्यक्रमों का एकीकरण
5 पोषण पर आधारित डिजिटली प्रतियोगिताओं का आयोजन
6 दूरदर्शन और आल इंडिया रेडियो पर पोषण संबंधी कार्यक्रमों का प्रसारण
बेहतर प्रदर्शन करने वाले जिलों को मिलेगा पुरस्कार और प्रोत्साहनमहिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक कुमार ने बताया, इस वर्ष पोषण माह में ऐसे जिलों को सरकार द्वारा पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया जाएगा जहाँ पर बच्चों में गंभीर कुपोषण का एक भी मामला ना हो । साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि इस बार ऐसे ए.ए.ए.(आंगनबाड़ी, आशा, ए.एन.एम.) को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा जिन्होंने अपने लक्ष्यों के अनुसार कार्य किया होगा । इसके लिए अलग से दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे ।
उन्होंने जानकारी दी कि कोरोना के दौरान भी महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से बच्चों एवं महिलाओं के पोषण का पूरा खयाल रखने की कोशिश की जा रही है जिसके अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों में पंजीकृत 3 से 6 वर्ष आयु के सामान्य व गंभीर कुपोषित बच्चों को गर्म पके हुए भोजन के स्थान पर आंगनबाड़ी द्वारा घर भ्रमण कर राशन का वितरण किया जा रहा है, ताकि कोरोना संक्रमण की संभावना ना रहे साथ ही गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण के साथ कोई समझौता भी न हो ।
बच्चे के जीवन में पोषण की शुरुआत तभी से हो जाती है जब वह गर्भ में होता है, इस सन्दर्भ में यदि छत्तीसगढ़ के एन.एफ.एच.एस- 4 के आंकड़ो को देखें तो यह पता चलता है कि 15 से 49 आयु वर्ग की 47% महिलायें एनेमिक (खून की कमी) हैं यानि कि लगभग आधी महिलाओं में खून की कमी है एवं सही खान-पान के आभाव में प्रदेश के लगभग 38% बच्चे कम वजन के रह जाते हैं| ऐसे में जो बच्चा पैदा होगा उसके कुपोषित होने की सम्भावना ज्यादा होती है|
उपरोक्त परिस्थितियों में सुधार के लिए सरकार द्वारा हर वर्ष पोषण माह मनाया जाता है | इसके साथ ही अन्य पोषण संबंधी कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं जिनका उद्देश्य मुख्य रूप से माँ एवं बच्चों की सेहत में सुधार लाना है | इन कार्यक्रमों में “समेकित बाल विकास कार्यक्रम”(ICDS), महतारी जतन योजना, मिड-डे-मील, पोषण पुनर्वास केंद्र (NRC), मुख्यमंत्री सुपोषण योजना, प्रधान मंत्री मातृ वंदन योजना, प्रधान मंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान इत्यादि प्रमुख हैं| -

रायुपर, 22अगस्त 2020। राज्य में कोरोना महामारी के प्रारंभ होने से पूर्व ही उसके प्रबंधन के लिये अस्पतालों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों को मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया । इस कार्य में विशेष योगदान देने हेतु स्वास्थ्य विभाग के जिला कार्यक्रम प्रबंधक मनीष एवं आर. एम. ए. दुर्गेश को मुख्यमंत्री द्वारा कोरोना वारियर्स के रूप में सम्मानित किया गया |
इनके नेत्रत्व में कोविड अस्पताल माना के साथ-साथ क्वारेंटीन सेंटरों का बेहतर संचालन एवं लाजिस्टीक प्रबंधन हुआ इसके अतिरिक्त कोविड केयर सेन्टर के निर्माण में भी इनका विशेष योगदान रहा । जिला प्रशासन, नगर निगम एवं अन्य विभाग के साथ बेहतर समन्वय करते हुए स्वास्थ्य विभाग में कोरोना वरियर्स के रूप में अपने पूर्ण दायित्व का निर्वहन किया । सीएमएचओ डॉ मीरा बघेल के द्वारा डीपीएम व आरएमए को सम्मानित करते हुए प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया ।
डीपीएम मनीष कुमार मैजरवार ने राजधानी में नवीन गुणवत्तापूर्ण राज्य की प्रथम स्कीनिंग मॉडल एवं कियोस्क यूनिट, वाहन में कियोस्क यूनिट सेम्पलिंग मॉडल के अविष्कार में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। रैलवे स्टेशन में राज्य के बाहर से आने वाले मजदूरों का स्कीनिंग व्यवस्थित ढंग से एवं बेहतर प्रबंधन कौशल के साथ संपन्न कराया है। कोरोना महामारी में नियमित एवं संविदा कर्मचारियों को प्रेरित कर बेहतर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।
राजधानी में कोरोना महामारी के चुनौती के इस दौर में टीम लीडर के रुप में ग्रामीण चिकित्सा सहायक दुर्गेश कुमार द्वारा भी अच्छा कार्य किया गया। ग्रामीण सहायक चिकित्सक दुर्गेश ने मार्च से अब तक बिना अवकाश लिए टीम लीडर के रूप में कार्य संपादित कर रहे हैं। उनके उत्कृष्ट प्रबंधन से ही जिले की बड़ी आबादी में कोविड मरीजों के परिवारों एवं प्रायमरी कान्टेक्ट सदस्यों का सेम्पलिंग कार्य का लक्ष्य पूरा किया गया है ।
टीम वर्क में बेहतर तालमेल के साथ अधिकारियों एवं कर्मचारियों सहित दूरभाष कॉल से 24 घंटे अलर्ट रहें। आपात स्थितियों में त्वरित रिस्पांस करते हुए 10 सेम्पलिंग सेन्टर प्रारंभ करने में महत्वूर्ण भूमिका अदा की है। कोरोना वारियर्स दुर्गेश कुमार ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हीरापुर को मॉडल हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर को विकसित करने में भी योगदान दिया है। साथ ही कोविड-19 की लड़ाई में लैब टैक्निशियनों के साथ मेडिकल टीम को भी विषम परिस्थितियों में वर्क लोड बढ़ने पर उनकी समस्याएं दूर करते कार्य करने के लिए प्रेरित करते रहे हैं ।
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232.81 करोड़ रूपए का प्रोत्साहन पारिश्रमिक
गोधन न्याय योजना: विक्रेताओं को दूसरे पखवाड़े में बेचे गए गोबर की मिलेगी राशि
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित होगा कार्यक्रम
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल अपने मंत्री मण्डल के सहयोगियों के साथ पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्वर्गीय श्री राजीव गांधी की जयंती 20 अगस्त को अपने निवास कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्रदेश के 19 लाख किसानों को 1500 करोड़ रूपए की दूसरी किश्त की राशि का ऑनलाईन अंतरण करेंगे। मुख्यमंत्री इस अवसर पर तेंदूपत्ता संग्राहकों को वर्ष 2018 के प्रोत्साहन पारिश्रमिक के रूप में 232.81 करोड़ की राशि उनके खातों में अंतरित करेंगे साथ ही गोधन न्याय योजना के तहत गोबर विक्रेताओं को दूसरे पखवाड़े में बेचे गए गोबर की राशि का अंतरण भी करेंगे।छत्तीसगढ़ सरकार की राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्रदेश के 19 लाख किसानों को 5750 करोड़ की अनुदान सहायता राशि दी जा रही है। जिसमें प्रथम किश्त के रूप में 1500 करोड़ की राशि राजीव गांधी जी के शहादत दिवस 21 मई को प्रदान की गई थी वहीं इस योजना के तहत दूसरी किश्त के रूप में 1500 करोड़ की राशि 20 अगस्त को प्रदान की जा रही है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में गोधन न्याय योजना के तहत दो रूपए प्रति किलो की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है। इस योजना के तहत 2 अगस्त से 15 अगस्त तक खरीदे गए गोबर की राशि भी विक्रेताओं को उनके खातों में अंतरित की जाएगी।इस अवसर पर प्रदेश के 114 विकासखण्डों के अंतर्गत तेंदूपत्ता संग्रहण वर्ष 2018 सीजन में 728 समितियों के 11 लाख 46 हजार 626 तेंदूपत्ता संग्राहकों को 232 करोड़ 81 लाख रूपए की प्रोत्साहन पारिश्रमिक की राशि वितरित की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री बघेल यह राशि सीधे तेंदूपत्ता संग्राहकों के खाते में आर.टी.जी.एस. के जरिए अंतरित करेंगे। तेंदूपत्ता संग्राहकों को प्रोत्साहन पारिश्रमिक वितरित करने के लिए संबंधित जिलों में जिला स्तर पर और 114 विकासखण्डों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। विकाखण्ड स्तर पर आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों में अधिकतम प्रोत्साहन पारिश्रमिक की राशि प्राप्त करने वाले 10 संग्राहक सदस्यों को सम्मानित किया जाएगा।उल्लेखनीय है कि तेंदूपत्ता संग्रहण वर्ष 2018 सीजन में प्रदेश की 880 प्राथमिक वन समितियों द्वारा कुल 14.85 लाख मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण किया गया था। संग्रहण पारिश्रमिक की दर वर्ष 2018 में 2500 रूपए प्रति मानक बोरा थी। वर्ष 2018 में 11 लाख 98 हजार 673 तेंदूपत्ता संग्राहकों को 371.15 करोड़ रूपए की राशि संग्रहण पारिश्रमिक के रूप में वितरित की गई थी। इन 880 समितियों में से 854 समितियों के तेंदूपत्ता का निर्वर्तन निविदा के माध्यम से किया गया है। इनमें से 728 समितियां लाभ की स्थिति में रहीं। तेंदूपत्ता व्यापार से शुद्ध लाभ की 80 प्रतिशत राशि प्रोत्साहन पारिश्रमिक के रूप में तेंदूपत्ता संग्राहकों को वितरण करने का प्रावधान राज्य शासन की नीति में है।लाभ की स्थिति वाले 728 समितियों के 11 लाख 46 हजार 626 तेंदूपत्ता संग्राहकों को कुल 232.81 करोड़ रूपए की राशि प्रोत्साहन पारिश्रमिक के रूप में वितरित की जाएगी। ये समितियां प्रदेश के 114 विकासखण्डों के अंतर्गत स्थित है। जिन संग्राहकों के बैंक खातों का विवरण प्राप्त हो गया है, उनके खाते में यह राशि सीधे एक्सिस बैंक के माध्यम से आर.टी.जी.एस से भेजी जाएगी। -
साढ़े नौ हजार पशुपालकों से 11 हजार 822 क्विंटल गोबर की खरीदी
लगभग 9 हजार गरीब पशुपालक और स्व-सहायता समूहों की महिलाएं होंगी लाभान्वित
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने गोधन न्याय योजना के तहत शहरी क्षेत्र के पशुपालकों से खरीदी गई गोबर के लिए 52 लाख 32 हजार रूपए का ऑनलाईन जमा कराया। नगरीय क्षेत्रों में एक अगस्त तक पशुपालकों से 11 हजार 822 क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। उल्लेखनीय है कि शहरी क्षेत्र में गोधन न्याय योजना का शुभारंभ 20 जुलाई को हरेली त्योहार के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा नगर पंचायत पाटन से की गई थी। इस दिन से प्रदेश के सभी 166 नगरीय निकायों में 377 शहरी गोधन खरीदी केंद्रों का चिन्हाकित कर पशुपालको से 2 रुपये प्रति किलो की दर पर गोबर की खरीदी प्रारंभ की गई।
नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि अब तक लगभग 10 हजार हितग्राहियों द्वारा प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में गोबर विक्रय हेतु पंजीयन कराया गया। एक अगस्त तक 9 हजार 403 हितग्राहियों से 11 हजार 822 क्विंटल गोबर खरीदी के पश्चात् भुगतान की प्रकिया मुख्यमंत्री द्वारा नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया की उपस्थिति में किया गया। इस योजना का भुगतान साख समिति के माध्यम से नागरिको के खातों में ऑनलाइन किया जा रहा है। इस योजना से लगभग 9000 शहरी गरीब, स्व सहायता समूह की महिलाओ को अतिरिक्त्त रोजगार का अवसर प्राप्त होगा। योजना हेतु शासन द्वारा 52.32 लाख रुपये का अनुदान जारी किया गया है। एकत्रित गोबर से शहरी क्षेत्रो में वर्मी कम्पोस्ट, गोबर की लकड़ी, धूपबत्ती, गमले, दिया, मूर्ति आदि उत्पाद बनाने की तैयारी निकायों द्वारा की जा रही है। शहरी क्षेत्रों में इस योजना से सम्बंधित शिकायतो का निराकरण टोल फ्री नम्बर 1100 के माध्यम से किया जा रहा है। - लोकवाणी की आगामी कड़ी का प्रसारण 9 अगस्त को
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी की 9वीं कड़ी का प्रसारण आगामी 9 अगस्त, रविवार को होगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल लोकवाणी में इस बार ‘न्याय योजनाएं, नयी दिशाएं ’ विषय पर प्रदेशवासियों से बात करेंगे।लोकवाणी का प्रसारण छत्तीसगढ़ स्थित आकाशवाणी के सभी केन्द्रों, एफ.एम. रेडियो और क्षेत्रीय समाचार चैनलों से सुबह 10.30 से 11 बजे तक होगा। -
रायपुर : शिक्षा सत्र 2020-21 में कक्षा पहली से आठवीं तक के सभी पात्र स्कूली विद्यार्थियों को 14 अगस्त तक अनिवार्य रूप से निःशुल्क गणवेश प्रदाय किया जाएगा। संचालक लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा इस संबंध में सभी संभागीय संयुक्त संचालक स्कूल शिक्षा, जिला शिक्षा अधिकारी और जिला मिशन समन्वयक को दिशा-निर्देश जारी किए गए है। संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि कोविड-19 के संदर्भ में जारी निर्देशों एवं सावधानियों का पालन सुनिश्चित करते हुए गणवेश वितरण का कार्य पूर्ण किया जाए।
दिशा-निर्देश में कहा गया है कि गणवेश का वितरण घर-घर जाकर ही किया जाए। प्रत्येक संस्था द्वारा वितरण पंजी का संधारण किया जाए। पंजी में कक्षावार, विद्यार्थिवार (दो सेट) गणवेश वितरण की प्रविष्टि की जाए। गणवेश वितरण पंजी में प्राप्तकर्ता विद्यार्थी, पालक, वितरणकर्ता शिक्षक और संबंधित वार्ड के पंच, सरपंच, पार्षद, पंचायत प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर अनिवार्य रूप से लिया जाए। संस्था प्रमुख द्वारा इसके लिए भी पंचायत प्रतिनिधियों से पूर्व से व्यक्तिगत संपर्क भी किया जाए ताकि यथासमय उच्च स्तरीय विभागीय अधिकारियों द्वारा गणवेश प्राप्ति-वितरण पंजी का निरीक्षण किया जा सके।
इसी तरह संकुल, विकासखंड स्तर पर भी छत्तीसगढ़ हाथ करघा संघ द्वारा प्राप्त और वितरित की गई गणवेश की जानकारी अनिवार्यतः संधारित की जाए। प्रत्येक संकुल समन्वयक, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मिशन समन्वयक और संयुक्त संचालक अपने कार्यक्षेत्र की संस्थाओं में वितरित गणवेशों की वस्तुस्थिति और गुणवत्ता की जांच के लिए आकस्मिक निरीक्षण करें। संबंधित अधिकारी जिले में वितरण कार्य का भली-भांति परीक्षण कर ही वितरण पूर्ण होने का बाद का प्रमाण पत्र संचालनालय को प्रेषित करें। निःशुल्क गणवेश की प्राप्ति और वितरण की ऑनलाईन मॉनिटरिंग भी की जाएगी। -
रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य हज कमेटी द्वारा हज हाउस की संगे बुनियाद (शिलान्यास) कार्यक्रम का आयोजन एक अगस्त शनिवार को मंदिर हसौद रोड़ एयरपोर्ट के पास नवा रायपुर अटल नगर में किया गया है। राज्य हज कमेटी के सचिव ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्यमंत्री, मंत्रीगण, गणमान्य नागरिक एवं मुस्लिम समाज के लोग उपस्थित रहेंगे।
- रायपुर : कोरोना संक्रमण के मद्देनजर महानदी मंत्रालय भवन की तरह इन्द्रावती भवन में भी बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया गया है।
इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देश में इस बात का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि इन्द्रावती भवन (विभागाध्यक्ष कार्यालय) में केवल विभागाध्यक्ष की अनुमति से ही उन्हीं कार्यालय में बाहरी व्यक्ति प्रवेश कर सकेंगे, जिस कार्यालय हेतु उन्हें अनुमति दी गई है। बाहरी व्यक्तियों का बिना अनुमति किसी भी कार्यालय में प्रवेश पूर्णतः वर्जित होगा। सचिव सामान्य प्रशासन ने सभी विभागाध्यक्षों को उक्त निर्देश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। - रायपुर : राज्य सरकार की पहल पर जगदलपुर से हवाई यात्रा 5 अगस्त से प्रारंभ होगी। एयर एलायंस द्वारा जगदलपुर से रायपुर एवं हैदराबाद की हवाई सेवा शुरू करने को लेकर तैयांरियां शुरू कर दी गई हैं। इससे प्रदेशवसियों को जगदलपुर से हैदराबाद और रायपुर के लिए हवाई सेवा उपलब्ध होगी। डीजीसीए के द्वारा जगदलपुर के एयरपोर्ट की आपत्तियों का निराकरण एयरपोर्ट प्रबंधन और जिला प्रशासन से करवा लिया है।
कलेक्टर जगदलपुर श्री रजत बंसल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि जिला प्रशासन द्वारा जगदलपुर एयरपोर्ट से उड़ान सेवा प्रारंभ करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे थे। मार्च माह में ट्रायल लैडिंग एयर इंडिया के हवाई बेडे़ के द्वारा किया गया था। उन्होंने बताया कि 5 अगस्त से शुरू हो रही एयर एलायंस की विमान सुबह 9.50 को हैदराबाद से उड़ान भरकर जगदलपुर सुबह 11.15 बजे पहुँचेगी। जगदलपुर से सुबह 11.55 बजे उड़ान भरकर दोपहर 01 बजे रायपुर पहुँचेगी। इसके बाद विमान वापसी के लिए दोपहर 1.40 बजे रायपुर से रवाना होकर 2.45 बजे जगदलपुर पहुँचेगा और जगदलपुर से अपरान्ह 3.25 बजे रवाना होकर हैदराबाद शाम 4.50 बजे पहुँचेगा। -
गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा मनेगा 8 जुलाई से 21 जुलाई तक
हाथ धोने व स्वस्छ पानी पीने घर-घर जाकर मितानिन करेंगी जागरुक
जिले के 2.52 लाख बच्चों के लिए 210 स्वास्थ्य केंद्रों में ओआरएस-जिंक कार्नर की स्थापना
रायपुर, 9 जुलाई। प्रदेश में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा गहन डायरिया नियंत्रण पखपाडा 8 जुलाई से 21 जुलाई तक मनाया जा रहा है। शून्य से 5 साल तक के बच्चों में मृत्यु का एक मुख्य कारण डायरिया से होने वाली मौतें भी हैं। इस लिए डायरिया से ग्रसित बच्चों का शीघ्र उपचार कर शिशु मृत्यु दर में कमी की जा सकती है। डायरिया से होने वाली बीमारी के प्रभाव को रोकने, ओआरएस व जिंक की उपलब्धता बढ़ाने और डायरिया प्रबंधन को मजबूत बनाना ही पखवाड़ा का मुख्य उद्देश्य है। अस्पताल की ओपीडी में आए मोवा निवासी हरी राम साहू की 7 माह की बेटी धनेश्वरी को ओआरएस का घोल व जिंक टेबलेट का वितरण कर उन्हें समझाया गया कि घोल का 24 घंटे के भीतर उपयोग करना जरुरी है।

डायरिया रोग फैलने के मुख्य कारणों में बासी भोजन, दुषित जल का प्रयोग, शौच के दौरान साबुन से हाथ नहीं धोने से बीमारी का खतरा बना रहता है। जिले में 0-5 साल तक के बच्चों में 1.30 लाख लड़कों व 1.22 लाख लड़कियों सहित कुल 2.52 लाख बच्चों को ओआरएस व जिंक की घोल ओरल पिलाई जाएगी। रायपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग की एचएमआईएस रिपोर्ट वार्षिक 2018-19 में से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार जिले में प्रति 1000 जन्म लेने वाले बच्चे में मृत नवजात का जन्म दर 12.32 है। वहीं एसआरएस 2017 के आंकड़ों के अनुसार प्रति 1000 जीवित जन्म लेने वाले बच्चों में शिशु मृत्यु दर 38 है। पखवाड़े के दौरान जिले के 210 स्वास्थ्य केंद्रों के ओपीडी व आईपीडी वार्ड में ओआरएस - जिंक कार्नर की स्थापना कर डायरिया से ग्रसित मरीजों का उपचार करना है। डायरिया नियंत्रण के लिए सरकारी अस्पतालों के साथ निजी अस्पतालों में ओआरएस - जिंक कार्नर की स्थापना भी की जायेगी| मरीजों को ओरल रिहाईडरेशन सोलूशन (ओआरएस) व जिंक निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा|
जिला नोडल अधिकारी डॉ. एस के सिन्हा ने बताया पखवाडा के दौरान जिले में 484 महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता , 1870 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व शहरी 1050 व 1884 ग्रामीण मितानिन द्वारा बच्चों से लेकर बड़ों को 7 स्टेप में हाथ धुलाई के तरीके भी बताएं जाएंगे जिससे संक्रमण को रोका जा सके। मुहल्लों में वाल पेंटिंग व स्लोगन लिखकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व मितानिन द्वारा लोगों में जागरुकता लाने प्रयास करेंगे। गहन डायरिया पखवाड़ा के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा लोगों को उल्टी दस्त होने पर तत्काल नजदिक के स्वास्थ्य केंद्र व एएनएम से संपर्क करने की सलाह दी जाएगी। डॉ. सिन्हा ने बताया, शिशुवती माताओं को बच्चों के देखभाल में विशेष ध्यान देते हुए दस्त के दौरान एवं दस्त के बाद मां का दूध, तरल पदार्थ एवं ऊपरी आहार देना जारी रखना चाहिए। जन्म से लेकर 6 माह तक के बच्चों को सिर्फ मां का दूध ही देना चाहिए। इसके अलावा खाना बनाने एवं खिलाने के पहले और शौंच के बाद साबुन से हाथ जरुर धोंए ।
जिला चिकित्सालय पंडरी के ओपीडी हॉल में गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा के तहत ओआरएस - जिंक कार्नर की स्थापना 8 जुलाई को की गई। वहीं शिशु रोग विभाग के ओपीडी में आने वाले बच्चों को ओआरएस व जिंक का घोल पिलाया गया। सीएमएचओ डॉ.मीरा बघेल व जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ.आर. के. तिवारी के मार्गदर्शन में जिला चिकित्सालय के डॉ.व्ही.आर.भगत, डॉ.मोजरकर शिशु रोग विशेषज्ञ व जिला अस्पताल के सलाहकार के उस्पस्थिति में डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा का शुभारम्भ किया गया। इस मौके पर ओआरएस का पैकेट और जिंक की गोली का वितरण किया गया।
गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा के दौरान कोरोना वायरस से बचाव के लिए भी साफ सफाई का ध्यान रखना है। इससे कई तरह के संक्रमण से बच्चों व स्वयं के स्वास्थ्य का खयाल रख सकते हैं। कोरोना संक्रमण के इस महामारी से बचाव के लिए सोशल डिसटेंसिंग और डिजिटल प्लेफार्म का उपयोग स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा अपनाया जा रहा है| पखवाड़े के दौरान नॉन कंटेमेंनट जोन में स्थानीय परिस्थितयों को ध्यान में रखते हुए घरों में तथा कुएं, जल स्रातों की साफ-सफाई एंव संक्रमण को रोकने हेतु क्लोरिन टेबलेट का वितरण किया जाएगा| जागरुकता अभियान के दौरान लोगों को यह बताया जा रहा कि 45 फीट और उससे उपर के लेयर वाले हैंडपम्प का पानी डायरिया को बढ़ावा देता है। बच्चों को गहरे लेयर के हैंडपम्प का पानी ही पिलाएं और यदि ऐसा संभव नहीं है तो पानी को गर्म कर अथवा क्लोरीन टैबलेट्स से पानी को शुद्ध कर ही पीयें। प्रदूषित पानी पीने, खान-पान में गड़बड़ी और आंतों में संक्रमण से डायरिया की बीमारी होती है। डायरिया होने पर मरीज को तब तक ओआरएस का घोल देना चाहिए जब तक दस्त ठीक न हो जाए। डायरिया ठीक होने के बाद बाद 14 दिन तक बच्चों को जिंक की दवा देनी चाहिए।
मितानिनों द्वारा सभी 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों के घरों में ओआरएस का व पैकेट का वितरण तथा इसके उपयोग की सलाह के संबंध में माताओं को जानकारी दी जायेगी| इस अभियान के दौरान मितानिनों को कोविड-19 सं संबंधित दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए ओआरएस व जिंक घोल बनाने की विधि का प्रदर्शन के दौरान फिजीकल डिस्टेंसिंग , मास्क लगाना व हैंड वासिंग के लिए सेनेटाइजर का इस्तेमाल करना जरुरी है। वहीं मितानिन द्वारा स्वच्छता की जानकारी देते हुए माताओं को शिशुओं में होने वाले खतरे की संभावना के बारे में बताते हुए जागरुक करेगी। -
प्रशिक्षण में परिवार नियोजन पर भी बात हुई, लगभग 400 जवान लेंगें हिस्सा
रायपुर : जिले की यातायात पुलिस के जवानो के लिए कोरोना वायरस संक्रमण में तनाव प्रबंधन और स्वस्थ्य जीवन शैली कार्यशाला के दौरान जनसँख्या स्थिरता पखवाड़े की जानकारी भी दी गयी। विश्व जनसँख्या दिवस (11जुलाई) के अवसर पर पूरे राज्य में कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। परिवार नियोजन में इस्तेमाल होने वाले साधनों पर भी खुली चर्चा करके प्रतिभागियों की झिझक को तोड़ा गया और छोटे परिवार के फायदे पर भी प्रतिभागियों ने अपनी राय खुली चर्चा के दौरान रखी।

कार्यशाला का आयोजन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मीरा बघेल और जिला कार्यक्रम प्रबंधक मनीष मेजरवार के मार्गदर्शन में किया जा रहा है । जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के सहायक चिकित्सा अधिकारी डीएस परिहार ने कोविड-19 में तनाव प्रबंधन की ज़रुरत और प्रबंधन के बारे में जानकारी दी । कार्य स्तर पर अपनी परेशानियाँ एक समझदार दोस्त से साझा करने की बात भी प्रतिभागियों को बताई गयी।
जिला सलाहकार डॉ. सृष्टि यदु द्वारा ट्राफिक जवानो को तंबाकू और नशे की आदत से होने वाले शारीरिक और मानसिक नुकसान पर विस्तार से समझाया गया।डॉ. यदु ने तम्बाकू सेवन और नशेसे छुटकारा पाने के लिए सरकार द्वारा ज़िला चिकित्सालय से स्थित स्पर्श क्लीनिक के बारे में बताया गया। शहरी कार्यक्रम प्रबंधक ज्योत्सना ग्वाल द्वारा कोविड19 के खतरे और बचाव बारे प्रतिभागियों को विस्तार से बताया गया । विशेष रुप से कार्यस्थल पर शारीरिक दूरी को कैसे बनाए रखें,फेस मास्क की उपयोगिता और समय-समय पर हाथ धोने के साथ साथ नियमित रूप से पानी पीने की भी जानकारी दी गयी।
यातायात पुलिस के लगभग 400 जवान 7 दिन की कार्यशाला में भाग लेंगें। उप पुलिस अधीक्षक सतीश ठाकुर, तंबाकू नियंत्रण इकाई के सलाहकार अजय बैस सहित पुलिस प्रशासन के परिवहन विभाग के अधिकारी कर्मचारी शामिल उपस्थित रहे। -
- बाहर से आने वाले बंदियों को 30 दिनों तक किया जा रहा क्वारेंटीन- स्वास्थ्य सचिव के दिशा निर्देश पर जेलों में बरती जा रही विशेष सावधानी
रायपुर. 27 जून : कोविड-19 के संक्रमण की स्थिति को देखते हुए प्रदेश के सभी जेलों में विशेष सावधानी बरती जा रही है। जेल में एंट्री के समय हो या फिर बैरक में कैदियों को रखा जाना, हर चरण पर स्वच्छता और सावधानी रखी जा रही है ताकि पूर्व से जेल में रह रहे कैदी संक्रमित न हों। जेल प्रशासन द्वारा बाहर से आने वाले कैदियों को 30 दिन (अलग-अलग बैरक में ) क्वारेंटीन किया जा रहा है और पुनः मेडिकल जांच के बाद ही उन्हें सामान्य बैरक में भेजा जा रहा है।जेल में कोविड संक्रमण ना हो इसे देखते हुए बीते दिनों सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग निहारिका बारिक सिंह ने पुलिस महानिदेशक (जेल) को पत्र लिखकर राज्य के सभी जेलों में अभियोगाधीन (अंडर ट्रायल) या बाहर से लाए गए कैदियों को 14 दिन तक अलग सेल में रखकर क्वारेंटीन किए जाने का निर्देश दिया था। इसे देखते हुए जेल प्रशासन सेंट्रल जेलों में अतिरिक्त व्यवस्था के तहत तीन बैरक बनाकर बाहर से आने वाले कैदियों को क्वारेंटीन कर रही है। यही व्यवस्था सभी जिला जेलों में भी की गई है।
ऐसी है व्यवस्था- जेल डीआईजी डॉ.के.के. गुप्ता ने बताया कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए एहतियातन उपाय किए हैं। तीन बैरक बनाकर बाहर से आने वाले कैदियों को ( अलग-अलग समय सीमा में अलग- अलग बैरक में ) रखा जा रहा है। इस तरह 30 दिनों तक उन्हें अलग बैरक में रखने के उपरांत उनकी मेडिकल जांच की जाती है। सामान्य होने पर उन्हें सामान्य बैरक में भेजा जाता है। डॉ. गुप्ता के अनुसार बाहर से आने वाले बंदियों की जेल में घुसते समय मे़डिकल ऑफिसर और पैरा मेडिकल स्टाफ द्वारा थर्मल स्कैनिंग हो रही हैI उनकी हिस्ट्री और कांटेक्ट डिटेल और संपूर्ण जानकारी ली जा रही है। इसके बाद उन्हें सुरक्षा दृष्टिकोण से सामान्य नहीं बल्कि अलग बैरक ( सेल) में रखा जाता है। सभी बैरक में लिक्विड सोप, सेनीटाइजर की व्यवस्था है और सभी बंदियों को दो-दो वाशेबल मास्क दिए गए हैं। जेल के अंदर सभी बैरक, गेट, दरवाजों में भी सोडियम हाइपोक्लोराइड का छिड़काव नियमित किया जा रहा।
प्रदेश में इतनी जेल- राज्य में इस समय कुल 33 जेल है। इसमें 5 सेंट्रल जेल (रायपुर, बिलासपुर, जगदलपुर, अंबिकापुर एवं दुर्ग), 12 जिला और 16 उपजेल है। यहां 17000 से अधिक कैदी और बंदी रखे गए हैं। राजधानी रायपुर में कुल 2600 कैदी हैं। जेल प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक कोविड-19 संक्रमणकाल के दौरान प्रदेश भर से लगभग 7000 कैदियों, बंदियों को पैरोल, जिनकी सजा पूरी हो गई हो, अंतरिम जमानत या जमानत पर छोड़ा गया है।
परिजनों, वकीलों से मुलाकात बंद, है अलग व्यवस्था- प्रदेश के जेलों में कोविड के संक्रमण को देखते हुए घरवालों और वकीलों से मुलाकात बंद है। ऐसे में जेल प्रशासन की ओर से बंदियों के लिए जेल में अलग से परिजनों और वकीलों से कुशलक्षेम जानने के लिए जेलों में प्रिजन कॉलिंग सिस्टम की स्थापना की गई है ताकि बंदी टेलीफोन के माध्यम से अपने परिजनों और अधिवक्ताओं से बात कर सकें। ताकि बाहरी व्यक्तियों से संक्रमण ना फैले और कैदियों, बंदियों को अपने परिजनों और वकीलों से बातचीत भी हो जाए।













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